मिसाइल अटैक में मारे गए थे पाक पीएम अब्बासी के अब्बू, जानिए कहां हैं उनकी जड़ें?
न्यूयॉर्क। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी अमेरिका अपनी पर्सनल विजिट पर गए थे और यहां पर उन्हें कड़ी सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ा।अब्बासी, न्यूयॉर्क में अपनी बीमार बहन को देखने गए थे। कहा जा रहा है कि उनकी सुरक्षाजांच के लिए अधिकारियों ने सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। अब्बासी पहले भी कई बार कई देशों के निजी ट्रिप पर जा चुके हैं। अब्बासी को पिछले वर्ष उस समय पाकिस्तान का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था जब पनामा पेपरगेट में फंसे नवाज शरीफ को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अपना पर छोड़ना पड़ा था। अब्बासी, नवाज के करीबी हैं और उनके सबसे वफादार सिपहसलारों में से एक हैं। अब्बासी भी नवाज की ही तरह एक अमीर राजनीतिक खानदान से ताल्लुक रखते हैं। जब उन्हें पाकिस्तान का पीएम नियुक्त किया गया तो लोगों ने कहा था कि अब्बासी किस्मत के भी अमीर हैं क्योंकि उनके नाम का ऐलान कई लोगों के लिए चौंकाने वाला था। आइए आपको बताते है कि अब्बासी कौन हैं और राजनीति से अलग उनकी जिंदगी कैसी है।
रावलपिंडी के रहने वाले अब्बासी
58 वर्ष के शाहिद खाकन अब्बासी पंजाब प्रांत के रावलपिंडी जिले में आने वाले मुरी के रहने वाले हैं। नवाज की सरकार में अब्बासी पेट्रोलियम मिनिस्टर थे। राजनीति में उनकी एंट्री पहले से तय नहीं थी और वह अचानक ही राजनीति का हिस्सा बन गए थे। इसलिए ही जब उन्हें पीएम बनाया गया तो कई लोगों को हैरानी हुई थी। उनका मानना था कि अब्बासी शायद इस पद के लिए उपयुक्त नहीं हैं। शरीफ का सबसे बड़ा समर्थक होने की वजह से ही उन्हें पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने अंतरिम प्रधानमंत्री चुना था।
जेल में भी रहे अब्बासी
साल 1999 में जब परवेज मुशर्रफ के तख्तापलट की वजह से नवाज की सत्ता चली गई थी तो भी अब्बासी, नवाज शरीफ के साथ खड़े थे। तख्तापलट के बाद अब्बासी ने दो वर्ष जेल में भी बिताए थे। जहां शरीफ के करीबी एक-एक करके उनका हाथ छोड़कर चले गए तो अब्बासी उनके मुश्किल के समय हर पल उनके साथ खड़े रहे थे।
अमेरिका से पढ़ाई करने वाले अब्बासी
अब्बासी की शुरुआत पढ़ाई कराची में हुई और इसके बाद वह मुरे के लॉरेंस कॉलेज आ गए। साल 1978 में अब्बासी, लॉस एंजेल्स में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया गए और यहां पर उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्हें बतौर इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में अपना करियर शुरू किया। साल 1985 में उन्होंने जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया और यहां से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की। जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद इसी विषय में बतौर प्रोफेसर उन्होंने अपना करियर शुरू किया। इसके बाद साल 1980 तक अमेरिका में काम करने के बाद वह सऊदी अरब चले गए और यहां पर उन्होंने कई एनर्जी प्रोजेक्ट्स के साथ काम किया।
पिता की मौत के बाद आए राजनीति में
अब्बासी के पिता खाकन अब्बासी, पाकिस्तान एयरफोर्स में एयर कमोडोर थे लेकिन अपनी नौकरी छोड़कर उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया था। जिया-उल-हक की कैबिनेट में उन्हें मंत्री भी बनया गया। सरल 1988 में रावलपिंडी में ओझरी कैंप दुर्घटना के दौरान एक मिसाइल उनके पिता की कार पर ब्लास्ट हो गया था। इस हादसे में उनकी मौत हो गई और इसके बाद वह राजनीति में शामिल हुए।
राजनीति में आए अब्बासी
पिता
की
मौत
के
बाद
साल
1988
में
ही
अब्बासी
ने
अपना
राजनीतिक
करियर
शुरू
किया
था।
अब्बासी
छह
बार
चुनाव
जीत
चुके
हैं
साल
1988,
1990,
1997,
2008
और
2013
और
अब
तक
सिर्फ
एक
बार
साल
2002
में
ही
चुनावों
में
उन्होंने
हार
का
सामना
किया
है।
साल
1990
में
जब
उन्होंन
े
दूसरी
बार
चुनाव
जीत
तो
उन्हें
रक्षा
सचिव
बनाया
गया
था।
साल
2008
में
जब
पाकिस्तान
में
युसूफ
रजा
गिलानी
की
सरकार
थी
तो
अब्बासी
के
पास
कॉमर्स
और
रक्षा
मंत्रालय
था।
सबसे अमीर सांसद अब्बासी
अब्बासी को एविएशन में खासा इंट्रेस्ट है और एक स्काई डाइवर भी हैं। वह पाकिस्तान के पहले ऐसे पीएम हैं जिन्होंने एफ-16 फाइटर जेट और मिलिट्री हेलीकॉप्टर भी उड़ाया है। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि वह एक करीब 40 वर्षों तक पायलट रहे हैं। इन सबके अलावा अब्बासी ने पाकिस्तान में साल 2003 में एयर ब्लू एयरलाइंस को शुरू किया था और साल 2007 तक इसके चेयरमैन भी रहे। आज भी यह पाकिस्तान की सबसे सफल एयरलाइन है। अब्बासी की संपत्ति साल 2013 की रिपोर्ट के मुताबिक 1.3 बिलियन से लेकर 2.3 बिलियन रुपए तक है। उनकी संपत्ति में एयरब्लू के शेयर्स के अलावा इस्लामाबाद में एक घर, रेस्टोरेंट का बिजनेस और मुरी में एक जमीन शामिल है।