कोरोना वैक्सीन के वितरण के लेकर WHO नाराज, बोला- 'गरीब वृद्धों से पहले धनी युवाओं को टीके लगाना सही नहीं'
WHO chief warns against COVID-19 vaccine distribution, says 'world is on brink of catastrophic moral failure'. पूरी दुनिया में वैक्सीन निर्माण के लिए होड़ मची है, पहले हम पहले हम के चक्कर में वैक्सीन निर्माण बहस का मुद्दा बन गया है, जिस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने नाराजगी जाहिर की है। इस बारे में बात करते हुए डब्ल्यूएचओ प्रमुख डॉ. ट्रेड्रोस ए. गेबरेसस ने कहा कि वैक्सीन को लेकर राष्ट्रवाद की भावना के कारण विश्व त्रासदी के कगार पर है और यह हमारी नैतिक विफलता है। उन्होंने कहा कि मैं इसे बिल्कुल उचित नहीं मानता कि धनी देशों के युवाओं को वैक्सीन मिले और गरीब देशों को वृद्धों को वैक्सीन के लिए इंतजार करना पड़े।
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एक्जीक्यूटिव बोर्ड की वर्चुअल मीटिंग में बोलते हुए ट्रेड्रोस ने कहा कि एक गरीब देश में 25 वैक्सीन डोज दी गई है, वहीं पचास धनी देशों में तीन करोड़ नब्बे लाख वैक्सीन डोज उपलब्ध हैं। यह स्थिति विकट और असमान दोनों ही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत की तारीफ की
वैसे आपको बता दें कि इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे भारत की तारीफ की थी, टेड्रोस अधनोम गेब्रिएसस एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए लिखा था कि 'भारत ने लगातार कोविड-19 महामारी को समाप्त करने के लिए निर्णायक कदम उठाना जारी रखा है। दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन के निर्माता के तौर पर देश काम करने के लिए पूरी तरह तैयार है। अगर हम साथ मिलकर काम करते हैं, तो हम ये सुनिश्चित कर सकते हैं कि प्रभावी और सुरक्षित वैक्सीन का इस्तेमाल हर जगह कमजोर लोगों की सुरक्षा के लिए किया जा सके।'
संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी
गौरतलब है कि इससे पहले भी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उस समय भारत की तारीफ की थी, जिस वक्त भारत में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया था, तब भी ट्रेड्रोस ने कहा था कि भारत ने वायरस के जानलेवा जोखिम को पहचानते हुए पहले से ही सही कदम उठाए हैं, जिससे संक्रमण को रोकने में मदद मिली है।