कोविड-19 के गंभीर मरीजों के लिए वरदान बनी 'डेक्सामेथासोन', WHO ने प्रारंभिक परिणामों का किया स्वागत
जेनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के गंभीर मरीजों पर असरदार दवा डेक्सामेथासोन के क्लीनिकल परीक्षण के प्रारंभिक परिणामों का स्वागत किया है। ब्रिटेन ने अस्थमा, फेफड़े की बीमारी और त्वचा रोग की दवा डेक्सामेथासोन का कोरोना संक्रमितों पर परीक्षण किया था। जिससे पता चला कि इससे कोरोना मरीजों की मृत्युदर में कमी देखने को मिली है। ट्रायल के दौरान पता चला कि वेंटिलेटर पर रहने वाले मरीजों को ये दवा दिए जाने पर मौत का खतरा एक तिहाई घट गया। वहीं ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों को ये दवा दिए जाने पर मौत का खतरा पांच तिहाई तक घटा है।
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इस दवा का असर उन मरीजों पर ज्यादा दिखा है जो गंभीर रूप से बीमार हैं। डब्लूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम ग्रेबेयेसस ने कहा, 'यह ऐसा पहला उपचार है, जिससे कोविड-19 के वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों की मृत्यु का जोखिम कम हो रहा है। ये एक बड़ी अच्छी खबर है और मैं इसके लिए ब्रिटेन की सरकार, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और ब्रिटेन के के कई मरीजों और अस्पतालों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने जीवन की रक्षा करने वाली इस वैज्ञानिक सफलता में अपना योगदान दिया है।' डब्लूएचओ के साथ शोधकर्ताओं ने डेक्सामेथासोन के क्लीनिकल परीक्षण के प्रारंभिक परिणामों को साझा किया है।
अब संगठन आने वाले दिनों में इसपर विस्तृत रूप से विश्लेषण करेगा। बता दें रिसर्च में कहा गया है कि, महामारी की शुरुआत से ब्रिटेन में मरीजों के इलाज के लिए इस दवा का इस्तेमाल किया गया होता तो 5,000 से अधिक लोगों की जान बचाई जा सकती थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस वाले 20 में से 19 मरीज अस्पताल में भर्ती हुए बिना ठीक हो जाते हैं। जो लोग अस्पताल में भर्ती हैं, उनमें से भी अधिकांश ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ को ऑक्सीजन या मकेनिकल वेंटिलेशन की आवश्यकता हो सकती है। ये उच्च जोखिम वाले मरीज हैं, जिन्हें डेक्सामेथासोन की मदद से बचाया जा सकता है।
कई और बीमारियों के दौरान पहले से इस दवा का इस्तेमाल इन्फ्लैमेशन घटाने के लिए किया जाता है। वेंटिलेटर वाले मरीजों पर भी इस दवा का अच्छा असर हुआ। उनकी मौत का खतरा 40 फीसदी से घटकर 28 फीसदी हो गया है। ऑक्सीजन सपोर्ट पर जो मरीज थे, उनमें मौत का खतरा घटकर 25 फीसदी से 20 फीसदी हो गया है। यह दवा काफी सस्ते दामों पर दुनियाभर में उपलब्ध है। कोरोना के एक मरीज का अगर डेक्सामेथासोन से दस दिन इलाज किया जाता है तो इसकी कुल लागत 5 पाउंड आएगी। यह दवा पूरी दुनिया में उपलब्ध है।
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