चीन ने WHO जांच टीम से छिपाई सच्चाई, वुहान में खतरनाक स्तर तक फैला था कोरोना, कई स्ट्रेन आ गये थे सामने
चीन पहले दिन से कोरोना वायरस पर झूठ बोलता आ रहा है। और WHO की टीम ने चीन के झूठ की एक बार फिर से पोल खोली है।
वाशिंगटन: चीन पहले दिन से कोरोना वायरस पर झूठ बोलता आ रहा है। और WHO की टीम ने चीन के झूठ की एक बार फिर से पोल खोली है। WHO की टीम के हेड पीटर बेन इम्बरेक ने एक इंटरव्यू में कहा है कि चीन में कोरोना वायरस ने खतरनाक कहर बरपाया था मगर चीन लगातार दुनिया के सामने झूठ बोलता रहा।
वुहान में खतरनाक स्तर पर था कोरोना
अमेरिकी न्यूज चैनल CNN को दिए इंटरव्यू में WHO जांच टीम के पीटर बेन इम्बरेक ने कहा है कि चीन ने वुहान कोरोना वायरस को लेकर सच्चाई छिपाई है। चीन ने आधिकारिक आंकड़ों में बताया है कि 2019 दिसंबर में वुहान में सिर्फ 174 संक्रमित मरीज मिले थे जबकि ये आंकड़ा हजार से ज्यादा हो सकता है। उन्होंने अपने इंटरव्यू में कहा कि हमने वुहान में कोई मॉडल सैम्पलिंग नहीं की है लेकिन हमारा मानना है कि वुहान की एक बड़ी आबादी कोरोना वायरस संक्रमण का शिकार हो चुकी होगी जिनमें 15% से ज्यादा मरीज गंभीर होंगे। लेकिन चीन ने कोरोना वायरस की शुरूआती जांच रिपोर्ट और आंकड़े देने से इनकार कर दिया।
अपने इंटरव्यू में WHO जांच टीम के हेट पीटर बेन इम्बरेक ने कहा है कि 2019 में ही कोरोना वायरस चीन में व्यापक स्तर पर फैल चुका था। इतना ही नहीं, 2019 दिसंबर में ही चीन में कोरोना वायरस के दर्जन भर से ज्यादा स्ट्रेन मिल चुके थे, जिसकी जानकारी चीन ने दुनिया से छिपाई। अपने इंटरव्यू में पीटर बेन इम्बरेक ने कहा कि उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण का शिकार पहले मरीज से भी बात कि जिसका कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं था। पहला मरीज एक ऑफिस में काम करता था।
दिसंबर से पहले ही आ चुका था कोरोना
WHO जांच टीम के हेड पीटर ने CNN से कहा कि दिसंबर 2019 में कोरोना वायरस के पहले केस के बारे में WHO टीम को वुहान में बताया गया जबकि तब तक वुहान में कोरोना के कई स्ट्रेन भी आ चुके थे, यानि चीन लगातार सच्चाई छिपाता रहा। पीटर ने इस बात की भी आशंका जताई है कि दिसंबर से पहले ही चीन में कोरोना वायरस आ चुका होगा, मगर चीन ने सच्चाई बाहर आने नहीं दी। पीटर ने कहा कि दुनियाभर से आवाजें उठ रही थीं कि चीन में जांच होनी चाहिए मगर चीन लगातार इनकार करता रहा और उसने कई महत्वपूर्ण तथ्य और रिपोर्ट WHO टीम से साझा नहीं किए जो बेहद जरूरी थे। डॉ. पीटर ने कहा कि कोई भी वायरस लंबे वक्त में कई बार म्यूटेट होता और उसके कई स्ट्रेन सामने आते हैं, वायरस के साथ ऐसा स्वाभाविक है, जिससे अंदाजा लगता है कि चीन ने कोरोना पर सच्चाई छिपाने का काम किया।
चीन में अभी भी कई सबूत
CNN को दिए इंटरव्यू में WHO जांच टीम के पीटर बेन इम्बरेक ने कहा कि हमने कोरोना वायरस के शुरूआती मामलों के बायलोजिकल जांच रिपोर्ट देखने की मांग की थी दो उन्हें मुहैया नहीं कराया गया। वहीं, डॉक्टर इम्बरेक ने कहा कि वुहान हॉस्पीटल में शुरूआती मामलों के करीब 2 लाख ब्लड और बायलॉजिकल सैम्पल मौजूद हैं और अगर हमें इजाजत मिलती हैं, तो हम उसकी भी जांच करना चाहेंगे। इसके साथ ही डॉक्टर पीटर ने कहा कि हमारी जांच में कुछ और बॉयलॉजिकल रिपोर्ट जो काफी महत्वपूर्ण हो सकते थे, वो भी वुहान लैब से गायब था। वहीं, कुछ रिपोर्ट्स को गायब कर दिया था, जिसकी वजह हमें नहीं पता है। WHO जांच टीम ने कहा है कि हम तमाम सबूतों के आधार पर अभी जांच कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि हम सच्चाई तक पहुंच सकेंगे।