भगवान के बारे में क्या कहना था स्टीफ़न हॉकिंग का?
दुनिया के जाने-माने वैज्ञानिक स्टीफ़न हॉकिंग ने 76 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है.
हॉकिंग ने विज्ञान के क्षेत्र में अपने काम से दुनियाभर में करोड़ों युवाओं को विज्ञान पढ़ने के लिए प्रेरित किया.
लेकिन हॉकिंग ने विज्ञान की नज़र से ही भगवान, पृथ्वी पर इंसानों का अंत और एलियनों के अस्तित्व पर अपनी बात पुरजोर अंदाज में रखी.
दुनिया के जाने-माने वैज्ञानिक स्टीफ़न हॉकिंग ने 76 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है.
हॉकिंग ने विज्ञान के क्षेत्र में अपने काम से दुनियाभर में करोड़ों युवाओं को विज्ञान पढ़ने के लिए प्रेरित किया.
लेकिन हॉकिंग ने विज्ञान की नज़र से ही भगवान, पृथ्वी पर इंसानों का अंत और एलियनों के अस्तित्व पर अपनी बात पुरजोर अंदाज में रखी.
हालांकि, हॉकिंग को इन बयानों के लिए धार्मिक संस्थाओं की ओर से विरोध का सामना भी करना पड़ा.
दुनिया के जाने माने वैज्ञानिक स्टीफ़न हॉकिंग का निधन
भगवान पर क्या कहते थे हॉकिंग?
स्टीफ़न हॉकिंग ने अपनी किताब 'द ग्रांड डिज़ाइन' में भगवान के अस्तित्व को सिरे से नकार दिया है.
उन्होंने एक नये ग्रह की खोज के बारे में बात करते हुए हमारे सौरमंडल के ख़ास समीकरण और भगवान के अस्तित्व पर सवाल उठाया.
साल 1992 में एक ग्रह की खोज की गई थी जो हमारे सूर्य की जगह किसी अन्य सूर्य का चक्कर लगा रहा था.
हॉकिंग ने इसका ही उदाहरण देते हुए कहा, "ये खोज बताती है कि हमारे सौरमंडल के खगोलीय संयोग - एक सूर्य, पृथ्वी और सूर्य के बीच में उचित दूरी और सोलर मास, सबूत के तौर पर ये मानने के लिए नाकाफ़ी हैं कि पृथ्वी को इतनी सावधानी से इंसानों को खुश करने के लिए बनाया गया था."
उन्होंने सृष्टि के निर्माण के लिए गुरुत्वाकर्षण के नियम को श्रेय दिया.
हॉकिंग कहते हैं, "गुरुत्वाकर्षण वो नियम है जिसकी वजह से ब्रह्मांड अपने आपको शून्य से एक बार फिर शुरू कर सकता है और करेगा भी. ये अचानक होने वाली खगोलीय घटनाएं हमारे अस्तित्व के लिए ज़िम्मेदार हैं. ऐसे में ब्रह्मांड को चलाने के लिए भगवान की ज़रूरत नहीं है."
हॉकिंग को इस बयान के लिए ईसाई धर्म गुरुओं की ओर से विरोध का सामना करना पड़ा.
आख़िर स्टीफ़न हॉकिंग को क्या बीमारी थी?
एलियन पर क्या कहते थे हॉकिंग?
स्टीफ़न हॉकिंग ने दुनिया के सामने ब्रह्मांड में एलियनों के अस्तित्व को लेकर कड़ी चेतावनी दी थी.
हॉकिंग ने अपने लैक्चर 'लाइफ़ इन द यूनिवर्स' में भविष्य में इंसानों और एलियन के बीच मुलाकात को लेकर अपनी राय रखी थी.
भौतिक शास्त्र के इन महान वैज्ञानिक ने कहा था, "अगर पृथ्वी पर जीवन के पैदा होने का समय सही है तो ब्रह्मांड में ऐसे तमाम तारे होने चाहिए जहां पर जीवन होगा. इनमें से कुछ तारामंडल धरती के बनने से 5 बिलियन साल पहले पैदा हो चुके होंगे."
"ऐसे में गैलेक्सी में मशीनी और जैविक जीवन के प्रमाण तैरते क्यों नहीं दिख रहे हैं. अब तक कोई पृथ्वी पर कोई क्यों नहीं आया और इस पर कब्जा क्यों नहीं किया गया. मैं ये नहीं मानता कि यूएफओ में आउटर स्पेस के एलियन होते हैं. मैं सोचता हूं कि एलियन का पृथ्वी पर आगमन खुल्लमखुल्ला होगा और शायद हमारे लिए ये अच्छा नहीं होगा."
"ब्रह्मांड में जीवन तलाशने के लिए सेती नाम का एक प्रोजेक्ट हुआ करता था. ये प्रोजेक्ट रेडियो तरंगों को स्कैन करता था ताकि हम किसी एलियन सभ्यता से आता संदेश हासिल कर सकें. मुझे लगता है कि इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जाना चाहिए था. पैसे की कमी की वजह से ये प्रोजेक्ट बंद हो गया."
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"लेकिन इस तरह मिले किसी भी संदेश का जवाब देते समय हमें सचेत रहना चाहिए. हमें थोड़ा और विकसित होने तक इंतज़ार करना चाहिए. हमारे वर्तमान स्वरूप में किसी आधुनिक सभ्यता से हमारी मुलाकात अमरीका के असली बाशिंदों रेड इंडियन और कोलंबस के बीच मुलाकात जैसी होगा. मुझे नहीं लगता है कि रेड इंडियनों को कोलंबस के साथ मुलाकात से फ़ायदा हुआ था."
इंसानों के पास बस 100 साल
स्टीफ़न हॉकिंग ने पृथ्वी पर इंसानियत के भविष्य को लेकर चौंकाने वाला ऐलान किया था.
ब्लैक होल में गिर जाएँ तो क्या होगा...
स्टीफ़न हॉकिंग ने कहा था, "मुझे विश्वास है कि इंसानों को अपने अंत से बचने के लिए पृथ्वी छोड़कर किसी दूसरे ग्रह को अपनाना चाहिए. और इंसानों को अपना वजूद बचाने के लिए अगले 100 सालों में वो तैयारी पूरी करनी चाहिए जिससे पृथ्वी को छोड़ा जा सके."