हिंसा के बीच अफगानिस्तान में चुनाव, मतदान केंद्र पर धमाके में 15 घायल
तनाव और हिंसा के बीच अफगानिस्तान में शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है। इस बीच लोगों को जिस बात का डर था, वही हो रहा है। यहां दक्षिणी अफगानिस्तान के मतदान केंद्र में एक बम धमाका हो गया है। जिसमें 15 लोग घायल हो गए हैं। तालिबानी हमलों के कारण लोग मतदान के लिए पहले से ही डर हुए थे।
अफगानिस्तान में अमेरिका ने साल 2001 में तालिबान को सत्ता से हटाया था, उसके बाद से यहां चौथी बार राष्ट्रपति चुनाव हो रहे हैं। इस बार चुनाव मैदान में कुल 16 उम्मीदवार हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला मौजूदा राष्ट्रपति अशरफ गनी और अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह के बीच माना जा रहा है।
तालिबान ने दी थी चेतावनी
तालिबान ने इस बात की चेतावनी पहले ही दे दी थी कि वह चुनाव में बाधा डालने के लिए मतदान केंद्रों को निशाना बनाएगा। ऐसे में माना जा रहा है कि कई इलाकों में मतदान संभव नहीं हो पाएगा। बीते करीब चार दशक से हिंसा से जूझ रहे इस देश में हर साल हजारों लोगों की मौत हो जाती है। यहां कई अन्य देशों की सेनाएं भी मौजूद हैं।
अमेरिका के नेतृत्व में करीब दो दशक पहले यहां अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दखल दिया और फिलहाल तालिबान से बातचीत जारी है। यहां वर्तमान में अमेरिका के करीब 14 हजार सैनिक मौजूद हैं। यहां अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, इटली और जर्मनी के सैनिक भी हैं। ये सभी सैनिक नाटो मिशन के तहत इस देश के सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण देने, सलाह देने और उनकी मदद के लिए तैनात किए गए हैं।
तालिबान पहले ही अफगानिस्तान की सरकार को अवैध बता चुका है। वह यहां की सरकार से बात करने के लिए भी तैयार नहीं है। तालिबान का कहना है कि वह अमेरिका से कोई समझौता होने के बाद ही अफगानिस्तान के प्रशासन से बातचीत करेगा।
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