क्या है QANON समूह जिसे सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कर रहे बैन? इसके फॉलोवर ट्रंप को मानते हैं सेक्रेड वॉरियर
Qanon Conspiracy Theory: नई दिल्ली। अमेरिका की कैपिटल बिल्डिंग में हुई हिंसा में शामिल लोगों पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है। ट्रंप समर्थकों पर सिर्फ अमेरिका की पुलिस और प्रशासन ही कार्रवाई नहीं कर रहा है बल्कि ऑनलाइन प्लेटफार्म जैसे अमेजन, ट्विटर और फेसबुक भी कार्रवाई कर रहे हैं। इन प्लेटफॉर्म ने ट्रंप के समर्थन में हिंसा करने वाले समूहों की पहचान कर अपने प्लेटफॉर्म से उनका सफाया शुरू कर दिया है। ऐसा ही एक ग्रुप है ग्रुप क्यूएनन (QAnon) जिसके सदस्य ट्रंप के समर्थन में कैपिटल हिल पहुंचे थे और हिंसा में शामिल हुए थे। अब क्यूएनन के प्रोडक्ट को दुनिया के सबसे बड़े ऑनलाइन बाजार ने अपने प्लेटफॉर्म से हटाना शुरू कर दिया है।
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क्या है QAnon समूह ?
क्यूएनएन ग्रुप दरअसल ऐसे लोगों का समूह है जो एक खास तरह की षणयंत्रकारी विचार (कॉन्सपिरेसी थ्योरी) में यकीन रखते हैं। इस समूह के बारे में लॉकडाउन के दौरान काफी जानकारी आई थी। क्यूएनन लोगों के मुताबिक दुनिया दरअसल जैसी दिख रही है वैसी है नहीं और वर्तमान व्यवस्था बहुत ही खराब है जिसे बचाने के जरूरत है। इस थ्योरी के मानने वालों के मुताबिक दुनिया को पीडोफाइल लोगों का एक समूह चला रहा है। पीडोफाइल ऐसे लोगों को कहते हैं जो बच्चों के साथ यौन शोषण करते हैं और बाल यौन शोषण की गतिविधियों में लिप्त रहते हैं।
QAnon लोगों का मानना है कि दुनिया ऐसे ही यौनविकृत पीडोफाइल लोगों के हाथों में चली गई है। इसमें बड़े-बड़े लोग जिनमें राष्ट्राध्यक्ष तक शामिल हैं। डोनाल्ड ट्रंप इन सभी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं यही वजह है कि पीडोफाइल लोगों का समूह मिलकर ट्रंप को रोकना चाहता है ताकि वे लोग बिना रोक-टोक अपनी गतिविधियां चला सकें। क्यूएनन का ये भी मानना है कि अगर ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति न बने तो पीडोफाइल लोगों की ताकत बहुत बढ़ जाएगी।
2017 में Q यूजर ने शुरू किया इसका इस्तेमाल
क्यूएनन के बारे में उस समय चर्चा तेज हुई थी जब पिछले साल अक्टूबर में यूट्यूब ने घोषणा की थी वह क्यूएनन थ्योरी को सपोर्ट करने वाले ट्रंप समर्थक वीडियोज के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें अपने प्लेटफॉर्म से हटा रहा है। वहीं अगस्त में फेसबुक ने भी क्यूएनन समूह पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। एफबीआई ने क्यूएनन को घरेलू खतरा बताते हुए कहा था कि यह देश के अंदर मौजूद अतिवादी तत्वों को देश में हिंसक गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित कर सकता है।
क्यूएनन विचार के मानने वाले तो लंबे समय से हैं लेकिन ये शब्द 2017 में तब चर्चा में आया जब एक अज्ञात यूजर ने Q क्लीयरेंस सर्च नाम से इस कॉन्सपिरेसी थ्योरी के बारे में पोस्ट करना शुरू किया। Q ने खुद को अमेरिका ऊर्जा विभाग से टॉप सीक्रेट सूचना हासिल करने का दावा करते हुए इस बारे में लिखना शुरू किया। क्यू न सिर्फ ट्रम्प प्रशासन ने उच्च स्तर की खुफिया जानकारी होने का दावा करने लगा बल्कि खुद को एक अधिकारी भी बताया। इसके बाद इस नाम से 4chan पर लिखा जाने लगा। हालांकि ये नहीं स्पष्ट है कि Qanon थ्योरी के पीछे कोई एक ही व्यक्ति है या कई लोग हैं जो ये कान्सपिरेसी लोगों तक पहुंचा रहे हैं।
ग्रुप के मुताबिक ट्रंप सीक्रेट मिशन पर हैं
QAnon ग्रुप का मानना है कि ट्रंप एक खास मिशन पर लगे हैं और वे पीडोफाइल लोगों को दुनिया के सामने लाएंगे और उन्हें सज़ा देंगे। इस थ्योरी ने इस लिस्ट में बड़े-बड़े नाम शामिल कर रहे हैं। इनमें हिलेरी क्लिंटन से लेकर वेटिकन प्रमुख पोप, हॉलीवुड अभिनेता टॉम हैंक्स, मशहूर टीवी हस्ती ओपना विनफ्रे और धर्मगुरु दलाई लामा तक शामिल हैं। इनके मुताबिक दुनिया के बड़े-बड़े नेता इस ग्रुप के सदस्य हैं और बच्चों को यौन हिंसा करवाने वाले एक सक्रिय ग्रुप का हिस्सा हैं। यही नहीं ये लोग गुप्त जगह पर इकठ्ठा होते हैं और बच्चों को मारकर उनका खून भी पीते हैं। इतना ही नहीं इस ग्रुप ने तो यहां तक कह दिया है कि ट्रंप के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली हिलेरी क्लिंटन वाशिंगटन में एक पिज्जा पार्लर के नीचे बच्चों की ट्रैफिकिंग का अंडरग्राउंड रैकेट चलाती हैं।
अभी भी ग्रुप को है ट्रंप पर भरोसा
ये ग्रुप इस बारे में रोज नई जानकारियां अपने समर्थकों को देता रहता है। इसके मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप ने पूरी तैयारी कर रखी है और वे कभी भी इस ग्रुप के लोगों का खुलासा कर सकते हैं। यही वजह है कि दुनिया भर के ताकतवर पीडोफाइल ने मिलकर ये चुनाव हरा दिया। यही नहीं इस समूह के लोग ये भी मानते हैं कि कोरोना वायरस महामारी के पीछे यहूदीवादी ताकते हैं और इस ग्रुप के द्वारा कोविड वैक्सीन के बारे में भी कई सारे अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
भले ही ट्रंप चुनाव हार चुके थे पर इस ग्रुप के लोगों का मानना था कि डोनाल्ड ट्रंप इन कथित पीडोफाइल लोगों की पूरी लिस्ट लेकर बैठे हैं और किसी भी वक्त इन शैतानी ताकतों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने वाले हैं। जिसके डर से दुनियाभर के ताकतवार पीडोफाइल लोग उन्हें हटाने की साजिश रच रहे हैं। इस ग्रुप के लोग खुद को इस जंग का सिपाही समझते हैं और मानते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप को इस लड़ाई में उनकी जरूरत है, यही वजह है कि ये लोग अमेरिका के अलग-अलग हिस्सों में वाशिंगटन डीसी पहुंचे हुए थे।
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