क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

कौन हैं ऑस्ट्रेलिया के 'जिहादी' नील प्रकाश

तुर्की की एक अदालत ने ऑस्ट्रेलिया के जिहादी नील प्रकाश के प्रत्यर्पण को खारिज कर दिया है. ऑस्ट्रेलिया ने तुर्की की अदलात से नील प्रकाश के प्रत्यर्पण की मांग की थी जहाँ उनके ख़िलाफ़ आतंकवादी गतिविधियों में भाग लेने का आरोप है. नील प्रकाश यानी अबू खलील अल-कंबोडी तुर्की की एक जेल में क़ैद हैं

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News

तुर्की की एक अदालत ने ऑस्ट्रेलिया के जिहादी नील प्रकाश के प्रत्यर्पण को खारिज कर दिया है. ऑस्ट्रेलिया ने तुर्की की अदलात से नील प्रकाश के प्रत्यर्पण की मांग की थी जहाँ उनके ख़िलाफ़ आतंकवादी गतिविधियों में भाग लेने का आरोप है. नील प्रकाश यानी अबू खलील अल-कंबोडी तुर्की की एक जेल में क़ैद हैं.

कथित इस्लामिक स्टेट के लिए काम करने वाले नील प्रकाश को 2016 में तुर्की में गिरफ्तार किया गया था. वो सीरिया से कथित तौर पर नकली पहचान पत्र के साथ तुर्की में घुसने की कोशिश कर रहे थे. ऑस्ट्रेलिया ने प्रकाश के प्रत्यर्पण न किए जाने पर अफ़सोस का इज़हार किया है, साथ ही उम्मीद जताई है कि अब तुर्की की अदालत में उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा जल्द शुरू हो सकेगा.

ये नील प्रकाश हैं कौन? पिछले दो साल से वो ख़बरों में क्यों हैं?

धर्म को लेकर सवाल

पश्चिमी देशों की सरकारों के अनुसार नील प्रकाश चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट से जुड़े हुए थे और उनका काम अपने संगठन के लिए प्रोपेगैंडा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करना था.

उनकी अच्छी अंग्रेज़ी ने कथित इस्लामिक स्टेट में जगह बनाने में मदद की. इन्हीं गतिविधियों के कारण वो जल्द ही अमरीका की नज़रों में आ गए. दो साल पहले अमरीका ने सीरिया में कथित इस्लामिक स्टेट के एक ठिकाने पर हमले के बाद कहा कि नील प्रकाश हमले में मारे गए. लेकिन उसके चंद महीने के बाद तुर्की में उसकी हुई गिरफ़्तारी के बाद ये स्पष्ट हुआ कि वो जीवित हैं.

नील प्रकाश ने चार साल पहले बौद्ध धर्म को ठुकरा कर इस्लाम क़बूल कर लिया था. प्रकाश के पिता फ़िजी के हिंदू और माता कम्बोडिया की बौद्ध हैं. कहा जाता है कि नील प्रकाश बौद्ध धर्म को मानते थे, लेकिन उनके मन में अपने धर्म को लेकर काफ़ी सवाल थे.

सोशल मीडिया एक्सपर्ट

प्रकाश का जन्म 27 साल पहले ऑस्ट्रेलिया के शहर मेलबर्न में हुआ था. इस्लाम धर्म को अपनाने के एक साल बाद ही वो कथित रूप से चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल हो गए और बहुत जल्द इस संस्था में अपनी एक जगह बना ली.

इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर कई वीडियो पोस्ट किए, जिनमें से एक में उन्होंने ख़ुद ही बताया कि उन्होंने बौद्ध धर्म क्यों छोड़ा. उन्होंने उस वीडियो में दावा किया था कि बेजान मूर्तियों की पूजा उनकी समझ से बाहर थी जिसके कारण उन्होंने अपना धर्म छोड़ कर इस्लाम को अपना लिया.

इस्लाम धर्म को अपनाने के कुछ समय बाद वो ऊब गए. उन्होंने वीडियो में कहा, "एक दिन मैं सोच रहा था कि सिर्फ़ प्रार्थना करने के अलावा इस्लाम में और कुछ भी है." उन्होंने वीडियो में कहा कि उन्होंने तभी सीरिया जाने का फ़ैसला किया.

जिहादी नील प्रकाश
Getty Images
जिहादी नील प्रकाश

सीरिया

लेकिन मेलबर्न की ज़िंदगी को त्याग देना उनके लिए आसान नहीं था. उन्होंने वीडियो में कहा, "मैं खुद पर हैरान था. मैं सोच रहा था कि मैं क्या कर रहा हूं? मेरे पास एक अच्छा जीवन है. मेरे पास नौकरी है, मेरे पास आय है, मेरे पास एक कार है, मेरे पास एक घर है."

प्रकाश ने मेलबर्न की एक स्थानीय मस्जिद में जाना शुरू कर दिया. कुछ समय बाद वो अपनी सारी संपत्ति त्याग कर सीरिया चले गए.

उन्होंने तुर्की की एक अदालत को बताया कि उनकी सीरिया में इस्लामिक स्टेट के लोगों से मुलाक़ात हुई. उनकी अच्छी अंग्रेज़ी और आईटी में हुनर के कारण इस्लामिक स्टेट के लिए प्रोपेगैंडा वीडियो बनाने का काम मिल गया.

कई वीडियो में उन्हें मुसलमानों को आम तौर से और ऑस्ट्रेलिया के मुसलमानों को ख़ास तौर से जिहाद करने के लिए भड़काते सुना जा सकता है

इराक़ ने किया इस्लामिक स्टेट के 45 लड़ाकों को मारने का दावा

किस हाल में हैं इस्लामिक स्टेट के वो ख़ूंख़ार लड़ाके

जिहादी नील प्रकाश
Reuters
जिहादी नील प्रकाश

ज़िम्मेदारी

आईएस में शामिल होने के आरोप में तुर्की की एक अदालत में चल रहे मुक़दमे के दौरान प्रकाश ने बताया कि उन्हें ऑस्ट्रेलिया में हमलों के लिए प्रचार वीडियो बनाने पर मजबूर किया गया था.

जब उनसे पूछा गया कि क्या वो ऑस्ट्रेलिया में आईएस प्लॉट्स के लिए ज़िम्मेदार थे, तो उन्होंने अदालत से कहा, "मुझे इसके साथ कुछ करना था, लेकिन मैं 100% जिम्मेदार नहीं था."

उन्होंने कहा, "मुझसे जिन लोगों को परेशानी हुई है उसके लिए मुझे खेद है."

ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के अनुसार प्रकाश ऑस्ट्रेलिया में नाकाम आतंकवादी वारदातों से जुड़ा हुआ है. ऑस्ट्रेलिया से दर्जनों युवा सीरिया पहुंचकर आईएस से जुड़ गए हैं. लेकिन प्रकाश ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा वांटेड जिहादी हैं.

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Who are the jihadis of india blue light
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X