कोरोना से जुड़ी वो 5 बड़ी बातें क्या हैं, जो अब भी रहस्य हैं
नई दिल्ली- चीन के वुहान में आए कोरोना वायरस के पहले मामले को 6 महीने से ज्यादा बीत चुके हैं। दुनियाभर के सैकड़ों वैज्ञानिक तब से लगातार कोविड-19 या SARS-CoV-2 की पड़ताल में लगे हुए हैं। इसकी दवा पर काम चल रहा है, कम से कम 200 तरह की वैक्सीन पर काम जारी है। लेकिन, फिर भी 5 बातें इस नोवल कोरोना वायस के बारे में वैज्ञानिकों के लिए भी अभी तक रहस्य बने हुए हैं, जिनका जवाब उन्हें नहीं मिल पाया है। इन पांचों रहस्यों के बारे में एक साइंस जर्नल 'नेचर' में बताया गया है। वैज्ञानिकों के लिए चिंता की वजह इसलिए है कि अबतक विश्व में 1 करोड़ 15 लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं और मौत का आंकड़ा भी 5 लाख 40 हजार के करीब तक पहुंच चुका है, लेकिन उपचार लायक पुख्ता दवा और वैक्सीन को तो छोड़िए, इस नए वायरस जुड़ी पूरी बातों का ही अबतक पता नहीं लगा पाए हैं।
कोरोना वायरस से जुड़े 5 रहस्य
साइंस जर्नल 'नेचर' की आखिरी एंट्री में कोरोना वायरस से जुड़े 5 रहस्यों के पता लगाने पर जोर दिया गया है। 'नेचर' के मुताबिक विज्ञान अबतक यह पता लगाने में कामयाब रहा है कि 'ये वायरस सेल में घुसकर उसपर कब्जा कर लेता है, कैसे कुछ लोग इससे लड़ लेते हैं और कैसे कुछ लोगों की इससे मौत हो जाती है। वैज्ञानिकों को कुछ दवाइयों की पहचान हुई है, जो गंभीर मरीजों के लिए लाभदायक साबित होता है; कई और सक्षम इलाजों पर भी काम चल रहा है। वैज्ञानिकों ने करीब 200 सक्षम वैक्सीन भी विकसित कर लिए हैं और उनमें से कुछ साल के अंत तक प्रभावी भी साबित हो सकते हैं।' लेकिन, जर्नल में इस बीमारी से जुड़े उन अहम 5 सवालों को उठाया गया है, जिसका जवाब शोधकर्ताओं के पास अभी तक नहीं है।
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1-इस वायरस के प्रति लोगों की प्रतिक्रिया अलग-अलग क्यों होती है?
इसके बारे में तो सबको पता है कि यह वायरस बच्चों और बुजुर्गों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है, खासकर जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। लेकिन, पूरी तरह यह समझना अभी भी बाकी है कि अलग-अलग लोगों का शरीर इस नए वायरस के साथ अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया क्यों करता है। जर्नल में इसका टाइटल दिया गया है- 'कोरोना वायरस के 6 महीने: वे रहस्य जिसे सुलझाने में वैज्ञानिक अभी भी लगे हुए हैं।'
2- इम्यूनिटी का नेचर क्या है और यह कितनी टिकाऊ होती है?
वैज्ञानिक और इम्यूनोलॉजिस्ट अभी भी इस बात का पता नहीं लगा पाए हैं कि कोरोना वायरस बीमारी की इम्यूनिटी दिखती कैसी है और यह कितनी टिकाऊ होती है। जर्नल के मुताबिक, 'अध्ययनों में पाया गया है कि SARS-CoV-2 के खिलाफ एंटीबॉडीज को बेअसर करने का स्तर संक्रमण के बाद कुछ हफ्तों तक तो अधिक रहता है, लेकिन फिर आमतौर पर कम होना शुरू हो जाता है।'
3- क्या वायरस ने खुद में कोई चिंताजनक परिवर्तन कर लिया है?
पिछले साल चीन के वुहान शहर से निकल कर यह वायरस सभी महादेशों में फैल चुका है। वैज्ञानियों में सबसे ज्यादा इस बात को लेकर अटकलबाजियां चल रही हैं कि इतने समय में इसमें बहुत ज्यादा परिवर्तन (mutations-उत्परिवर्तन) हो जाने की संभावना है। लेकिन, पुख्ता तौर पर कुछ भी पता नहीं है।
4- वैक्सीन कितना असरदार साबित होगा?
वैज्ञानिकों के एक बड़े वर्ग का मानना है कि कोविड-19 का वैक्सीन आम जनता के लिए नहीं होगा, क्योंकि ज्यादातर लोग इस छूत की बीमारी से अपने आप ठीक हो जाते हैं। टीका समाज के उस वर्ग के लोगों के लिए कारगर हो सकता है, जिनको इससे सबसे ज्यादा खतरा है। जैसे कि बच्चे और बुजुर्ग और उनमें भी खासकर उन लोगों के लिए जो पहले ही किसी गंभीर रोगों से पीड़ित हैं। लेकिन, उनमें भी यह वैक्सीन कितना असरदार होगा इसके जवाब अभी आने बाकी हैं।
5-कोरोना वायरस की उत्पत्ति कैसे हुई ?
यह अभी भी सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है। चमगादड़ से लेकर पैंगोलिन तक, चीन में पैदा हुए वायरस की उत्पत्ति के सिद्धांत को लेकर अटकलों की भरमार है। जर्नल के मुताबिक चीन में चमगादड़ों से लिए गए 1,200 से ज्यादा सैंपल युन्नान के हॉर्सशू चमगादड़ों की ओर इशारा करते हैं कि नोवल कोरोना वायरस वहीं से पैदा हुआ है। अब तो कुछ दावे यहां तक किए जा रहे हैं कि इस वायरस के कुछ नस्ल तो वुहान से भी पुराने हैं, जो यूरोप के कई देशों के सीवेज में भी मिले हैं।
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