चीन के ‘सांपों के बाजार’ में WHO की टीम की जांच, हर वक्त घेरे रहते हैं चीनी अधिकारी
कोरोना वायरस की उत्पति को लेकर WHO की जांच टीम वुहान के सांपों के बाजार में जांच कर रही है।
WHO Team in china Snake Market: चीन: कोरोना वायरस (Corona Virus) के उद्गम स्थल का पता रही WHO की टीम चीन (China) के वुहान (Wuhan) शहर में स्थित 'सांपों के उस बाजार' (Snake Market) में जांच के लिए पहुंच गई है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वहीं से कोरोना वायरस निकला था। सबसे पहले कोरोना वायरस चीन के वुहान में ही मिला था जिसके बाद चीनी सरकार ने वुहान में 76 दिनों का लॉकडाउन (Lockdown) लगा दिया था। आरोप है कि चीन ने दुनिया से कोरोना वायरस को लेकर झूठ बोला जिसका खामियाजा दुनिया को भुगतना पड़ रहा है।
'सांपों के बाजार' का मुआयना
WHO की जांच टीम जब वुहान के सबसे बड़े सांपों के बाजार में पहुंची तो टीम के साथ चीन के कई बड़े अधिकारी भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि चीनी अधिकारियों ने एक पल के लिए भी WHO की टीम का साथ नहीं छोड़ा। WHO की टीम पैदल ही पूरे मार्केट में पड़ताल कर रही थी। बताया जा रहा है कि टीम ने कई महत्वपूर्ण सबूत वुहान के बाजार से जुटाए हैं। WHO की टीम में पशुचिकित्सा, विषाणु विज्ञान, खाद्य सुरक्षा और महामारी विज्ञान में विशेषज्ञता वाले सदस्य शामिल हैं। जिन्होंने अब तक संक्रमण के शुरूआती केन्द्र और वुहान और हुबेई प्रांत के दो अस्पतालों में पड़ताल की है। वहीं WHO की टीम ने कई डॉक्टरों से भी बात की है। शनिवार को WHO की टीम ने COVID-19 के प्रारंभिक इतिहास को समर्पित एक म्यूजियम का भी दौरा किया।
जिनेवा स्थित डब्ल्यूएचओ की टीम ने गुरुवार को ट्विटर पर जानकारी देते हुए कहा कि WHO की टीम की योजना अस्पतालों और बाजारों सहित वुहान स्थित सीफूड मार्केट की यात्रा करने की है, जो कोविड-19 के पहले कई संक्रमण फैलने से जुड़ा हुआ है। WHO की टीम ने वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और प्रयोगशालाओं को वुहान सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल में भी पड़ताल की है।
चीन की पैंतरेबाजी
चीन से आ रही रिपोर्ट के मुताबिक WHO की जांच टीम जहां भी जाती है, टीम के साथ चीन के दर्जनों अधिकारी भी मौजूद रहते है। चीनी अधिकारियों की वजह से वुहान के स्थानीय लोग WHO की टीम के सामने अपना मुंह नहीं खोलते हैं। रिपोर्ट ये भी है कि चीनी अधिकारी पहले ही लोगों को मुंह बंद रखने की चेतावनी दे चुके हैं। चीन पहले से ही कोरोना वायरस के चीन में पैदा होने की बात से इनकार करता रहा है। जब अमेरिका ने पिछले साल मार्च में जांच टीम बनाकर चीन भेजने की बात की थी तो चीन ने जांच की किसी भी बात से इनकार कर दिया था। वहीं, WHO की जांच टीम का गठन पिछले साल मई में किया गया था और इस साल जनवरी में चीन ने WHO की जांच टीम को वुहान जाने की इजाजत दी है।
इस बीच चीन के वुहान में बाढ़ भी आई थी। बताया तो ये भी जाता है कि चीन पहले ही कोरोना वायरस से जुड़े तमाम सबूतों को नष्ट तक चुका है। इसके साथ ही चीन ये भी आरोप लगा चुका है कि कोरोना वायरस चीन में नहीं बल्कि अमेरिका या दक्षिण अफ्रीका महाद्वीप के किसी देश में उत्पन्न होकर पूरी दुनिया में फैला है।
कोरोना वायरस पर चीन का झूठ
चीन लगातार ये प्रोपेगेंडा फैलाता रहा कि कोरोना चीन में दूसरे देश से आया है। चीनी सरकार ने कई बार ये झूठ फैलाने को कोशिश की, कि चीन में मीट का आयात दूसरे देशों से होता है और मीट के साथ ही कोरोना वायरस चीन पहुंचा है। हालांकि, चीन इस थ्योरी को लेकर दुनिया के सामने एक भी सबूत पेश नहीं कर पाया। की वैज्ञानिकों का कहना है कि जब दुनिया के दूसरे देश कोरोना संक्रमण को काबू करने में पूरी तरह से नाकामयाब रहे तो फिर चीन में कोरोना वायरस वुहान के अलावा दूसरे राज्यों में क्यों नहीं फैला?
जानकारों का कहना है कि चीन के वुहान शहर से ही कोरोना वायरस फैला है लेकिन चीन ने वुहान में लॉकडाउन लगाकार कोरोना वायरस को बाकी शहरों में नहीं फैलने दिया। जबकि, चीन ने कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर दुनिया के दूसरे देशों को आगाह नहीं किया। वहीं कुछ वैज्ञानिकों ने ये भी आशंका जताई है कि कोरोना वायपस किसी चमगादड़ या किसी दूसरे वन्यजीव से नहीं, बल्कि चीन की किसी प्रयोगशाला में तैयार किया गया जैविक बम है जो गलती से प्रयोगशाला से बाहर आ गया।
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