आइंस्टीन वीज़ा क्या है, मेलानिया ट्रंप को कैसे मिला?
मेलानिया ने इमिग्रेशन अधिकारियों को कैसे राजी किया कि वो ये वीज़ा पाने की हकदार हैं.यदि आप अल्बर्ट आइंस्टीन जैसे प्रतिभाशाली है तो आप अमरीका में जाकर रह सकते हैं. क्योंकि अमरीका इसके लिए ईबी-1 वीज़ा देता है, शर्त केवल इतनी है कि आपमें 'असाधारण योग्यता' होनी चाहिए
यदि आप अल्बर्ट आइंस्टीन जैसे प्रतिभाशाली है तो आप अमरीका में जाकर रह सकते हैं. क्योंकि अमरीका इसके लिए ईबी-1 वीज़ा देता है, शर्त केवल इतनी है कि आपमें 'असाधारण योग्यता' होनी चाहिए.
ईबी-1 को आइंस्टीन वीजा के नाम से भी जाना जाता है. अमरीकी सरकार इसे पुलित्जर पुरस्कार, ऑस्कर अवार्ड और ओलंपिक मेडल विजेताओं के साथ साथ सम्मानित अकादमिक शोधकर्ताओं और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अधिकारियों को देती है.
इस वीज़ा को प्राप्त करने के लिए आपको 'असाधारण योग्यता' प्रमाण भी देना होता है.
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मेलानिया को आइंस्टीन वीज़ा
अमरीकी राष्ट्रपति की पत्नी मेलानिया को भी इसी वीज़ा के आधार पर वहां रहने का मौका मिला. अमरीकी राष्ट्रपति की पत्नी मेलानिया स्लोवेनिया की मॉडल हैं. उनका नाम मेलानिया कानास है. वाशिंगटन पोस्ट की ख़बर के मुताबिक साल 2000 में उन्होंने अमरीकी वीज़ा के लिए आवेदन किया. तब वो न्यूयॉर्क में मॉडलिंग कर रही थीं और साथ ही डोनल्ड ट्रंप को डेट भी. 2001 में उन्हें वीज़ा की अनुमति मिल गई. उस साल स्लोवेनिया के केवल पांच लोगों को यह प्रतिष्ठित ईबी-1 वीज़ा दिया गया जिनमें से एक मेलानिया थीं.
2006 में वो अमरीकी नागरिक बन गईं और इसके साथ ही उन्हें अपने माता-पिता विक्टर और अमालिजा कानास को स्पॉन्सर करने का अधिकार मिल गया. अब अमरीका में रह रहे उनके माता-पिता वहां की नागरिकता के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया में हैं.
मेलानिया के वीज़ा पर सवाल
अब जबकि मेलानिया के राष्ट्रपति पति डोनल्ड ट्रंप अमरीका के नए नागरिकों के उस अधिकार को खत्म करना चाहते हैं जिसमें परिवार के सदस्य को स्पॉन्सर करने का प्रावधान है तो ऐसे में मेलानिया के ईबी-1 वीज़ा को पाने पर सवाल उठाया जाना लाजमी है. साथ ही "असाधारण योग्यता" कैटेगरी में उन्हें यह वीज़ा दिये जाने के औचित्य पर भी प्रश्न उठाए गए हैं.
मेलानिया के वकील के अनुसार, वो 1996 में अमरीका आई थीं. पहले टूरिस्ट वीजा पर और फिर बाद में स्किल्ड अप्रवासी के वर्किंग वीज़ा पर. न्यूयॉर्क में एक मॉडल के रूप में काम करने के दौरान एक पार्टी में उनकी मुलाक़ात 1998 में डोनल्ड ट्रंप से हुई. यह वो रिश्ता था जिससे उनकी सेलिब्रिटी प्रोफाइल और बढ़ गई.
अमरीका में स्थायी आवास की अनुमति वाले ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन से पहले वो यूरोप में रैंप मॉडल के रूप में काम किया करती और अमरीकी और ब्रिटिश मैगज़ीन में भी छपा करती थीं. वो ब्रिटिश जीक्यू मैगज़ीन के कवर पर डोनल्ड ट्रंप के प्राइवेट जेट में और अमरीकी स्पोर्ट्स इलस्ट्रेटेड के स्विमसूट अंक में दिखीं. वो कोई चोटी की अंतरराष्ट्रीय मॉडल नहीं थीं.
ईबी-1 वीज़ा के लिए जरूरी क्या?
ईबी-1 वीज़ा पाने के लिए एक अप्रवासी को प्रमुख पुरस्कारों के प्रमाणपत्र देने होते हैं या उनके क्षेत्र में 10 में से तीन मानदंडों को पूरा करना होता है.
इसके अंतर्गत प्रमुख प्रकाशनों में आवेदक की कवरेज, अपने क्षेत्र में मूल और महत्वपूर्ण योगदान का होना और कलात्मक प्रदर्शन के रूप में अपने काम को दिखाना होता है.
लंदन में गुडियॉन और मैक्फ़ैडेन लॉ फर्म में अमरीकी वीज़ा की विशेषज्ञ वकील सुसैन मैक्फ़ैडेन कहती हैं, "सरकारी निर्देश में इस वीज़ा के लिए आवेदक को नोबेल पुरस्कार और अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त होने का जिक्र है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है. आपको ईबी-1 वीज़ा के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता होने की ज़रूरत नहीं है."
वो कहती हैं, "मुझे यह वीज़ा प्राप्त ऐसे लोगों की जानकारी है जिसके विषय में आपने कभी नहीं सुना होगा और न ही सुनेंगे."
"एक अनुभवी वकील को पता होता है कि अमरीकी नागरिकता और आव्रजन विभाग के लिए क्या चाहिए और ग्राहक की पृष्ठभूमि से किन चीज़ों को कैसे निकालना है जो एजेंसी को आकर्षक लगे."
वकील क्या चालाकी करते हैं?
मैक्फ़ैडेन ने कहा कि ईबी-1 वीज़ा पाने के लिए आवेदक के उस क्षेत्र को विस्तार से बताना होता है जिसमें वो लाजवाब है.
उन्हें उत्कृष्ट बिज़नेसमैन साबित करने की कोशिश में उनकी तुलना रिचर्ड ब्रैनसन से की जाती है. जैसे कि वो वैकल्पिक संपत्ति वाणिज्यिक वित्त प्रबंधन में लाजवाब हों. यह बहुत मुश्किल नहीं है.
मैक्फ़ैडेन ने कहा कि ईबी-1 वीज़ा कई अलग-अलग ख़ासियतों, खास फ़ुटबॉल पोजिशन की कोचिंग से लेकर हॉट एयर बैलून विशेषज्ञ तक के लिए दिया जाता है. चालाकी यह की जाती है कि उस क्षेत्र की बारीकियों को परिभाषित किया जाए, लेकिन यह इतनी भी बारीक नहीं हो कि आव्रजन अधिकारी इसे गंभीरता से न लें.
लेकिन इसमें मेलानिया ट्रंप कहां खड़ी होती हैं? उस वक्त न तो वो मॉडलिंग के क्षेत्र में कुछ खास कर रही थीं, न ही उन्हें कोई पुरस्कार ही मिला था और न ही उनके किसी काम को महत्वपूर्ण प्रकाशन ने छापा था.
मेलानिया ने बतौर सबूत क्या दिए?
उनकी वकील ने उनके आवेदन के ब्यौरे को छापने की इजाज़त नहीं दी, इसलिए यह स्पष्ट नहीं हो सका कि उन्होंने बतौर सबूत क्या दिए.
एनएनयू इमिग्रेशन लॉ की एक अमरीकी आप्रवासन विशेषज्ञ नीता उपाध्याय कहती हैं, "उन्हें हाई प्रोफाइल अनुशंसा पत्रों का लाभ मिला होगा."
उपाध्याय कहती हैं, "अनुशंसा आवेदन का हिस्सा हैं, और यह जितना हाई प्रोफाइल होगा आपका आवेदन उतना ही वज़नदार हो जाएगा. अगर आवेदन के पहले से ही मेलानिया डोनल्ड ट्रंप को डेट कर रही थीं तो फैशन के दिग्गजों से यह पत्र पाना तथाकथित रूप से कहीं आसान था."
वो कहती हैं, "अगर आप एक्टिंग की दुनिया में हैं और क्वेंटिन टैरेंटिनो या स्टीफन स्पीलबर्ग जैसी हस्तियां आपके लिए एक चिट्टी लिख देती हैं कि आप अगले स्टार हैं, यह यकीनी तौर पर यह आपके लिए प्रेरणादायक होगा. लेकिन साथ ही अपने क्षेत्र के दिग्गजों से मिला अनुशंसा पत्र आवेदन की विशिष्ट उपलब्धियों को भी प्रमाणित कर सकता है. और मुझे लगता है कि उनके पास कुछ ऐसी ही कुछ महत्वपूर्ण चिट्ठियां होंगी, शायद डोनल्ड ट्रंप से भी."
वो कहती हैं, " लेकिन अंत में वकील की रचनात्मकता को एक ओर रखते हुए आवेदक पर ही आता है. आपको राष्ट्रपति ओबामा से भी अनुशंसा पत्र मिल सकता है, जो लेटरहेड से साथ बेहद प्रभावशाली लगेगा. लेकिन अगर आप अपनी उपलब्धियों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण नहीं कह सके तो बात नहीं बनेगी."