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ट्यूनीशिया को जैस्‍मीन क्रांति की आग में जलने से बचाने वाली नेशनल डायलॉग क्‍वारटेट

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ओस्‍लो। आज से चार वर्ष पहले का मंजर याद है आपको जब मीडिल ईस्‍ट उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा था। अगर आपको याद नहीं आ रहा है तो हम आपको याद दिलाते हैं। यह समय था जब यमन से एक चिंगारी भड़की और धीरे-धीरे इसने अरब देशों में आग लगा दी थी। इसे आज भी जैस्‍मीन क्रांति या फिर अरब क्रांति के नाम से जानते हैं। यमन, ट्यूनीशिया, इजिप्‍ट, लीबिया, सीरिया और कुछ और देश इस आग में जलने लगे।

पढ़ें- नेशनल डायलॉग क्वारटेट को मिला वर्ष 2015 का नोबेल शांति पुरस्कार

लीबिया में मुआम्‍मार गद्दाफी की मौत के साथ क्रांति रुकी तो इजिप्‍ट में आज भी कुछ तत्‍वों ने अशांति कायम कर रखी है। सीरिया आईएसआईएस और विरोधियों की आग में आज तक जल रहा है। यमन भी इस समय अलकायदा का गढ़ बना हुआ है।

ट्यूनीशिया एक ऐसा देश है जहां पर फिलहाल कुछ शांति कायम है। यह शांति नतीजा है उसी नेशनल डायलॉग क्‍वारटेट के प्रयासों का जिसे शुक्रवार को इस वर्ष के नोबेल शांति पुरस्‍कार से नवाजा गया है। इस संस्‍था ने कड़े प्रयासों के बाद ट्यूनीशिया में लोकतंत्र की बहाली की।

आगे की स्‍लाइड्स में जानिए इस संस्‍था से जुड़े कुछ और तथ्‍य।

वरना आज होता एक और सीरिया

वरना आज होता एक और सीरिया

क्‍वारेटेट की स्‍थापना वर्ष 2013 में हुई थी। अरब क्रांति की शुरुआत के बाद ट्यूनीशिया, सीरिया की ही तरह सिविल वॉर के मुहाने पर पहुंच गया था।

चार संस्‍थाओं से मिलकर बनी क्‍वारटेट

चार संस्‍थाओं से मिलकर बनी क्‍वारटेट

ट्यूनीशिया की चार संस्‍थाओं ट्यूनीशियन जनरल लेबर यूनियन, ट्यूनीशियन कांफ्रडेशन ऑफ इंडस्‍ट्री, ट्रेड एंड हैंडीक्राफ्ट्स, ट्यूनीशियन ह्यूमन राइट्स लीग और ट्यूनीशियन ऑर्डर ऑफ लॉयर्स को मिलाकर इस संस्‍था को बनाया गया।

क्‍या किया है संगठन ने

क्‍या किया है संगठन ने

चार संस्थाओं वाली इस सिविल सोसायटी ने देश में संवैधानिक संसद और संवैधानिक प्रक्रिया को ट्यूनीशिया की जनता के बीच सुरक्षित तरीके से मंजूरी मिलने की दिशा में काम किया ताकि वहां पर लो‍कतांत्रिक तरीके से चुनाव कराए जा सकें।

एक अहम बिंदु

एक अहम बिंदु

नोबेल शांति पुरस्‍कार कमेटी की प्रमुख काइची कुलमानन ने पुरस्‍कार का ऐलान करते हुए कहा कि इनके प्रयासों की वजह से ही ट्यूनीशिया में शांति प्रक्रिया स्‍ थापित करने के लिए जरूरी जनता को उसके मौलिक अधिकार मिल सके हैं।

ताकि लोगों को मिले प्रोत्‍साहन

ताकि लोगों को मिले प्रोत्‍साहन

नोबेल कमेटी का मानना है कि इस पुरस्‍कार को देने का मकसद ट्यूनीशिया के युवा लोगों को उनके सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रोत्‍साहित करना है। इसका मकसद लोगों को उनके देश की बेहतरी के लिए कार्य करने की ओर प्रोत्‍साहित करना है।

युवाओं को मिलेगी नई राह

युवाओं को मिलेगी नई राह

नोबेल कमेटी मानती है कि यह पुरस्‍कार इस देश के युवाओं को एक नया रास्‍ता दिखा सकेगा। ट्यूनीशिया इस वर्ष दो ब्‍लास्‍ट्स से दहल गया था जिसमें 60 लोगों की मौत हो गई थी। हालातों की वजह से यहां की टूरिज्‍म इंडस्‍ट्री को भी खासा नुकसान पहुंचा है।

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English summary
National Dialogue Quartet was established in the year of 2013. This organisation was awarded for this year's peace prize for its contribution to the building of a democracy in Tunisia.
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