वीके सिंह के उत्तर कोरिया दौरे पर 'चीन की वाहवाही'
चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने पिछले हफ़्ते भारतीय विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह के उत्तर कोरिया दौरे पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि वीके सिंह आमंत्रण पर उत्तर कोरिया गए थे.
अख़बार के अनुसार अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के लिए यह दौरा चौंकाने वाला था क्योंकि हाल के वर्षों में भारत की तरफ़ से इस तरह का उच्चस्तरीय दौरा नहीं हुआ था.
चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने पिछले हफ़्ते भारतीय विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह के उत्तर कोरिया दौरे पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि वीके सिंह आमंत्रण पर उत्तर कोरिया गए थे.
अख़बार के अनुसार अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के लिए यह दौरा चौंकाने वाला था क्योंकि हाल के वर्षों में भारत की तरफ़ से इस तरह का उच्चस्तरीय दौरा नहीं हुआ था.
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि 2015 में उत्तर कोरियाई विदेश मंत्री रि सु-योंग नई दिल्ली आए थे. अगर इस दौरे को छोड़ दें तो उत्तर कोरिया की तरफ़ 30 साल पहले इस तरह का उच्चस्तरीय दौरा हुआ था.
2015 में ही सितंबर महीने में भारतीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू नई दिल्ली में उत्तर कोरिया के राष्ट्रीय दिवस के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
इतनी ख़ामोशी से उत्तर कोरिया क्यों गए वीके सिंह
अख़बार का कहना है कि 2015 में दोनों देशों के बीच बढ़ते संवाद से एक किस्म के उत्साह का माहौल कायम हुआ था. अख़बार का कहना है कि भारत उत्तर कोरिया के साथ संबंधों को गति देकर अपनी विदेश नीति ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी को विस्तार देने की कोशिश कर रहा है.
हालांकि उत्तर कोरिया से संबंधों को लेकर भारत पर अमरीका का दबाव रहा है पर अमरीकी दबाव के सामने भारत ने इस मामले में कभी हथियार नहीं डाले. भारत ने अमरीका की उस मांग को सिरे से ख़ारिज कर दिया था जिसमें अमरीका ने उत्तर कोरिया में भारतीय दूतावास बंद करने की मांग की थी.
अख़बार का कहना है कि वीके सिंह का उत्तर कोरिया दौरा स्वतंत्र और समझदारी भरी विदेश नीति की पहचान है और इसे नई दिल्ली का विवेकपूर्ण राजनयिक क़दम के रूप में देखा जाना चाहिए. भारत उत्तर कोरिया में मौक़े को यूं ही नहीं जाने देना चाहता है.
ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि वीके सिंह के उत्तर कोरिया जाने के दो कारण हैं. पहला यह कि भारत उत्तर कोरिया से आश्वासन चाहता है कि वो पाकिस्तान के साथ परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों में मदद बंद करे.
भारत की यह सबसे बड़ी चिंता है. 1999 के बाद से भारत का मानना है कि उत्तर कोरिया ने पाकिस्तान को बैलिस्टिकी मिसाइल तकनीक पाकिस्तान को मुहैया कराया है. भारत का मानना है कि यह क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए ख़तरा है.
अख़बार ने लिखा है, ''भारत स्पष्ट रूप से चाहता है कि उत्तर कोरिया उसके दुश्मन पाकिस्तान को परमाणु और मिसाइल प्रोग्राम के विकास में बिल्कुल मदद नहीं करे, लेकिन भारत ने अब तक परमाणु अप्रसार संधि या मिसाइल टेक्नॉलजी कंट्रोल रेजिम पर हस्ताक्षर नहीं किया है. ऐसे में भारत का कोई हक़ नहीं बनता है कि वो उत्तर कोरिया की आलोचना करे.''
अख़बार के अनुसार भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत को इस मामले में सफलता मिली है क्योंकि उत्तर कोरिया ने वादा किया है कि वो ऐसा कोई क़दम नहीं उठाएगा जिससे भारत की सुरक्षा ख़तरे में पड़े.
अमरीकी राजनयिकों के साथ गलत व्यवहार
पाकिस्तान के प्रमुख अख़बार डॉन की एक ख़बर के अनुसार अमरीकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कांग्रेस को सूचित किया है कि अमरीकी राजनयिकों के साथ ग़लत व्यवहार किया गया है. अमरीकी विदेश मंत्री ने यह भी कहा है कि अमरीका ने 2018 में पाकिस्तान को मिलने वाले फंड में भारी कटौती की है और अगले साल और कटौती की जाएगी.
अख़बार ने लिखा है, अमरीकी विदेश मंत्रालय का कहना है कि अमरीकी राजनयिकों के साथ दुर्व्यवहार पाकिस्तान की संसदीय विदेश समिति के समक्ष एक सुनवाई के दौरान किया गया था और इससे संकेत मिलते हैं कि कभी अमरीका और पाकिस्तान के बीच क़रीबी रिश्ते अब आख़िरी सांस ले रहा है.
पॉम्पियो ने अमरीकी विदेश मंत्रालय में एक बहस के दौरान कहा, ''हमारे अधिकारियों के साथ पाकिस्तान ने ग़लत व्यवहार किया है. इसके साथ अमरीकी दूतावास के राजनयिकों के साथ भी पाकिस्तान की सरकार ने दुर्व्यवहार किया है.'' अमरीकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में पाकिस्तान को मिलने वाली आर्थिक मदद में और कटौती की जानी चाहिए.
शेख हसीना भारत दौरे पर
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत दौरे पर आई हैं. बांग्लादेश के प्रमुख अख़बार ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक़ हसीना ने कहा है कि दोनों देश अपने मधुर संबंधों का भरपूर इस्तेमाल करेंगे. हसीना ने उम्मीद जतायी है कि दोनों देशों के बीच मधुर संबंधों का सिलसिला जारी रहेगा.
अख़बार के मुताबिक़ हसीना ने कहा, ''दोनों देशों के संबंध रणनीतिक गठजोड़ से आगे के हैं. बाक़ी की दुनिया के लिए द्वीपक्षीय संबंधों के लिए एक मॉडल की तरह है.'' शेख हसीना ने यह बात पश्चिम बंगाल के बोलपुर स्थित विश्व भारती यूनिवर्सिटी में नवनिर्मित बांग्लादेश भवन के उद्घाटन के मौक़े पर कही. इस दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद थीं.