WHO ने दी राहत की खबर, अफ्रीका में कमजोर पड़ी कोरोना वायरस की चौथी लहर, 14% की गिरावट
नई दिल्ली, 14 जनवरी। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने कई देशों में महामारी तीसरी और चौथी लहर का नेतृत्व किया। अफ्रीकी और यूरोपीय देशों में ओमिक्रॉन का सबसे अधिक प्रकोप देखने को मिला है, लेकिन अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की तरफ से एक राहत की खबर सामने आई है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक अफ्रीका में छह सप्ताह के उछाल के बाद अब कोरोना वायरस की चौथी लहर थोड़ी कमजोर दिखाई दे रही हैं।
24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से डब्ल्यूएचओ को पहली बार नए ओमिक्रॉन वेरिएंट की पहचान की थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 26 नवंबर को इसे चिंता का एक प्रकार घोषित किया था। अफ्रीका के लिए डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मत्शिदिसो मोएती ने कहा, 'शुरुआती संकेत बताते हैं कि अफ्रीका की चौथी लहर तेज और खतरनाक रही, लेकिन यह अस्थिर नहीं हुई। ओमिक्रॉन ने अपने पूर्ववर्ती वेरिएंट डेल्टा को केवल दो सप्ताहों में ही पीछे छोड़ दिया था। हालांकि अभी भी अफ्रीका के सामने महामारी एक बड़ी चुनौती बनकर खड़ी है, जिसके सामना कोविड-19 टीकाकरण से किया जा सकता है। आने वाली अगली लहर इतनी शांत नहीं हो सकती।
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जानकारों के मुताबिक अफ्रीका में तेजी से फैले ओमिक्रॉन ने अपनी पूर्ववर्ती वेरिएंट बीटा और डेल्टा की तरह तबाही नहीं मचाई लेकिन यह कम घातक नहीं है। हालांकि राहत की खबर ये है कि शुरुआत के मुकाबले अब दक्षिण अफ्रीका में पिछले सप्ताह के दौरान दर्ज किये गए मामलों में 14 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। गुरुवार को जारी एक बयान में, डब्ल्यूएचओ ने कहा, 'छह सप्ताह के उछाल के बाद अफ्रीका की चौथी महामारी लहर अब कमजोर पड़ रही है। इस बीच डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने चिंता व्यक्त की कि भले ही अब विश्व स्तर पर 9.4 बिलियन से अधिक वैक्सीन खुराक दी जा चुकी हैं, लेकिन 90 देश पिछले साल के अंत तक अपनी 40 प्रतिशत आबादी को टीकाकरण के लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाए हैं, और उनमें से 36 देशों ने अभी तक अपनी 10% आबादी का टीकाकरण नहीं किया है।