जानिए कौन हैं राजनाथ सिंह से मीटिंग की रिक्वेस्ट करने वाले जिनपिंग के फेवरिट चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई
मॉस्को। लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर पिछले चार माह से चले आ रहे टकराव के बीच आज रूस की राजधानी मॉस्को में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंगे से मुलाकात करेंगे। चार से छह सितंबर तक रक्षा मंत्री राजनाथ, मॉस्को में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) सम्मेलन के लिए मॉस्को में हैं। गौरतलब है कि पहले राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री की अलग से कोई भी मुलाकात नहीं होनी थी। लेकिन चीनी रक्षा मंत्री की तरफ से इस मीटिंग की रिक्वेस्ट की गई थी। जनरल वेई राष्ट्रपति शी जिनपिंग के फेवरिट हैं और चीन की रॉकेट फोर्स के कमांडर रह चुके हैं।
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टकराव के बीच पहली बड़ी मीटिंग
पांच से मई से पूर्वी लद्दाख में जारी टकराव के बीच यह पहली बड़ी मीटिंग होगी। इस बीच 15 जून में गलवान घाटी हिंसा और 30 अगस्त को चुशुल में चीन की तरफ से घुसपैठ की कोशिशें की गईं। जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मोदी सरकार में नंबर दो की हैसियत रखते हैं तो वहीं जनरल वेई, चीन की मिसाइल फोर्स के पूर्व कमांडर रह चुके हैं। वर्तमान समय में वह स्टेट काउंसिलर हैं और चीन के सबसे ताकतवर सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) के सदस्य हैं। जनरल वेई साल 2018 में भारत के दौरे पर आए थे। साल 2017 में डोकलाम विवाद के बाद चीन की तरफ से यह पहला राजनीतिक दौरा था जिसे रिश्तों के लिए बहुत अहम माना गया था। जनरल वेई का वह भारत दौरा चार दिनों तक चला था।
27 चीनी मिलिट्री अफसरों के साथ किया था भारत का दौरा
जनरल वेई के साथ साल 2018 में चीन का 27 सदस्यों वाला एक मिलिट्री डेलीगेशन भी भारत आया था। इस प्रतिनिधिमंडल में छह लेफ्टिनेंट और मेजर जनरल शामिल थे। 66 साल के जनरल वेई, पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) की रॉकेट फोर्स को कमांड कर चुके हैं। इसे पहले सेकेंड आर्टिलरी कोर के तौर पर जाना जाता था। वह इस समय चीन के फर्स्ट रैंक्ड स्टेट काउंसिलर हैं। दिसंबर 1970 में जब वेई की उम्र सिर्फ 16 साल थी तो उन्होंने पीएलए को ज्वॉइन कर लिया। साल 1984 में सेकेंड आर्टिलरी कमांड एकेडमी के कमांड डिपार्टमेंट से ग्रेजुएट हुए और फिर जनरल की रैंक तक आए। 18 साल की उम्र यानी 1972 में वह चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बन गए थे।
'युद्ध करना है तो करिए, छेड़ा तो चुप नहीं बैठेंगे'
पिछले वर्ष जून में जनरल वेई ने ताइवान और साउथ चाइना सी को लेकर दुनिया को वॉर्निंग दी थी। उन्होंने कहा था, 'अगर हमारे दुश्मन हमसे लड़ना चाहते हैं तो हम अंत तक लड़ेंगे।' सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग में दुनिया भर के मंत्रियों और मिलिट्री चीफ्स के सामने उन्होंने चैलेंज दिया था। जनरल वेई ने कहा था, 'आप बात करना चाहते हैं तो आपका स्वागत है। आप लड़ना चाहते हैं, तो हम तैयार हैं। लेकिन अगर आप हमें छेड़ना चाहते हैं तो फिर हम चुप नहीं बैठेंगे।' जनरल वेई ने कहा था कि चीन ने किसी की भी एक इंच जमीन पर कब्जा नहीं किया हुआ है मगर वह अपनी एक इंच जमीन भी किसी को नहीं देगा।
जिनपिंग से सबसे पहले प्रमोशन हासिल करने वाले जनरल
साल 2012 में शी जिनपिंग ने पहली बार चीन के राष्ट्रपति का पदभार संभाला था। उस समय ही उन्होंने वेई को प्रमोशन दे दिया था। वेई, पीएलए के ऐसे जनरल बने थे जिन्हें जिनपिंग ने प्रमोशन देकर फुल जनरल रैंक की जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके साथ ही उन्हें सीएमसी में जगह दी गई थी। जनरल वेई और राजनाथ की मुलाकात पर सबकी नजरें टिकी हैं। भारत और चीन के बीच जारी टकराव को खत्म करने की दिशा में किए जा रहे सभी प्रयास फेल होते जा रहे हैं। अब देखना है कि आज क्या नतीजा निकलता है। हालांकि साल 2018 में जनरल वेई ने तो यह बयान तक दे डाला था कि भारत और चीन के बीच मिलिट्री सेक्टर में एक साथ बढ़ने की कई संभावनाए मौजूद हैं।