व्हाइट हाउस का ऐलान- चीन के साथ संघर्ष में भारत के साथ होगी अमेरिकी सेना
वॉशिंगटन। भारत चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव अब कम होना शुरू हो गया है। इसी बीच अमेरिका ने भारत के पक्ष में बड़ी घोषणा की है। व्हाइट हाउस के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी सेना, भारत और चीन के बीच या कहीं और भी संघर्ष के संबंध में उसके साथ मजबूती से खड़ी रहेगी। यह बात व्हाइट हाउस के चीफ आफ स्टाफ मार्क मीडोज ने दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए दो एयरक्राफ्ट कैरियर की तैनाती के बाद कही है।
व्हाइट हाउस ने कहा हमारा संदेश साफ
व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टॉफ मार्क मीडोज ने 'फॉक्स न्यूज' को बताया, संदेश स्पष्ट है... हम खड़े होकर चीन को या किसी और को सबसे शक्तिशाली या प्रभावी बल होने के संदर्भ में कमान नहीं थामने दे सकते, फिर चाहे वह उस क्षेत्र में हो या यहां। मीडोज ने कहा कि अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में अपने दो विमान वाहक पोत भेजे हैं। उन्होंने कहा, हमारा मिशन यह सुनिश्चित करना है कि दुनिया यह जाने कि हमारे पास अब भी दुनिया का उत्कृष्ट बल है।
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अमेरिका भारत के साथ: व्हाइट हाउस
मार्क ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन ने अपनी सेना का हमेशा साथ दिया है, हम साफ कर देना चाहते हैं कि अगर कोई दिक्कत पैदा करेगा तो सेना बिल्कुल तैयार है। मीडोज ने दोनों देशों के बीच सीमा के विस्तार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, यह साफ है, कहीं भी विवाद की स्थिति में हम मजबूती से खड़े रहेंगे। चाहे वह भारत और चीन के बीच संघर्ष के संबंध में हो या कहीं और। भारत ने पिछले महीने चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद कई चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया।
दोनों देशों की सेनाओं पीपी 14 से 1.8 किलोमीटर पीछे हटी
इंडियन एक्सप्रेस ने सेना के सूत्रों के हवाले से लिखा है कि पीपी 14 पर चीन का मिलिट्री कैंप जिसे 15 जून की हिंसा के बाद फिर से तैयार कर लिया गया था, अब पूरी तरह से उसे हटा दिया गया है। साथ ही सभी टेंट्स भी हटा लिए गए हैं। पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के बाकी जवान और सारा साजो-सामान भी व्हीकल्स में भर कर वापस चला गया है। एक सीनियर ऑफिसर की तरफ से बताया गया है कि दोनों देशों की सेनाओं पीपी 14 से 1.8 किलोमीटर पीछे हटी हैं। बताया जा रहा है कि अभी दोनों तरफ से 30-30 जवान हर टेंट में मौजूद हैं। इसके बाद करीब एक किलोमीटर की दूरी पर दोनों देश हर टेंट में 50-50 सैनिक रखने पर राजी हुए हैं।
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