चीन की धमकी- अमेरिकी जंगी जहाज अगर साउथ चाइना सी के आसपास भी दिखा तो वहीं डुबो देंगे
बीजिंग। चीन के एक एडमिरल ने धमकी दी है कि अगर अमेरिकी का कोई भी एयरक्राफ्ट कैरियर (जंगी जहाज, एयरक्राफ्ट और अन्य युद्ध से जुड़ी सामग्री ले जाने वाला वाहन) साउथ या ईस्ट चाइना सी के आसपास भटका, तो मिलिट्री वहीं पानी में दफन कर देगी। ऑस्ट्रेलियाई वेबसाइट News.com.au के मुताबिक, चीन के एडमिरल लुओ युआन ने 20 दिसंबर को साइनो-यूएस रिलेशनशिप पर बोलते हुए अमेरिका को धमकी दी है। लुओ ने कहा कि जिस दिन साउथ चाइना सी में अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर डूबेगा उसी दिन सारी समस्या खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसा करने के लिए चीन की सेना में बहुत क्षमता है।
दो एयरक्राफ्ट कैरियर डूबने पर होगी 10,000 की मौत
एडमिरल ने अपने भड़काऊ भाषण में कहा कि इस समु्द्र में अगर अमेरिका का एक एयरक्राफ्ट कैरियर डूबा, तो 5,000 सर्विसमैन और महिलाओं की जान जाएगी और अगर दो एयरक्राफ्ट डूबे तो 10,000 लोगों की मौत हो सकती है। उन्होंने कहा, 'हम देखना चाहेंगे कि अमेरिका कितना भयभीत होता है।' लुओ फिलहाल, चाइनीज एकेडमी ऑफ मिलिट्री साइंस में डिप्टी हेड हैं। इससे पहले भी लुओ कई बार अमेरिकी विरोधी बयान दे चुके हैं।
दुश्मन की कमजोरी पर हमला करो...
इससे पहले शेन्जेन में 2018 मिलिट्री लिस्ट समिट में लुओ ने चीन की हथियारों की क्षमता का जिक्र करते हुए कहा था कि उनके पास एंटी-शिप बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल है, जो अमेरिकी कैरियर को ध्वस्त कर सकते है। लुओ ने कहा कि अमेरिका कमजोर था और चीन को 'दुश्मन की कमियों पर हमला करने के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल करना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'जहां भी दुश्मन को अपने मारने का डर हो या जहां भी दुश्मन कमजोर दिखता है, वहां हमला करो...'
चीन-अमेरिका के बीच कई विवाद
चीन और अमेरिका पिछले कई सालों से विभिन्न मुद्दों के लेकर आमने-सामने हैं। जिसमें ट्रेड, जियो पॉलिटिकल और साउथ चाइना सी में बीजिंग के कथित दावे जैसे विवाद शामिल है। साउथ चाइना सी में जिस तरह से चीन अपने अवैध निर्माण को नहीं रोक रहा है, उसको लेकर अमेरिका लगातार चीन को घेरने की कोशिश में लगा हुआ है। साउथ चाइना सी के अधिकतर हिस्से को चीन अपना हिस्सा मानता है और वहां कई आर्टिफिशियल द्वीप भी बनाकर अपने मिलिट्री बेस तैयार किए है। समुद्र में चीन की इन्हीं हरकतों को रोकने के लिए कई बार अमेरिकी जंगी जहाजों को इस क्षेत्र में देखा जा चुका और इसी वजह से दोनों देशों की सेनाएं कई बार आमने-सामने भी हुई हैं।