क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

जानिए कौन हैं नादिया मुराद जिन्‍होंने जीता है शांति का नोबेल और क्‍या है उनकी कहानी

Google Oneindia News

ओस्‍लो। साल 2018 के नोबेल शांति पुरस्‍कार के लिए 25 वर्ष की नादिया मुराद के नाम का ऐलान किया गया है। नादिया के साथ नोबेल शांति पुरस्‍कार डॉक्‍टर डेनिस मुकवेगे को भी दिया जाएगा। दोनों को नोबेल का शांति पुरस्‍कार उनकी उन कोशिशों के लिए दिया जा रहा है, जिसमें उन्‍होंने युद्ध के हथियार के तौर पर यौन उत्‍पीड़न को खत्‍म करने की कोशिशें की थी। नादिया साल 2015 में एक ऐसा नाम बन गई थीं जिन्‍होंने दुनिया के सामने खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस का वह चेहरा सामने लाकर रखा था जिसके बारे में सिर्फ सुना गया था। याजिदी समुदाय की नादिया ने बताया कि कैसे आईएसआईएस के आतंकी लड़कियों को सेक्‍स गुलाम बनाकर अपने मंसूबे पूरे करते हैं। नादिया इराक की पहली नागरिक भी हैं जिन्‍हें यह पुरस्‍कार हासिल हुआ है।

Recommended Video

Nobel Peace Prize Winner Nadia Murad Biography | Nadia Murad History | वनइंडिया हिंदी
सिंजर की रहने वाली नादिया

सिंजर की रहने वाली नादिया

नादिया इराक के सिंजर की रहने वाली थीं। सिंजर, उत्‍तरी इराक में आता है और सीरिया से सटा हुआ है। अपने परिवार के साथ वह एक खुशहाल जिंदगी जी रही थीं लेकिन साल 2014 में जब इराक पर आईएसआईएस के जुल्‍म की शुरुआत हुई तो सब बदल गया। दिसंबर 2015 को नादिया यूनाइटेड नेशंस की सिक्‍योरिटी काउंसिल के सामने थीं। यहां पर नादिया ने बताया कि आईएसआईएस के आतंकी बेहोश होने तक उनके साथ बलात्‍कार करते थे। आतंकियों ने उन्‍हें आईएसआईएस के ही एक और आतंकी के घर पर रखा हुआ था।

इस्‍लाम कुबूल करने का दबाव

इस्‍लाम कुबूल करने का दबाव

नादिया ने यूएन के सामने बताया था कि कि अगस्‍त 2014 को आईएसआईएस के आतंकियों ने उनके और 150 याजिदी परिवारों के साथ याजिदी लड़कियों को अगवा कर लिया था। यहां से इन सभी को इराक के शहर मोसुल ले जाया गया था। नादिया ने बताया कि आईएसआईएस ने करीब तीन माह तक उन सभी को अपना सेक्‍स स्‍लेव बनाकर रखा।इराक के सिंजर में आईएसआईएस के आने से पहले याजिदी समुदाय के लोग रहते थे। सिंजर के गांव कोचों में नादिया का घर था। एक दिन अचानक उनके गांव में आईएसआईएस आतंकियों का फरमान आया। आतंकियों ने सभी पर इस्‍लाम कुबूल करने का दबाव डाला।

नादिया के भाईयों को भी मारा

नादिया के भाईयों को भी मारा

नादिया ने यूएन में आए तमाम देशों के प्रतिनिधियों के सामने उन पर हुए जुल्‍मों के बारे में बताया। नादिया ने बताया कि उनके माता-पिता और सभी लोग घर से बाहर आए। आतंकियों महिलाओं को एक बस में भरकर कहीं ले गए और गांव के 300 से ज्‍यादा पुरुषों को गोली मार दी। नादिया के भाई भी मार दिए गए थे और गांव की बूढ़ी औरतों को भी मार दिया गया।नादिया ने बताया कि आतंकी सभी लड़कियों को आपस में किसी सामान की तरह बदलते थे। आतंकियों से डरकर कई लड़कियों ने छत से कूदकर जान तक दे दी थी।

प्रार्थना के बहाने करते थे रेप

प्रार्थना के बहाने करते थे रेप

नादिया ने भी भागने की कई कोशिशें की थीं लेकिन वह पकड़ ली जातीं और फिर उनकी पिटाई की जाती। नादिया यूएन सिक्‍योरिटी काउंसिल के बाद इजिप्‍ट की राजधानी काइरो की यूनिवर्सिटी भी गर्इं। यहां पर नादिया ने बताया कि आतंकी उन पर प्रार्थना करने का दबाव डालते और फिर वह उनके साथ बलात्‍कार करते थे। नादिया के हालातों ने उन्‍हें काफी मजबूत बना दिया था। एक दिन मौका पाकर वह कैदखाने से भाग निकलीं और मोसुल के शरणार्थी कैंप में पहुंचीं। हालांकि नादिया कैसे भागी इस बारे में कुछ नहीं बताती क्‍योंकि उन्‍हें लगता है कि ऐसा करने से बाकी लड़कियों पर खतरा बढ़ सकता है।नादिया ने अपनी कहानी यूएन के ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर आयोजित एक सम्‍मेलन के दौरान सुनाई थी। नादिया ने यहां पर दुनिया के सभी देशों से अपील की थी कि वे आईएसआईएस का खात्‍मा करे। आपको बता दें कि करीब 5,000 याजिदी महिलाओं को आतंकियों ने बंधक बनाया हुआ था।

Comments
English summary
All about Nadia Murad from IS slave to Nobel laureate.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X