मैनचेस्टर हमलाः कौन था संदिग्ध हमलावर?
मैनचेस्टर में हमला करनेवाला लीबियाई मूल का संदिग्ध हमलावर मैनचेस्टर यूनाईटेड का समर्थक था.
ब्रिटेन की सुरक्षा एजेंसियों ने मैनचेस्टर में आत्मघाती हमला करनेवाले संदिग्ध हमलावर की पहचान कर ली है. पुलिस के अनुसार ये हमला संभवतः 22 साल के सलमान रमादान आबदी ने किया जिसने ख़ुद को उड़ा लिया. हमले में 22 लोगों की जान गई और लगभग 60 लोग घायल हो गए.
बीबीसी को मिली जानकारी के मुताबिक़ उसका जन्म मैनचेस्टर में 1994 में हुआ.
समझा जाता है कि उसके माता-पिता लीबियाई मूल के थे जो रिफ्यूजी के तौर पर ब्रिटेन आए थे.
माना जा रहा है कि उसके तीन भाई बहन हैं. सबसे बड़े भाई का जन्म लंदन में हुआ था और सबसे छोटे भाई और बहन का जन्म मैनचेस्टर में हुआ था.
आबदी की स्कूल की पढ़ाई मैनचेस्टर में ही हुई, वो मैनचेस्टर यूनाइटेड फ़ुटबॉल टीम का समर्थक था और एक बेकरी में काम करता था.
घर पर लगा रहता था लीबिया का झंडा
ऐसा माना जा रहा है कि आबदी ने हाल ही में विदेश यात्रा की थी.
आबदी का परिवार शहर में कई पतों पर रह चुका है, जिसमें फेलोफ़ील्ड में एल्समोर रोड पर स्थित वो घर भी शामिल है जहां पुलिस ने छापा मारा था.
अधिकारियों ने वैले रेंज के घर की भी तलाशी ली है.
ब्रिटेन में मैनचेस्टर में सबसे अधिक लीबियाई परिवार रहते हैं. पड़ोसी बताते हैं कि आबदी परिवार के घर पर साल के कुछ विशेष दिनों में लीबियाई झंडा लगा रहता था.
बीबीसी के गृह मामलों के संपादक मार्क एस्टन कहते हैं कि जिन इलाकों में छापा मारा गया वो हाल के दिनों में कई इस्लामिक चरमपंथियों के लिए जाना जाता रहा है.
इनमें से कई के संबंध सीरिया और लीबिया से हैं, जिनमें कुछ की मौत हो चुकी है और कुछ ज़िंदा हैं.
सैलफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी ने इस बात की पुष्टि की है कि आबदी वहां स्टूडेंट रहा था. यूनिवर्सिटी का कहना है कि वो पुलिस के साथ जांच में सहयोग कर रही है.
एक युवक को किया गया है गिरफ़्तार
डिड्सबरी मस्जिद के नाम से भी जाना जाने वाला मैनचेस्टर इस्लामिक सेंटर के एक ट्रस्टी ने समाचार एजेंसी प्रेस एसोसिएशन को बताया कि आबदी संभवतः वहां आता था.
फवाज़ हाफ़र ने कहा कि आबदी के पिता अक्सर इस मस्जिद में नमाज़ अदा करने आते थे और आबदी का एक भाई वहां वालंटियर के रूप में काम करता था.
हाफ़र इस बात पर जोर देते हैं कि ये मस्जिद आधुनिक और उदारवादी विचारों वाली रही है और वो जिस एडवाइज़री ग्रुप संगठन के सदस्य हैं वो पुलिस के साथ मिलकर काम करता है.
ग्रेटर मैनचेस्टर पुसिल प्रमुख कांस्टेबल इयन हॉपकिंस ने कहा कि आबदी का नाम औपचारिक रूप से पुलिस की डायरी में दर्ज नहीं था.
उन्होंने कहा कि जांचकर्ताओं के लिए सबसे ज़रूरी इस बात की पुष्टि करना है कि हमला आबदी ने अकेले किया या वो किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा था.
इस धमाके में 22 लोग मारे गए और 60 के क़रीब लोग घायल हुए थे. जांच के सिलसिले में 23 साल के एक युवक को भी गिरफ़्तार किया गया है.