जानिए, क्या है सूर्य पर दिखाई देने वाला काला धब्बा, पृथ्वी की ओर मुड़ा तो होगा कितना प्रलयंकारी
नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट से जूझ रही दुनिया के सामने अब अंतरिक्ष से आने वाले संकेत एक बड़े खतरे की चेतावनी दे रहे हैं। दरअसल, हर 11 साल में सूर्य की सतह पर सक्रियता में बदलाव आते हैं, साल 2020 में अब हमारा सूर्य भी जाग गया है। नासा के वैज्ञानिकों को हाल ही में सूर्य की सतह पर एक सनस्पॉट (धब्बा) दिखाई दिया है, जो हमारी पृथ्वी के लिए ठीक नहीं है। डराने वाली बात ये है कि धीर-धीरे यह विशाल सनस्पॉट हमारी पृथ्वी की ओर घूमता दिख रहा है।
धरती की ओर मुड़ रहा है सनस्पॉट
हर सभी जानते हैं कि धरती पर जीवन के लिए सूर्य जिम्मेदार है लेकिन अब यही सूर्य, पृथ्वी के लिए आने वाले दिनों में एक खतरे का संकेत दे रहा है। नासा के वैज्ञानिकों को सूर्य की सतह पर मिला विशाल सनस्पॉट अगर धरती की ओर मुड़ता है तो इससे निकने वाली तीव्र सौर ज्वालाएं धरती तक पहुंच सकती है। वैज्ञानिकों ने इस हफ्ते AR2770 सनस्पॉट का पता लगाया है और आने वाले दिनों में इसके और बड़े होने की संभावना है।
मंगल ग्रह के बराबर है सूर्य पर धब्बा
वैज्ञानिकों के मुताबिक यह सनस्पॉट इतना बड़ा है कि इससे निकलने वाली सौर ज्वालाएं यानी सोलर फ्लेयर्स धरती को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसकी वजह से धरती पर संचार व्यवस्था बाधित हो सकती है और बड़ी सांख्या में लोग भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। जनाकारों की मानें तो इस सनस्पॉट में इतनी क्षमता है कि यह हमारे सैटेलाइट कम्युनिकेशन, नेविगेशन पर असर डाल सकता है जिससे हवाई और समुद्री यातायात को बंद करना पड़ सकता है। वैज्ञानिकों की मानें तो यह धब्बा मंगल ग्रह के बराबर है। इसके अंदर भी कई धब्बे हैं यह धब्बा मंगल ग्रह के बराबर है, इसके अंदर भी कई धब्बे हैं।
11 साल में होती है सूर्य की सतह पर हलचल
वैज्ञानिकों ने इस बात पर सहमती जताई है कि हर 11 साल बाद सूर्य की सतह पर काफी बदलाव होता है, यह पिछले 11 सालों से शांत था लेकिन बीते कुछ दिनों में यह फिर से जाग गया है। सूर्य पर नजर रखने वाले वैज्ञानिकों को इसके सतह पर हलचल दिखाई दी है और एक बड़ा सा धब्बा भी देखा गया है। इन विशाल धब्बों को सनस्पॉट कहते हैं। परेशान करने वाली बात यह है कि यह विशाल धब्बा अब पृथ्वी की ओर घूमता दिखाई दे रहा है। इससे निकलने वाली विशाल सोलर फ्लेयर्स से धरती पर पल रहे जीवन को काफी नुकसान पहुंच सकता है।
वैज्ञानिकों ने दिया AR2770 नाम
अंतरिक्ष के मौसम का पूर्वानुमान बताने वाली वेबसाइट स्पेसवैदर डॉटकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक sunspot AR2770 के फैलने और सीधे पृथ्वी की ओर मुड़ने की संभावनाएं हैं। यदि यह सनस्पॉट व्यास में 50,000 किलोमीटर तक बढ़ता है, तो यह सौर flares में बदल जाएगा जिससे संचार माध्यमों को नुकसान हो सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक इस सनस्पॉट से बहुत सी छोटी ज्वालाएं पहले ही निकल चुकी हैं और अब इसका मुंह हमारी पृथ्वी की ओर घूम रहा है। जानकारी के मुताबिक अब तक सूर्य से निकली ज्वालाओं ने पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल में आयनीकरण की लहर तो पैदा की है, लेकिन अभी तक कुछ बड़ा नहीं घटा है।
क्या होता है सनस्पॉट
शोधकर्ताओं के अनुसार सनस्पॉट सूर्य पर बने डार्क एरिया हैं जो आसपास के क्षेत्रों की तुलना में धब्बे के रूप में दिखाई देते हैं। यह सनस्पॉट बाकि तारों के मुकाबले ठंडा होता है, हालांकि इससे निकलने वाली ज्वालाएं बहुत खतरनाक होती हैं। ये काले धब्बे सूर्य की मैग्नेटिक फील्ड की सतह से अंतरक्रिया के कारण पैदा होते हैं। सनस्पॉट में सूर्य की सतह के पार जाते समय फैल जाने की क्षमता होती है। इससे इसके चुंबकीय क्षेत्रों में अनियमितता भी सामने आ सकती है। इनसे बहुत ही विशाल मात्रा में ऊर्जा निकलती है जिसे सौरज्वाला या सौर तूफान या कोरोनल मास इजेक्शन्स भी कहते हैं।
अंतरिक्ष में मच सकती है उथल-पुथल
सूरज में मिले इस धब्बे AR2770 की पहली तस्वीर अमेरिका के फ्लोरिडा में रहने वाले शौकिया एस्ट्रोनॉमर मार्टिन वाइज ने खींची है। नेशनल ओसिएनिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के शोधकर्ताओं का कहना है कि सूर्य से निकलने वाले ये सौरतूफान अंतरिक्ष में बहने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक धारा में बदलाव कर सकते हैं जिससे अंतरिक्ष में काफी उथल-पुथल मच सकती है। इस सौरतूफान से धरती के चारों तरफ की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड में इलेक्ट्रॉन्स या प्रोटॉन्स बढ़ या घट सकता है जिससे यहां का संचार सिस्टम अव्यवस्थित हो सकती है।
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