डब्ल्यूएचओ ने किया खुलासा, अमेरिका ने वुहान लैब से कोरोना महामारी फैलने के नहीं दिए सबूत
डब्ल्यूएचओ ने किया खुलासा, अमेरिका ने वुहान लैब से कोरोना महामारी फैलने के नहीं दिए सबूत
नई दिल्ली। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने दावा किया था कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान स्थित लैब से होने के उनके पास पुख्ता सबूत है।पोम्पियो ने हालांकि यह नहीं बताया था कि क्या चीन ने इस वायरस को जान बुझकर फैलाया है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन पर कोरोना वायरस को लेकर सबसे ज्यादा आक्रामक रहे हैं। वह लगातार बीजिंग पर हमला करते हुए उस पर सूचना छुपाने का दोष मढ़ते रहे हैं। उनका कहना है कि इस गैरजिम्मेदारी के लिए चीन को जवाबदेही लेनी चाहिए।
डब्लूएचओ ने बताई ये बात
इतना ही नहीं दुनिया भर में प्रलय बन चुके कोरोनावायरस के लिए अमेरिका ने पिछले दिनों दावा किया था कि कि चीन ने एक विशेष उद्देश्य से इस वायरस को वुहान की लैब में पैदा किया ताकि वह बता सके कि उसके वैज्ञानिक अमेरिकी वैज्ञानिकों से कहीं आगे हैं। लेकिन वर्ल्ड हेल्थ ऑरगनाइजेशन यानी कि डब्लूएचओ ने खुलासा किया हैं कि कारोना महामारी वुहान की लैब से फैलने के अमेरिका ने अभी तक कोई सबूत नहीं दिया हैं।
अमेरिका ने चाइना पर लगाया हैं ये आरोप
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अमेरिकी सरकार ने ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों के मनगंढत दावे का समर्थन करने के लिए कोई अभी तक कोई भी सबूत नहीं दिया है, जो यह दावा करता है कि कोविड-19 वुहान की एक लैब में पैदा हुआ था। मालूम हो कि चीन ने अमेरिका द्वारा लगाए गए ऐसे आरोपों को शुरु से ही सिरे से खारिज किया है। मालूम हो कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार बोल रहे हैं कि उनके पास इस बात का सबूत है कि वायरस की उत्पत्ति चाइना के वुहान शहर की एक लैब में हुई। जबतक कि वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि पिछले साल यह कोरोना वायरस चाइना की मीट मार्केट से जानवरों से मनुष्यों के अंदर प्रवेश किया था। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने शनिवार को कहा कि उनके पास अपनी बात साबित करने के लिए कई सारे सबूत हैं। लेकिन अभी तक वो कोई सबूत पेश नहीं कर पाएं हैं।
डब्ल्यूएचओ में आपात स्थिति के निदेशक कहा ये अटकलबाजी है
डब्ल्यूएचओ में आपात स्थिति के निदेशक डॉक्टर माइकल रायन ने ये बात बताते हुए कहा कि ट्रंप प्रशासन ने सार्वजनिक रूप से न तो इन सबूतों को पेश किया है और ही डब्ल्यूएचओ को दिए हैं। डाक्टर माइकल ने कहा कि 'इसलिए हमारे दृष्टिकोण से, यह केवल अटकलबाजी हैं। किसी भी साक्ष्य-आधारित संगठन की तरह, हम ऐसी किसी भी जानकारी को प्राप्त करने के लिए तैयार हैं जो वायरस की उत्पत्ति को लेकर दावा करता हो। उन्होंने कहा कि 'यह भविष्य के नियंत्रण के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सूचना के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण लेख है। यदि ऐसा कोई डाटा या सबूत उपलब्ध है तो इसका फैसला अमेरिकी सरकार को करना है कि उसे साझा किया जाए या नहीं लेकिन डब्ल्यूएचओ के लिए सूचना के अभाव में काम करना मुश्किल है।'
निदेशक ने कही थी ये बात
बता दें डब्ल्यूएचओ के आपात कार्यक्रमों के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर माइक रायन ने जिनेवा में प्रेस कान्फ्रेंस में कहा था कि डब्ल्यूएचओ के लिए चीनी वैज्ञानिकों के डाटा से सीखना और साथ मिलकर जवाब ढूंढने के लिए ज्ञान प्राप्त करना महत्वपूर्ण था।
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