WHO चीफ बोले-इस्तीफा नहीं दूंगा और दिन-रात काम करूंगा, ट्रंप से की मदद की अपील
जेनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के चीफ टेडरॉस एडहनोम ग्रेबेसियस ने कहा है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे। इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका से अपील की है कि वह आर्थिक मदद को बंद न करे बल्कि महामारी से निबटने में उसकी सहायता करे और लोगों की जिंदगियां बचाएं। आपको बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के बीच ही डब्लूएचओ लगातार आलोचना के केंद्र में है। कई लोग मान रहे हैं कि संगठन ने महामारी के प्रति लापरवाही भरा रवैया दिखाया है।
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अमेरिका के लिए जरूरी WHO
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते डब्लूएचओ की आर्थिक मदद को बंद करने की घोषणा की है। ट्रंप ने कहा कि संगठन ने महामारी को छिपाने में चीन का साथ दिया और ऐसे में वह आर्थिक मदद को जारी नहीं रख सकते हैं। अमेरिका की तरफ से संगठन को सबसे ज्यादा आर्थिक मदद दी जाती है। टेडरॉस ने कहा कि उन्हें उम्मीद है अमेरिका यह मानता है कि एजेंसी में निवेश महामारी के बीच 'न केवल दूसरों की मदद के लिए बल्कि अमेरिका को सुरक्षित रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है। अमेरिका की तरफ से डब्लूएचओ को 400 मिलियन डॉलर की मदद मिलती है। हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने सुझाव दिया था कि जब तक टेडरॉस इस्तीफा नहीं देते हैं तब तक एजेंसी को आर्थिक सहायता नहीं दी जानी चाहिए।
चीफ बोले लोगों की जान बचाने की जिम्मेदारी
टेडरॉस ने कहा, 'मैं दिन और रात काम करता रहूंगा क्योंकि असल में यह सेवा का काम है और मुझ पर लोगों की जानों को बचाने की जिम्मेदारी है।' ट्रंप ने टेडरॉस पर चीन के साथ पक्षपात करने का आरोप लगाया है। पिछले दिनों चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि डब्लूएचओ के अधिकारी कह चुके हैं कि इस बात के सुबूत नहीं मिले हैं कि ऐसा कोई सुबूत नहीं मिला है जिससे पता लगे कि लैब में वायरस को तैयार किया गया था। चीन के वैज्ञानिकों का कहना है कि जेनेटिक प्रमाण इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि वायरस को कृत्रिम तौर पर तैयार नहीं किया गया बल्कि यह चमगादड़ से ही आया है। हालांकि जेनेटिक डाटा से इस बात को भी सुबूत नहीं मिल सका कि आखिर चमगादड़ से यह वायरस इंसानों में कैसे पहुंचा।