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युद्ध की आहट: दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन ने बरसाए बम,अमेरिका को ललकार

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नई दिल्ली- दक्षिण चीन सागर में चीन और अमेरिका के बीच जारी तनातनी के बीच युद्ध की आहट सुनाई पड़ रही है। पहले अमेरिका के दो बड़े जंगी जहाजों ने उस इलाके में बड़ा युद्धाभ्यास करके चीन को चुनौती देने की कोशिश की थी, अब चीन चीन युद्धाभ्यास के नाम पर उसके एयरक्राफ्ट कैरियर्स को टारगेट करने की प्रैक्टिस कर रहा है। हालात को इस हिसाब से समझना जरूरी है कि अमेरिका के दो एयरक्राफ्ट कैरियर वहां पर अभी गश्त कर ही रहे हैं, अब उसी इलाके में चीन की नौसेना और एयरफोर्स भी युद्धाभ्यास करने लगे हैं। पहले यह भी खबर आ चुकी है कि अमेरिकी फाइटर जेट चीन के शंघाई जैसे महत्वपूर्ण शहर को छूकर निकल चुके हैं। ऐसे में चाइनीज एयरफोर्स की ओर से बम वर्षक विमानों से टारगेट तय करके परीक्षण करना बहुत बहुत बड़े खतरे का संकेत लग रहा है।

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US China Tension: China ने America को China Sea में बम बरसाकर ललकारा | वनइंडिया हिंदी
दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन ने बरसाए बम

दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन ने बरसाए बम

गुरुवार को चीन ने दक्षिण चीन सागर में अपने लॉन्ग रेंज बम वर्षक विमानों से टारगेट को मार गिराने के प्रैक्टिस किए हैं। चीन ने इस हरकत को अपना एरियल ड्रिल बताया है। गौरतलब है कि इस वक्त अमेरिकी जंगी जहाज भी इलाके में मौजूद है और अमेरिका साफ कर चुका है कि दक्षिए चीन सागर अकेले चीन की बपौती नहीं है। इसके बाद चीन का युद्धाभ्यास के नाम पर अपने बम वर्षकों से बमबाजी करना इस बात की ओर इशारा करता है कि वहां पर हालात विस्फोटक बनते जा रहे हैं और कभी भी यह तनाव जंग की शक्ल अख्तियार कर सकती है। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रेन गुओकियांग ने कहा है कि इस युद्धाभ्यास में रात के समय में टेकऑफ और लैंडिंग का तो अभ्यास किया ही गया है, साथ ही साथ लंबी दूरी के हमलों का भी परीक्षण किया गया है।

चीन का दावा- पहले से तय था परीक्षण

चीन का दावा- पहले से तय था परीक्षण

गुओकियांग के मुताबिक दक्षिण चीन सागर में हुए इस युद्धाभ्यास में चीन के सबसे शक्तिशाली माने जाने वाले एच-6जी और एच-6के जैसे बम वर्षकों का इस्तेमाल किया गया है। यह युद्धक विमान लंबे समय से पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी एयर फोर्स और पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी नेवी एयर फोर्स इस्तेमाल कर रहा है और अभी जिसने युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया है, वह इनके अपग्रेडड वर्जन हैं। हालांकि, चीन के रक्षा मंत्रालय प्रवक्ता ने दावा किया है कि यह युद्धाभ्यास हर मौसम में उड़ानों के लिए पायलटों की क्षमता को परखने के लिए किया गया है जो पहले से ही तय था। लेकिन, चीन ने यह साफ नहीं किया है कि उसने दक्षिण चीन सागर के किस इलाके में यह परीक्षण किया है। गौरतलब है कि इस समय चाइनीज पीएलए की नेवी भी यहीं पर युद्धाभ्यास में जुटी हुई है।

अमेरिकी जंगी जहाज भी गश्त लगा रहे हैं

अमेरिकी जंगी जहाज भी गश्त लगा रहे हैं

बड़ी बात ये है चीन के H-6G बम वर्षकों ने इसी इलाके में तैनात अमेरिकी जंगी जहाजों को निशाना बनाने की ड्रिल की है, जिसके पहुंचने के बाद से दोनों देशों में तनाव और बढ़ा हुआ है। इससे पहले ताइवान के पास उड़ान भर रहे एक अमेरिकी जासूसी प्लेन को भी चीन भगा दिया था। तब से अमेरिका ने अपने घातक बॉम्बर एयरक्राफ्ट की गश्त बढ़ा रखी है। अमेरिका का एयरक्राफ्ट कैरियर रोनाल्ड रीन भी यहां गश्त लगा रहा है। आज भी अमेरिकी के दो एयरक्राफ्ट कैरियर लगातार यहां गश्त दे रहे हैं।

दक्षिण चीन सागर पर अपना एकाधिकार चाहता है चीन

दक्षिण चीन सागर पर अपना एकाधिकार चाहता है चीन

बता दें कि चीन ने साउथ चाइना सी के बड़े इलाके में विशालकाय कृत्रिम द्वीप बना रखा है और उसपर उसने पीएलए का पूरा बेस तैयार कर लिया है, जिसपर हमेशा उसके फाइटर जेट पहले से ही अलर्ट मोड पर रहते हैं। लेकिन, अमेरिका ने इसी महीने पहली बार इस इलाके पर चीन के दावे को खारिज कर दिया था। अमेरिकी रक्षा मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा था कि, 'दुनिया बीजिंग को दक्षिण चीन सागर को अपने समुद्री साम्राज्य की तरह बर्ताव करने की इजाजत नहीं देगी।' चीन के अलावा पांच और देश इस इलाके पर अपना दावा जताते हैं, क्योंकि इस रास्ते सालाना 5 खरब डॉलर का विदेशी व्यापार होता है।

दक्षिण चीन सागर में युद्ध की आहट

दक्षिण चीन सागर में युद्ध की आहट

यहां यह भी जानकारी जरूर है कि चीनी सेना के एक रिटायर नौसैना अधिकारी वांग युनफेन पिछले हफ्ते दावा कर चुके हैं कि अमेरिकी साउथ चाइना सी में अचानक हमले की योजना बना रहे हैं। क्योंकि, इसके जरिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनाव में अपना पलड़ा भारी करना चाहते हैं। इन परिस्थितियों में एस राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडी के रिसर्चर कोलिन कोह को भी लगता है कि चीन और अमेरिकी युद्धपोतों और लड़ाकू विमानों की मौजूदगी से दोनों में भिड़ंत की आशंका बढ़ गई है।
(ऊपर से तीसरी तस्वीर छोड़कर सभी प्रतीकात्मक)

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English summary
War Call: Dragon rains bombs in South China Sea, warning America in the name of maneuvers
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