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अफ़ग़ानिस्तान में हिंदुओं और सिखों के ख़िलाफ़ हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण: करज़ई

वह कहते हैं कि वहां के अल्पसंख्यक उसी ज़मीन के हैं और वह भी उतने ही अफ़ग़ान हैं. करज़ई कहते हैं कि सोवियत संघ के हमले के बाद हिंदू और सिखों समेत लाखों अफ़ग़ानों को पलायन करना पड़ा.

पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा कॉरिडोर खोले जाने की संभावनाओं पर करज़ई का कहना है कि गुरु नानक देव जी सिखों समेत मुस्लिमों और हिंदुओं में भी उतने ही सम्मानित हैं.

By BBC News हिन्दी
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हामिद करज़ई
Reuters
हामिद करज़ई

अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई गुरुवार को अमृतसर में थे. जहां वह सिखों के सबसे पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर गए थे.

बीबीसी से बातचीत में पूर्व राष्ट्रपति ने अफ़ग़ानिस्तान में शांति और चुनाव, भारत-पाकिस्तान संबंधों और अपने देश में सिखों समेत विभिन्न अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर बात की.

छह महीने बाद अफ़ग़ानिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं, लेकिन इन चुनावों को लेकर असुरक्षा का ख़तरा मंडरा रहा है. क्या अफ़ग़ानिस्तान में नेतृत्व बदलाव की आवश्यकता है? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि सुरक्षा का मसला बड़ी चिंता का विषय है.

करज़ई ने कहा, "किसी भी देश में नई सरकार के गठन के लिए चुनाव सबसे अच्छी चीज़ है, लेकिन अफ़ग़ानिस्तान में सुरक्षा की समस्या सबसे बड़ा मुद्दा है और आधा देश तालिबान के कब्ज़े में है या उससे प्रभावित है. चुनाव कराना बहुत मुश्किल काम है. हालांकि, इन सबके बावजूद चुनाव हुए हैं और हमारे लोगों ने वोट का इस्तेमाल करके बिना किसी दखल के अपना नेता चुना है."

इमरान से हैं उम्मीदें

पाकिस्तान में नई सरकार से करज़ई को बेहद उम्मीदे हैं. वह कहते हैं कि नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान ख़ान पाकिस्तान को अलग नज़रिया देंगे और जिससे भारत, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान में व्यापार के नए रास्ते खुलेंगे.

हाल ही में अफ़ग़ानिस्तान में सिख अल्पसंख्यकों पर चरमपंथी हमले हुए थे जिसमें कई सिख नेता और कार्यकर्ता मारे गए थे. इस पर करज़ई ने कहा कि हिंदुओं और सिखों का हाल में अफ़ग़ानिस्तान में मारा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है.

उन्होंने कहा, "वे देश का अहम अंग हैं. हमारा ख़ूबसूरत, शक्तिशाली देश है और बाकी अफ़ग़ानों की तरह वे लोग भी प्रभावित हैं. मुझे उम्मीद है कि यह पीड़ा ख़त्म होगी."

करज़ई ने कहा कि उन्होंने अपनी सरकार के दौरान हिंदुओं और सिखों के लिए बहुत कुछ किया, न केवल उन्हें उनका व्यापार और संपत्ति दिलवाई बल्कि उन्हें सरकार में भी लाए.

वह कहते हैं कि वहां के अल्पसंख्यक उसी ज़मीन के हैं और वह भी उतने ही अफ़ग़ान हैं. करज़ई कहते हैं कि सोवियत संघ के हमले के बाद हिंदू और सिखों समेत लाखों अफ़ग़ानों को पलायन करना पड़ा.

पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा कॉरिडोर खोले जाने की संभावनाओं पर करज़ई का कहना है कि गुरु नानक देव जी सिखों समेत मुस्लिमों और हिंदुओं में भी उतने ही सम्मानित हैं.

वह कहते हैं कि केवल गुरु नानक देव जी के पवित्र स्थल के लिए ही यह कॉरिडोर खोले जाने की ज़रूरत है बल्कि तीनों देशों के लोगों के लिए अपने-अपने पवित्र स्थल खोले जाने चाहिए ताकि वहां के लोग स्वतंत्र रूप से अपनी धार्मिक मान्यताओं को पूरा कर सकें.

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English summary
Violence against Hindus and Sikhs in Afghanistan is unfortunate Karzai
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