क्या है इस साल ऑस्कर में जीती 'द शेप ऑफ़ वॉटर' फ़िल्म की कहानी
भारत समेत दुनिया के ज़्यादातर मुल्क़ों में शायद इस वक्त की सबसे बड़ी लड़ाई पहचान की है.
जहां अपनी पहचान को ऊपर या दूसरे पर थोपने की कोशिशें की जा रही हैं. मैक्सिको से लेकर भारत के उत्तर पूर्व में गोरखालैंड की मांग करने वालों तक.
ऐसे में मैक्सिको के डायरेक्टर गीएर्मो डेल टोरो की फ़िल्म 'द शेप ऑफ वॉटर' का ऑस्कर अवॉर्ड्स के 13 नामांकन में छाना
भारत समेत दुनिया के ज़्यादातर मुल्क़ों में शायद इस वक्त की सबसे बड़ी लड़ाई पहचान की है.
जहां अपनी पहचान को ऊपर या दूसरे पर थोपने की कोशिशें की जा रही हैं. मैक्सिको से लेकर भारत के उत्तर पूर्व में गोरखालैंड की मांग करने वालों तक.
ऐसे में मैक्सिको के डायरेक्टर गीएर्मो डेल टोरो की फ़िल्म 'द शेप ऑफ वॉटर' का ऑस्कर अवॉर्ड्स के 13 नामांकन में छाना और बेस्ट फ़िल्म का ऑस्कर अवॉर्ड जीतना स्वभाविक है.
जिन लोगों ने ये फ़िल्म नहीं देखी है, उनके ज़हन में सवाल उठ सकता है कि इस फ़िल्म की कहानी क्या है?
'द शेप ऑफ वॉटर' की कहानी
फ़िल्म की कहानी 1960 के दौर की है. जब सोवियत संघ और अमरीका के बीच शीतयुद्ध चल रहा था. फ़िल्म की मुख्य किरदार एलिसा (सैली हॉकिन्स) गूंगी हैं. जो बल्टीमोर की एक ख़ुफिया हाई सिक्योरिटी सरकारी लैब में सफाई करती है.
इस लैब में एलिसा के साथ ज़ेल्डा (ओक्टेविला स्पेंसर) भी काम करती है. ज़ेल्डा के अलावा एलिसा पड़ोस में रहने वाले कलाकार जाइल्स (रिचर्ड जेनकिन्स) को जानती है. यही दो लोग एलिसा के अपने हैं.
इन लोगों के अतीत की कहानी की झलक भी फ़िल्म में मिलती है. जिस लैब में एलिसा काम करती है, वहां एक वैज्ञानिक डॉक्टर हॉफस्टेटलर (माइकल स्टूलबर्ग) भी है. डॉक्टर हॉफस्टेटलर असल में रूसी जासूस होता है.
फ़िल्म का पांचवां और सबसे अहम किरदार बाकी सबसे बिलकुल अलग है. ये पांचवां किरदार है लैब के एक टैंक में रहने वाला जलीय जीव. इस किरदार को निभाया है डग जोन्स ने.
ये जलीय जीव ज़िंदगी और भावनाओं को समझता और जानता है. फ़िल्म में एक संवाद है, जिसे एलिसा संकेतों के ज़रिए कहती है.
- 'जब वो मुझे देखता है, और जैसे वो मुझे देखता है, तब वो नहीं जानता कि मुझमें क्या कमी है. कि कैसे मैं अधूरी हूं. वो मुझे वैसे ही देखता है जैसी मैं हूं'
इस जलीय जीव को एक नदी से आर्मी ऑफिसर (माइकल शैनन) पकड़कर बंदी बना लेता है. इस जीव के बारे में फ़िल्म में ये दिखाया जाता है कि वो नदी के किनारे बसे कबीलों का देवता है.
ज़ाहिर है इस जीव को लैब में टॉर्चर किया जाता है. इस जलीय जीव से एलिसा की क़रीबियां बढ़ती हैं और फ़िल्म की कहानी आगे बढ़ती है.
एलिसा फ़िल्म में इस जलीय जीव को बचाने की कोशिशें करती हुई नज़र आती है. ये कोशिशें कभी इस जलीय जीव को अपने बाथटब में छिपाती तो कभी कहीं और.