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क्‍यूबा का क्रांतिकारी, एक था फिदेल कास्‍त्रो

आसान नहीं था क्‍यूबा के राष्‍ट्रपति रहे फिदेल कास्‍त्रो और अमेरिका का रिश्‍ता। दुनिया ने हमेशा माना एक विवादित नेता लेकिन भारत ने हमेशा किया था कास्‍त्रो का समर्थन।

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हवाना। अक्‍सर आपने गूगल पर एक ब्‍लैक व्‍हाइट फोटो देखी होगी जिसमें एक व्‍यक्ति टोपी पहने और सिगार दबाए नजर आया, यह व्‍यक्ति था क्‍यूबा के नेता फिदेल कास्‍त्रो।

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कास्‍त्रो शायद वर्ल्‍ड पॉलिटिक्‍स का एक ऐसा नाम है जिसने हर उम्र के लोगों को आकर्षित किया। चाहे 50 के दशक का युवा, या फिर 90 का दशक का या आज 21वीं सदी का युवा, दुनिया के हर हिस्‍से में बसे युवाओं में कास्‍त्रो के बारे में जानने को एक अलग ही उत्‍सुकता रही।

पढ़ें-क्‍यूबा के नेता फिदेल कास्‍त्रो का 90 वर्ष की आयु में निधनपढ़ें-क्‍यूबा के नेता फिदेल कास्‍त्रो का 90 वर्ष की आयु में निधन

शनिवार को खबर आई कि क्‍यूबा के इस नेता का निधन हो गया है। कास्‍त्रो को हमेशा से अमेरिका समेत कुछ देशों ने एक विवादित और बांटने वाला नेता माना।

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वहीं भारत के साथ उनके रिश्‍ते काफी करीबी थे। आइए आज हम आपको कास्‍त्रो के बारे में कुछ खास तथ्‍यों को बताते हैं जिन्‍होंने दुनिया की राजनीति को ही बदलकर रख दिया।

माता-पिता की अवैध संतान

माता-पिता की अवैध संतान

13 अगस्‍त 1926 को कास्‍त्रो का जन्‍म अमीर स्‍पैनिश जमींदार एंजेल कास्‍त्रो के घर हुआ था। कास्‍त्रो की मां लीना रुज, एंजेल की पहली पत्‍नी की कुक थीं और उनके घर का काम करती थीं। कास्‍त्रो की शुरुआती शिक्षा-दीक्षा सैंटियागो डे क्‍यूबा में हुई जहां पर उन्‍हें घर पर ट्यूशन पढ़ाया गया। इसके बाद उन्‍होंने हवाना के बोर्डिंग स्‍कूल में शिक्षा हासिल की। वर्ष 1945 से कास्‍त्रो हवाना की यूनिवर्सिटी में लॉ की पढ़ाई करने लगे। यहीं से राजनीति के लिए उनका प्रेम शुरू हुआ।

छात्र राजनीति में सक्रिय कास्‍त्रो

छात्र राजनीति में सक्रिय कास्‍त्रो

कास्‍त्रो ने कैरिबियाई द्वीप में अमेरिका की संलिप्‍तता की खुलकर आलोचना की और इसके साथ ही उन्‍होंने छात्र राजनीति की शुरुआत की। वह क्‍यूबा के राजनेता एड्यूआर्डो चिबास से जुड़े और फिर अमेरिकी प्रशासन के मुरीद राष्‍ट्रपति रैमॉन ग्रायू के आलोचक के तौर पर सामने आए। यहां से उनकी लोकप्रियता बढ़ने लगी।

चुनावों में सक्रिय हुए कास्‍त्रो

चुनावों में सक्रिय हुए कास्‍त्रो

वर्ष 1950 यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट होने के बाद कास्‍त्रो ने एक लॉ ऑफिस खोला और बाद में चुनावों में हिस्‍सा लिया। हालांकि चुनाव कभी हुए नहीं और फिर कास्‍त्रो ने विरोध प्रदर्शन का मन बनाया। 1953 में कास्‍त्रो ने 120 युवाओं के साथ मिलकर सैंटियागो डे क्‍यूबा में स्थित मोनकाडा आर्मी बैरक पर हमला किया। कास्‍त्रो को पकड़ लिया गया और फिर उन्‍हें 15 वर्ष की सजा सुनाई गई।

चे ग्‍यूवेरा से हुई मुलाकात

चे ग्‍यूवेरा से हुई मुलाकात

वर्ष 1955 में कास्‍त्रो को क्षमा दान मिला और फिर कास्‍त्रो मैक्सिको चले गए। यहां पर उनकी मुलाकात मैक्सिको के क्रांतिकारी नेता चे ग्‍यूवेरा से हुई और फिर कास्‍त्रो ने क्‍यूबा लौटने का मन बनाया। कास्‍त्रो, चे, उनके भाई राउल कास्‍त्रो और 81 और लोग इस्‍टर्न कोस्‍ट के जरिए क्‍यूबा में दाखिल हुए। यहां पर उन पर हमला हुआ जिसमें सिर्फ 18 लोगों ही बच सके। वर्ष 1957 तक कास्‍त्रो ने कई और लोगों को आकर्षित कर लिया था।

1959 में बने पीएम

1959 में बने पीएम

कास्त्रो हवाना आए और 16 फरवरी 1959 को उन्‍होंने क्‍यूबा के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली। इसी वर्ष अप्रैल में कास्‍त्रो अमेरिका की यात्रा पर गए और उनकी मुलाकात उस समय के उप-राष्‍ट्रपति रिचर्ड निक्‍सन से हुई। कास्‍त्रो ने कभी निक्‍सन को पसंद नहीं किया था।

हुई अमेरिका के साथ तनातनी की शुरुआत

हुई अमेरिका के साथ तनातनी की शुरुआत

वर्ष 1960 में कास्‍त्रो ने अमेरिका के अधिकार में आने वाले सभी तरह के बिजनेस का राष्‍ट्रीयकरण कर दिया और इसकी वजह से अमेरिका को क्‍यूबा के साथ सभी डिप्‍लोमैटिक रिश्‍ते तोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। साथ ही क्‍यूबा पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगाए गए और तनाव में इजाफा हुआ।

1400 क्‍यूबाई नागरिकों को निकाला

1400 क्‍यूबाई नागरिकों को निकाला

वर्ष 1960 में कास्‍त्रो ने 1400 क्‍यूबाई नागरिकों को निकाल दिया। ये वे लोग थे जिन्‍होंने अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसी सीआईए के साथ मिलकर कास्‍त्रो को हटाने के लिए ट्रेनिंग हासिल की थी। इस मुहिम में वह सफल नहीं हो सके। वर्ष 1961 में कास्‍त्रो ने खुद को मार्क्‍सवादी-लेनिनवादी घोषित किया।

सबसे ज्यादा राज करने वाला नेता

सबसे ज्यादा राज करने वाला नेता

कास्‍त्रो ब्रिटेन की महारानी क्‍वीन एलिजाबेथ और थाईलैंड के राजा के बाद तीसरे सबसे ज्यादा वक्त तक शासन करने वाले नेता थे। उन्होंने करीब 49 साल तक क्यूबा में शासन किया था।

सबसे लंबी स्पीच

सबसे लंबी स्पीच

कास्त्रो के नाम गिनीज वर्ल्ड बुक में सबसे लंबा भाषण देने का रिकॉर्ड है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में 4 घंटे और 29 मिनट का भाषण दिया था। जबकि क्यूबा में उन्होंने साल 1986 में 7 घंटे और 10 मिनट का भाषण दिया।

 634 बार हत्या की कोशिश

634 बार हत्या की कोशिश

कास्त्रो का दावा था कि उनको मारने के लिए विरोधियों ने 634 बार कोशिश की थी। ज्यादातर प्रयास अमेरिका की इंटेलीजेंस एजेंसी सीआईए ने किए थे। इसमें जहर की गोलियों से जहरीले सिगार, केमिकल सूट और पाउडर तक शामिल था।

10 अमेरिकी राष्ट्रपति देखे

10 अमेरिकी राष्ट्रपति देखे

कास्त्रो ने अपने 50 साल के शासन के दौरान अमेरिका के 10 राष्ट्रपति देखे। इसमें ड्वाइट डी आइजनहावर से लेकर डब्लू जॉर्ज बुश तक शामिल थे।

8 बच्चों का परिवार

8 बच्चों का परिवार

कास्‍त्रो के आठ बच्चे हैं जिनमें सबसे बड़े बेटे का नाम कास्त्रो डियाज बलार्ट है। उनकी दो बीवियां और दूसरी बीवी से उन्‍हें पांच बेटे हैं।

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English summary
Cuban leader Fidel Castro died at the age of 90. Castro has always been considered a controversial and divisive world figure.
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