WHO को मिलने वाली है कोरोना वायरस महामारी पर पहला अपडेट, क्या चीन को ठहरा जाएगा जिम्मेदार?
जेनेवा। पांच या छह अक्टूबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) का पैनल चीफ टेडरॉस एडहानोम ग्रेबेसियस को वह पहला अपडेट सौंपने वाला है जिसमें यह पता चलेगा कि कि आखिरी कोरोना वायरस महामारी चीन के वुहान से पूरी दुनिया में कैसी फैली और इस बीमारी की वजह क्या है। जुलाई में डब्लूएचओ की एक टीम चीन के दौरे पर गई थी। टीम ने महामारी की वजहों के साथ ही इस बात की जांच की थी कि आखिरी चीन ने संक्रमण को रोकने के लिए क्या किया था। यह एक स्वतंत्र जांच पैनल था जिसकी घोषणा टेडरॉस की तरफ से की गई थी।
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जुलाई में हुआ था पैनल का ऐलान
टेडरॉस की तरफ से जुलाई में उस समय जांच पैनल का ऐलान किया गया था जब वह अमेरिका समेत पूरी दुनिया में आलोचनाओं से घिर गए थे। वर्ल्ड हेल्थ एसेंबली (डब्लूएचए) में इसकी घोषणा की गई थी। बताया जा रहा है कि टेडरॉस को पहली अपडेट तो मिल जाएगी मगर इसकी रिपोर्ट अगले साल आएगी। अमेरिकी और फ्रांस समेत कुछ और देशों का आरोप है कि चीन ने संक्रमित वायरस को रोकने में लापरवाही बरती। वायरस पिछले वर्ष दिसंबर में वुहान से निकला था और अब पूरी दुनिया को चपेट में ले चुका है। चीन ने महामारी फैलने के शुरुआती हफ्तों में ही घरेलू उड़ानों को रोक दिया और वुहान में लॉकडाउन लगा दिया। लेकिन उसने इंटरनेशनल फ्लाइट्स को जारी रखा था। इसकी वजह से ही वायरस ने आज दुनिया के 188 देशों को चपेट में ले लिया है।
अब तक 31 मिलियन लोग संक्रमित
जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी ट्रैकर के मुताबिक अब तक यह वायरस दुनिया के 31 मिलियन लोगों को चपेट में ले चुका है और 10 लाख लोगों की जान चली गई है। दूसरी तरफ चीन, जहां से यह वायरस निकला वहां पर बस थोड़ी ही आबादी इसका शिकार बनी। चीन की तरफ से जो आंकड़ें जारी किए गए उसके मुताबिक 85,000 लोग ही संक्रमित हुए और 5,000 से कम लोगों की जान गई। जबकि अमेरिका और भारत इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले देश हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डब्लूएचओ की तरफ से दी गई प्रतिक्रिया को लेकर जांच की मांग तक कर डाली थी। ट्रंप का मानना है कि डब्लूएचओ ने शुरुआती दौर में इस महामारी से निबटने में लापरवाही बरती। इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका को संगठन से बाहर कर लिया।
ट्रंप ने की मांग, चीन को ठहराया जाए जिम्मेदार
ट्रंप, जमकर चीन पर भड़के और उन्होंने यूनाइटेड नेशंस (यूएन) में भी अपील की कि चीन को इस महामारी के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। जबकि कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि शायद ही कभी ऐसा हो पाए। जो पैनल महामारी पर पहली अपडेट डब्लूएचओ को सौंपेगा उसमें न्यूजीलैंड की पूर्व पीएम हेलन क्लार्क के अलावा लाइबेरिया के पूर्व राष्ट्रपति एलन जॉनसन श्रीलीफ शामिल हैं। यह अपडेट डब्लूएचओ के लिए चीन को लेकर काफी अहम साबित हो सकता है। हालांकि टेडरॉस और पैनल की तरफ से पहले ही कहा जा चुका है कि यह स्वतंत्र जांच पैनल किसी खामी को तलाशने के लिए नहीं है बल्कि अगली महामारी से कैसे निबटा जा सकता है, इसे लेकर बनाया गया है।
मई में आएगी फाइनल रिपोर्ट
पैनल अगले साल मई में होने वाली वर्ल्ड हेल्थ एसेंबली (डब्लूएमए) में अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपेगी। लेकिन इससे पहले इसकी मीटिंग्स लगातार होती रहेंगी। नौ से 14 नवंबर तक पैनल की एक ऐसी ही मीटिंग होने वाली है। चीन का आलोचक अमेरिका इस पैनल का सदस्य नहीं है। जबकि भारत की तरफ से प्रीति सूदान जो एक रिटायर्ड सिविल सर्वेंट हैं, उन्हें डब्लूएचओ के पैनल की सदस्य हैं। चीन की तरफ से झोंग नानशान को पैनल में भेजा गया है। झोंग चीन के पलमोनॉलिजिस्ट हैं और कोरोना वायरस महामार से निबटने के लिए चीनी मीडिया ने उनकी काफी तारीफ की है।