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अमेरिका की 'डेथ वैली' में ऐसा क्या हुआ, जिससे सीखना चाहिए सबक

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नई दिल्ली- अमेरिका की डेथ वैली में रविवार को जो रिकॉर्ड बना है, वह पूरी दुनिया के लिए एक सबक है। यहां पर 89 साल बाद पृथ्वी पर अधिकतम तापमान का रिकॉर्ड टूट गया है। गौरतलब है कि अमेरिका के कैलिफोर्निया के इस इलाके में अत्यधिक तापमान होने की वजह से आसपास के इलाकों में हाल में आग लगने की भी कई बड़ी घटनाएं हुई हैं। जलवायु वैज्ञानिकों की चेतावनी है कि अगर धरती का तापमान इसी कदर बढ़ता रहा तो बहुत बड़ी मुश्किल आ सकती है। हालांकि, रविवार को डेथ वैली में जो 130 डिग्री तापमान दर्ज हुआ है, उसका वैज्ञानिक कई नजरिए से विश्लेषण कर रहे हैं।

अमेरिका की 'डेथ वैली' में 130 डिग्री तक पहुंचा तापमान

अमेरिका की 'डेथ वैली' में 130 डिग्री तक पहुंचा तापमान

रविवार दोपहर बाद अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित डेथ वैली का तापमान 130 डिग्री एफ तक पहुंच गया। माना जा रहा है कि यह अगस्त महीने का अब तक का सबसे ज्यादा दर्ज तापमान है। अगर यह तापमान सही है तो धरती पर अबतक के सबसे तीन उच्च तापमानों में से एक है और हो सकता है कि सबसे ज्यादा भी। अमेरिका के नेशनल वेदर सर्विस के मुताबिक पेसिफिक टाइम के अनुसार डेथ वैली में रविवार को दोपहर बाद 3.41 बजे यह तापमान रिकॉर्ड किया गया। संस्था के मुताबिक अगर इस तापमान की पुष्टि हो जाती है तो डेथ वैली ने अगस्त महीने में अपना ही पुराना रिकॉर्ड 3 डिग्री से तोड़ दिया है।

1913 वाले रिकॉर्ड पर सवाल

1913 वाले रिकॉर्ड पर सवाल

वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन के अगुवा रैंडी केरवेनी ने कहा है, 'मैंने अब तक जो कुछ भी देखा है वह यही इशारा करता है कि यह एक जायज अवलोकन है।' उन्होंने कहा है कि आगे हम अमेरिका की नेशनल क्लाइमेट एक्सट्रीम्स कमिटी के साथ इसकी विस्तार से पड़ताल कर सकते हैं, लेकिन शुरुआती तौर पर इसे मान लेना चाहिए। वैसे बता दें कि डेथ वैली के नाम पृथ्वी पर सबसे ज्यादा तापमान दर्ज करने का रिकॉर्ड है, जो कि 134 डिग्री का है। यह रिकॉर्ड 10 जुलाई, 1913 को बना था। लेकिन, 2016 में क्रिस्टोफर बर्ट नाम के एक वैज्ञानिक ने इस डाटा को यह कहकर चुनौती दी थी कि मौसम संबंधी नजरिए से ऐसा संभव नहीं है, इसलिए यह रिकॉर्ड विवादों में आ चुका है।

1931 के बाद सबसे ज्यादा तापमान

1931 के बाद सबसे ज्यादा तापमान

इससे पहले कुछ जलवायु वैज्ञानिक मानते रहे हैं कि 30 जून, 2031 को डेथ वैली में दर्ज किया गया 129 डिग्री का तापमान और 2016 में कुवैत में और 2017 में पाकिस्तान दर्ज किया गया तापमान इस धरती का अबतक का अधिकतम तापमान है। अगर हम सिर्फ इन आंकड़ों के आधार पर तय करें तो बीते रविवार को डेथ वैली में दर्ज हुआ तापमान पृथ्वी पर दुनिया में कहीं भी अभी तक का दर्ज हुआ सबसे ज्यादा तापमान है। वैसे आधिकारिक रूप से दर्ज आंकड़ों के आधार पर देखें तो 1931 के बाद रविवार को डेथ वैली का तापमान दुनिया में दर्ज किया गया सबसे ज्यादा तापमान तो है ही, 1873 के बाद यह तीसरा अधिकतम आधिकारिक तापमान है। इन दोनों के बीच में 1913 का इसी घाटी का विवादित तापमान और 7 जुलाई, 1931 को अफ्रीका के ट्यूनिशिया के केबिली में दर्ज 131 डिग्री का तापमान है, लेकिन दोनों ही आधिकारिक नहीं माने जाते।

अमेरिका का सबसे गहरा, सूखा और गर्म स्थान

अमेरिका का सबसे गहरा, सूखा और गर्म स्थान

बता दें कि कैलिफोर्निया की डेथ वैली अमेरिका का सबसे गहरा, सूखा और गर्म स्थान है। यह इलाका कैलिफोर्निया के दक्षिण-पूर्वी इलाके मोजावे रेगिस्तान में है और फर्नेस क्रीक नाम की जिस जगह पर तापमान रिकॉर्ड किया जाता है, वह समुद्र तल से 190 फीट गहराई में है। अपने नाम से ही जाहिर कि यह इलाका अत्यधिक तापमान के लिए कुख्यात है। 2018 के जुलाई महीने में यहां का औसत तापमान 108.1 डिग्री दर्ज किया गया था, जो कि पृथ्वी के सबसे गर्म महीने के रूप में दर्ज है। उस महीने में कम से कम 21 दिन तो तापमान 120 डिग्री दर्ज किया गया।

'नए जलवायु व्यवस्था' में प्रवेश कर चुकी है धरती

'नए जलवायु व्यवस्था' में प्रवेश कर चुकी है धरती

अधिक तापमान की वजह से हाल के दिनों में उस इलाके में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ी हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि दुनिया भर में गर्मी बढ़ने का सबसे बड़ा कारण इंसान की वजह से हो रहा जलवायु परिवर्तन है। 2019 में हुए एक स्टडी से पता चला है कि पृथ्वी एक 'नए जलवायु व्यवस्था' में प्रवेश कर चुकी है, जिसमें असाधारण रूप से गर्म हवाओं की वजह से ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है।
(कुछ तस्वीरें सौजन्य: सोशल मीडिया)

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English summary
What happened in America's 'Death Valley', from which lessons should be learned
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