WHO ने कहा- कोरोना वायरस को लेकर चीन ने नहीं दी थी पहली सूचना
नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि कोरोना वायरस को लेकर पहली अलर्ट चीन की ओर से नहीं मिला था। इसकी पहली सूचना उनके (डब्ल्यूएचओ) दफ्तर ने ही दी थी। डब्ल्यूएचओ की ओर से कहा गया है कि चीन के वुहान में निमोनिया जैसे मामलों के बारे में सबसे पहले चीन में हमारी ओर से सूचना दी गई ना कि चीन की ओर से। डब्ल्यूएचओ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उन आरोपों को भी खारिज किया है जिसमें ट्रंप ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र की यह संस्था महामारी की सूचनाओं को मुहैया कराने में असफल रही और चीन को खुश करने में लगी रही।
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डब्ल्यूएचओ की ओर से इस सप्ताह जारी टाइमलाइन के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ के चीन ऑफिस ने 31 दिसंबर को 'वायरल निमोनिया' के बारे में उसे जानकारी दी थी। डब्ल्यूएचओ के चीन ऑफिस को वुहान के हेल्थ कमिशन की वेबसाइट से इसकी जानकारी मिली थी। उसी दिन डब्ल्यूएचओ को अंतरराष्ट्रीय संक्रामक रोग सर्विलांस नेटवर्क प्रोमेड से भी जानकारी मिली थी कि वुहान में अज्ञात कारणों से निमोनिया के मामले सामने आए हैं। शुक्रवार को डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन मामलों के डायरेक्टर माइकल रायन ने कहा कि चीन ने पुष्टि होने के बाद उन्हें तत्काल इसकी सूचना दी थी।
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपात संबंधी स्थितियों के प्रमुख डॉ. माइकल रयान ने कहा है कि हमें कोरोना वायरस संक्रमण के मौजूदा दौर से लड़ने की जरूरत है ना कि इस पर ध्यान देने की कि इस संक्रमण का दूसरा दौर कब आएगा। उन्होंने कहा कि अगर लोग कोरोना वायरस के मौजूदा दौर से लड़ने का सबक सीखते हैं तो दूसरे दौर से लड़ने में दुनिया काफी हद तक बेहतर स्थिति में होगी। उनका कहना है कि सरकारों को अपने देशों में बीमारी की स्थिति पर आधारित नीतियों की रूपरेखा बनानी चाहिए। रयान ने कहा कि दुनिया भर में कोरोना वायरस के पहले दौर में दूसरी बार सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं।
बता दें कि दुनियाभर में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पुरी दुनिया में 1.11 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। पूरी दुनिया में कोरोना से मरने वालों की संख्या पांच लाख के पार पहुंच गई है।
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