साल 2036 तक रूस के राष्ट्रपति बने रहेंगे व्लादिमीर पुतिन!
मास्को। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन साल 2036 तक रूस के राष्ट्रपति पद पर बने रह सकते हैं, दरअसल लंबी जदोजहद के बाद बुधवार को रूस में जनमत संग्रह अभियान पूरा हुआ, कोरोना संकट के कारण इस प्रक्रिया में काफी वक्त लगा , हालांकि लोगों ने ऑनलाइन वोटिंग की है, आपको बता दें कि रूस की जनता ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (67) को 2036 तक पद पर बनाए रखने के समर्थन और विरोध में वोट दिए, जानकारी के मुताबिक इस वोटिंग में करीब 60% वोटरों ने मतदान किया, मालूम हो कि पुतिन का कार्यकाल 2024 में समाप्त होने वाला है।
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पुतिन को 76% लोगों का समर्थन!
परिणाम तो बाद में आएंगे लेकिन प्राप्त जानकारी के मुताबिक जनता ने जनमतसंग्रह में पुतिन के 2036 तक सत्ता में बने रहने के लिए जरूरी संविधान संशोधन का समर्थन किया है, क्योंकि केंद्रीय चुनाव आयोग के मुताबिक, बैलेट की गिनती लगभग पूरी हो चुकी है और अब तक आए नतीजों में 78 फीसदी लोगों ने संविधान संशोधन का समर्थन किया है, अगर रिजल्ट यही रहता है तो पुतिन मौजूदा कार्यकाल के बाद 6-6 साल के लिए फिर दो बार राष्ट्रपति होंगे, जबकि दूसरी तरफ, विपक्ष ने सरकार पर मतदान में गड़बड़ी करने का संगीन आरोप लगाया है।
पुतिन 7 मई 2012 से रूस के राष्ट्रपति हैं
मालूम हो कि व्लादिमीर व्लादिमीरोविच पुतिन का जन्म 7 अक्टूबर 1952 को हुआ था, पुतिन 7 मई 2012 से रूस के राष्ट्रपति हैं, इससे पहले वो साल 1999 से 2000 और साल 2008 से 2012 तक रूस के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान वे रूस की संयुक्त रूस पार्टी के अध्यक्ष भी थे, यहां आपको बता दें कि पुतिन ने 16 साल तक सोवियत संघ की गुप्तचर संस्था केजीबी में अधिकारी के रूप में सेवा की है जहां वे लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर भी रहे हैं।
तीसरी बार राष्ट्रपति पद के चुनाव में खड़े होने के लिए अयोग्य थे पुतिन
साल 1991 में सेवानिवृत्त होने के पश्चात उन्होंने राजनीति में कदम रखा। 1996 में वह मास्को में राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन के प्रशासन में शामिल हुए और31 दिसम्बर 1999 को रूस के कार्यवाहक राष्ट्रपति बने थे, पुतिन ने साल 2000 और फिर 2004 का राष्ट्रपति चुनाव जीता था लेकिन रूसी संविधान के द्वारा तय किये गए कार्यकाल सीमा की वजह से वह 2008 में लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति पद के चुनाव में खड़े होने के लिए अयोग्य थे।
पुतिन को झेलना पड़ा था भारी विरोध
फिर साल 2008 में दिमित्री मेदवेदेव ने राष्ट्रपति चुनाव जीता और प्रधानमंत्री के रूप में पुतिन को नियुक्त किया। सितंबर 2011 में रूसी कानून में बदलाव किया गया जिसके बाद राष्ट्रपति पद के कार्यकाल की अवधि 4 साल से बढ़ाकर 6 साल कर दी गई, जिसके बाद पुतिन ने 2012 में राष्ट्रपति पद के लिए एक तीसरे कार्यकाल में चुनाव लड़ने करने की घोषणा की, जिसके चलते कई रूसी शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। मार्च 2012 में उन्होंने यह चुनाव जीता और वर्तमान में 6 वर्ष के लिए राष्ट्रपति हैं।
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