कोरोना संक्रमण के जोखिम को वाकई कम करता है विटामिन डी, शोधकर्ताओं को मिले और सबूत!
नई दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी से सुरक्षा में विटामिन डी की भूमिका पर पहले भी कई रिसर्च हो चुके हैं, जिसमें यह साबित हो चुका है कि शरीर में विटामिन डी की प्रचुरता कोरोना संक्रमण से लड़ने में मदद करता है और यह संक्रमित मरीज की हालत नाजुक होने से भी रोकता है। एक ताजा शोध ने विटामिन डी की इन्हीं खूबियों को एक बार फिर रेखांकित करते हुए पुष्टि की है कि विटामिन डी कोरोना से लोगों की रक्षा कर सकता है।
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विटामिन डी की कमी अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों के बीच आम हैः शोध
ताजा अध्ययन बताता है कि धूप (विटामिन डी प्रमुख स्रोत) से मिलने वाले पोषक तत्वों की कमी अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों के बीच आम है। दुनिया भर में इसको लेकर हुए अनुसंधान में एक स्पष्ट तस्वीर पेश की है कि ऐसे संक्रमित रोगी, जिनके शरीर में पर्याप्त विटामिन डी नहीं है, उनके अस्पताल में मरने की अधिक संभावना है, लेकिन वैज्ञानिक अब तक यह बताने में असमर्थ रहे हैं कि क्या पोषक तत्वों की कमी लोगों को बीमारी की चपेट में ले रही है, अथवा क्या अस्वस्थ होने से विटामिन डी का स्तर गिर जाता है।
स्पेनिश विशेषज्ञों ने विटामिन डी और कोरोना से सुरक्षा का ताजा खुलासा किया
ताजा शोध में स्पेनिश विशेषज्ञों ने विटामिन डी और कोरोनावायरस से सुरक्षा को लेकर अधिक सबूतों का खुलासा किया है, जिन्होंने सस्ते विटामिन डी की खुराक का सुझाव दिया हैं , जिसकी लागत प्रति गोली एक रुपए से कम है, वह संक्रमण से सुरक्षा में फायदेमंद साबित हो सकती है। सैंटनर विश्वविद्यालय के कैंटाब्रिया विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने उत्तरी स्पेन के शहर वाल्डेकिला अस्पताल में ऐसे 216 कोरोनावायरस संक्रमित रोगियों को देखा, जिनमें से 90 फीसदी में विटामिन डी की कमी थी, जबकि 18 फीसदी में ही पोषक तत्वों का पर्याप्त स्तर था, यह अंतर चार गुना का था। इनकी तुलना नियंत्रण समूह में उन 47 फीसदी लोगों से की गई, जिन्हें विटामिन डी की कमी थी, लेकिन उन्हें संक्रमण नहीं था।
विटामिन डी की कमी वाले 44 रोगियों को ICU में स्थानांतरित करना पड़ा
रिपोर्ट में कहा गया है कि विटामिन डी की कमी वाले 44 कोरोना रोगियों को आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया, क्योंकि उनकी बीमारी बदतर हो गई थी, जबकि 37 को वेंटिलेशन की जरूरत थी। पाया गया ऐसे लोगों के विटामिन डी का स्तर समूह के बाकी लोगों की तुलना में कम नहीं था। देखा गया कि अन्य रोगी अतिरिक्त देखभाल की जरूरत के बिना स्वस्थ हो गए।
स्पैनिश शोधकर्ता रोगियों को विटामिन डी सप्लीमेंट देने की सलाह दे रहे हैं
स्पैनिश शोधकर्ता अब कोरोनावायरस रोगियों को विटामिन डी सप्लीमेंट से उपचारित करने का सलाह दे रहे हैं, क्योंकि इस दृष्टिकोण का लाभकारी प्रभाव हो सकता है। हालांकि इसके कुछ नकारात्मक दुष्प्रभाव भी उल्लेखित किए हैं। हालांकि अनुसंधान यह साबित नहीं करता है कि कमी के कारण उन्हें इतना बीमार कर दिया कि देखभाल के लिए उन्हें अस्पताल में एडमिट करने की जरूरत पड़ गई। कहा गया है कि यह समान परिणाम के लिए कि गए अध्ययन की एक नवीनतम कड़ी है।
विटामिन डी खुराक से इलाज से रोगियों की बचने की संभावना बढ़ जाती है
वहीं, दूसरों शोधकर्ताओं ने भी सुझाव दिया है कि सस्ते विटामिन डी की खुराक के साथ कोरोना अस्पताल के रोगियों के इलाज से उनके बचने की संभावना बढ़ जाती है और उनकी रिकवरी में तेजी आती है, लेकिन क्लीनिकल परीक्षणों की कमी, वैज्ञानिक अनुसंधान के गोल्ड स्टैंडर्ड ने वैज्ञानिकों के लिए यह कहना असंभव बना दिया है कि वो सचमुच काम करते हैं।
क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन ने विटामिन डी को लेकर ट्रायल शुरू किया
हालांकि विटामिन डी के लाभों की ओर इशारा करते हुए बड़े सबूतों ने ब्रिटेन के शोधकर्ताओं को इसी महीने की शुरुआत में इसका संज्ञान लेने के लिए प्रेरित किया और क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन द्वारा विटामिन डी को लेकर एक परीक्षण शुरू किया गया था। इस परीक्षण में कुल 5,000 वॉलंटियर्स को छह महीने के लिए विटामिन देगा और देखेगा कि विटामिन डी लोगों को बीमारी में जकड़ने या बहुत बीमार होने से बचा सकता है या नहीं?