क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

क्‍या पश्चिमी मीडिया पर अपना असर खो रहे हैं पीएम मोदी

Google Oneindia News

न्‍यूयॉर्क। पिछले 15 दिनों के अंदर देश में जो कुछ हुआ है उससे न सिर्फ देश बल्कि केंद्र सरकार की इमेज को भी खासा नुकसान पहुंचा है। जेएनयू विवाद के बाद अमेरिका के लीडिंग न्‍यूजपेपर न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने एक एडीटोरियल पब्लिश किया है।

इस एडीटोरियल में कहा गया है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी पार्टी और अपने मंत्रियों पर नियंत्रण लगाना होगा।

मीडिया के नकरात्मक रवैये निपटने को तैयार पीएम मोदी

इस घटना से यह बात भी कहीं न कहीं साफ होती है कि इस तरह की घटनाओं के बाद पीएम मोदी पश्चिमी देशों के मीडिया पर अपना असर खोते जा रहे हैं।

इससे पहले जब नवंबर पीएम मोदी अपनी पहली ब्रिटेन यात्रा पर गए थे तो उस समय भी वहां के मीडिया ने उन्‍हें परेशान करते हुए कुछ सवाल पूछे थे।

आगे की स्‍लाइड्स पर नजर डालिए और पढ़‍िए कि जेएनयू विवाद के बाद पश्चिमी मीडिया ने पीएम को निशाना बनाते हुए क्‍या लिखा है।

क्‍या लिखा न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने

क्‍या लिखा न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने

न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स के मुताबिक भारत में अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करने वाले लोगों और देश की सरकार के बीच हिंसक विरोध की स्थिति बनी हुई है। इस अखबार का मानना है कि कट्टर हिंदू विचारधारा से जुड़े राजनीतिक सहयोगी असहमति के स्वर को शांत करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं।

टकराव की स्थिति

टकराव की स्थिति

न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स के मुताबिक जिस तरह के टकराव की स्थिति देश में बनी है उससे संसद में आर्थिक सुधारों से जुड़े कामों की प्रगति पर खासा असर पड़ेगा।

जेएनयू का जिक्र

जेएनयू का जिक्र

न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने अपने एडीटोरियल में जेएनयू का जिक्र किया है। न्‍यूजपेपर ने लिखा है कि जिस तरह से जेएनसू के स्टूडेंट लीडर कन्हैया कुमार को देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया और कैंपस में पुलिस बुलाई गई उससे एक अराजकता का माहौल बन गया।

पत्रकारों पर हमला और चुप रही पुलिस

पत्रकारों पर हमला और चुप रही पुलिस

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक बीजेपी सपोर्ट्स ने 'भारत माता की जय' और 'गद्दारों भारत छोड़ो' जैसे नारे लगाए। न सिर्फ छात्र बल्कि पत्रकारों पर भी हमले हुए और पुलिस चुपचाप तमाशा देखती रही।

मंत्रियों को अधिकार और अपराध में अंतर समझाएं

मंत्रियों को अधिकार और अपराध में अंतर समझाएं

न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने अपने एडीटोरियल में राजनाथ सिंह के एक बयान का जिक्र भी किया है। इसमें लिखा है कि पीएम मोदी को अपने मंत्रियों को यह बात साफ करनी होगी कि किसी भी डेमोक्रेसी में अभिव्‍यक्ति की आजादी अपराध नहीं है अधिकार है और यह अंतर पीएम को समझाना होगा।

तो रुक जाएगी आर्थिक प्रगति

तो रुक जाएगी आर्थिक प्रगति

न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने साफ-साफ लिखा है कि पीएम मोदी ने अगर अपने मंत्रियों और अपनी पार्टी पर कंट्रोल नहीं किया तो फिर देश की आर्थिक प्रगति में मुश्किलें आ सकती है।

 फ्रेंच मीडिया ने भी जाहिर की चिंता

फ्रेंच मीडिया ने भी जाहिर की चिंता

फ्रांस के न्‍यूजपेपर ला मॉन्‍ड ने एडीटोरियल में लिखा है कि कुछ व्‍यक्तियों को या संगठनों को देश के समर्थकों और रक्षक के तौर पर पेश करना बड़ी ही अजीब बात है। ये ऐसे लोग हैं जो धर्मनिरपेक्षता को कमजोर करने में लगे हैं। धर्मनिरपेक्षता भारतीय लोकतंत्र का एक अहम हिस्‍सा है।

क्‍या लिखा गार्डियन ने

क्‍या लिखा गार्डियन ने

ब्रिटेन के न्‍यूजपेपर द गार्डियन में छपे एक आर्टिकल में कहा गया कि भारत में देश को लोकतांत्रिक और विविधतापूर्ण मानने वाले लोगों का राष्ट्रवादी आक्रामक धार्मिक निष्‍ठा पूंजीवादी विकास का समर्थन करने वाले लोगों के साथ टकराव जारी है।

Comments
English summary
New York Times and few other publications have crticised Prime Minister Narendra Modi for his attitude towards India's present situations. New York Times have asked PM Modi to control his ministers.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X