रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने दी चेतावनी, राजनीतिक मकसद के लिए प्रयोग रहे आर्थिक प्रतिबंध, विनाश की तरफ बढ़ रही दुनिया
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने कहा है कि आज अगर विश्व की अर्थव्यवस्था चरमराई है तो इसकी वजह है राजनीतिक मंशा से देशों पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध। पुतिन का इशारा अपने इस बयान के जरिए अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों पर था।
मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने कहा है कि आज अगर विश्व की अर्थव्यवस्था चरमराई है तो इसकी वजह है राजनीतिक मंशा से देशों पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध। पुतिन का इशारा अपने इस बयान के जरिए अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों पर था। यू्क्रेन संकट के बाद से रूस आर्थिक प्रतिबंध झेल रहा है और इस समय उसकी आर्थिक स्थिति काफी डावांडोल है। पुतिन जो हाल ही में चौथी बार रूस के राष्ट्रपति चुने गए हैं, उन्होंने यह बात सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित एक बिजनेस फोरम में कही है।
देशों को काटने की कोशिश
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि न सिर्फ देशों को काटने की कोशिश हो रही बल्कि कई देशों के बीच सहयोग के एक ऐसे सिस्टम को भी खत्म करने की कोशिश हो रही है जिसे कई दशकों के बाद तैयार किया जा सका था। पुतिन ने अमेरिका का नाम न लेते हुए इसकी आलोचना करते हुए कहा कि आर्थिक प्रतिबंध आज के दौर में राजनीति करने का एक ऐसा जरिया बन गए हैं जिसकी मदद से प्रतिद्वंदी को दबाया जा सकता है या फिर छूट को वापस लिया जा सकता है। रूस और अमेरिका के संबंधों में यूक्रेन संकट के बाद से ही तनाव आ गया था।
एक अस्थिर संकट की तरफ बढ़ रही दुनिया
पुतिन ने कहा कि सिस्टम को बहुत ही गलत तरीके से तोड़ा जा रहा है और अब नियम तोड़ना एक नया नियम बन गया है। पुतिन ने यहां पर चेतावनी भी दी कि इस सिस्टम को तोड़ने की वजह से दुनिया को एक आपदा की तरफ धकेला जा रहा है और अब 'व्यापार शांति' वापस लाने के लिए इसे बदला जाना चाहिए। वर्तमान नियमों को तवज्जो न देने और विश्वास की कमी, दोनों की वजह से आने वाले कुछ वर्षों में एक बड़े बदलाव में भी एक अस्थिर और अशांतिपूर्ण माहौ बन जाएगा। इसकी वजह से दुनिया एक ऐसे संकट में होगी जिसके बारे में कभी किसी ने नहीं सोचा होगा।
प्रतिबंधों की वजह से आर्थिक तंग झेलता रूस
इसके बाद सीरिया में युद्ध और फिर साल 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में हस्तक्षेप के आरोपों ने दोनों देशों के संबंधों को बहुत ही तनावपूर्ण कर दिया है। अमेरिका और इसके साथी देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध लगा दिए थे जिसकी वजह से रूस की अर्थव्यवस्था पर खासा असर पड़ा है। इस कार्यक्रम में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी मौजूद थे। यहां पर मैक्रों ने अपील की है कि रूस और यूरोपियन यूनियन के बीच संबंधों को बेहतर किया जाना बहुत जरूरी है।