क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

नज़रिया: 'कुलभूषण जाधव का ज़िंदा रहना ही पाकिस्तान के हक़ में'

कुलभूषण जाधव के मामले पर पाकिस्तान की 'दरियादिली' के पीछे क्या हैं वजहें, पढ़ें.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News

पाकिस्तान में फांसी की सज़ा पाए भारतीय कुलभूषण जाधव से उनकी पत्नी और मां को इस्लामाबाद में मिलवाया गया.

पाकिस्तान ने इसे इंसानियत का तकाज़ा बताया है, लेकिन ये एक दिन की प्रक्रिया का नतीज़ा नहीं है.

इस मामले में पाकिस्तान बहुत सोच समझ कर फैसले ले रहा है. जाधव को मौत की सज़ा देकर कुछ भी हासिल नहीं होने वाला.

क़साब की तरह जाधव कोई इतने बड़े दहशतगर्द नहीं रहे हैं.

हालांकि उन्होंने कथित तौर पर खुद ये बात क़बूल की है कि 'पाकिस्तान में दहशतर्दी के मामलों में वो शामिल रहे हैं और वे भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी रॉ के लिए काम करते रहे हैं.'

जाधव का ज़िंदा रहना और सेहतमंद रहना ही पाकिस्तान के हक़ में है.

इससे पाकिस्तान को ये मौका मिलता है कि वो जाधव का हवाला देकर दुनिया और भारत को ये याद दिलाता रहे कि भारत ने बलूचिस्तान में ऐसा व्यक्ति भेजा था.

इस्लामिक परंपरा के चलते जाधव को परिवार से मिलवाया: पाकिस्तान

जाधव परिवार के मिलने पर क्या बोले पाकिस्तानी

काउंसलर एक्सेस देने के संकेत

इस मुलाक़ात का दूसरा बड़ा कारण जाधव की अपील थी जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी से मिलने की गुज़ारिश की थी.

इस मायने में पाकिस्तान ने अलग तरीक़े से बर्ताव किया है.

दुनिया में कहां ऐसा होता है कि एक जासूस पकड़ा जाए और वो अपने गुनाह क़बूल करे और फिर उसके साथ अच्छा सलूक किया जाए.

कुलभूषण जाधव का मामला इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस तक पहुंच चुका है.

काउंसलर एक्सेस देने के मसले पर पाकिस्तान का कहना है कि जाधव उस श्रेणी में नहीं आते, वो कोई राजनयिक नहीं हैं.

हालांकि इस मुलाक़ात की पूर्व संध्या पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने कहा है कि हो सकता है कि पाकिस्तान उन्हें काउंसलर एक्सेस भी दे दे.

असल में पाकिस्तान जाधव की नज़ीर पूरी दुनिया को दिखा रहा है.

जब जाधव की पत्नी ने कहा कि वो अकेली पाकिस्तान नहीं जाना चाहती हैं तो अधिकारियों ने सोच विचार कर उनके साथ एक और महिला यानी कुलभूषण की मां को आने की इजाज़त दी. बड़ी इज़्ज़त के साथ दोनों को पाकिस्तान लाया गया और मिलवाया गया.

ऐसे मिले कुलभूषण जाधव अपनी मां और पत्नी से

कुलभूषण जाधव की फांसी पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने लगाई 'रोक'

पेंशन बुक पर भारत खामोश

दिलचस्प बात ये है कि पाकिस्तान इस मामले को लेकर बहुत आत्मविश्वास में है.

छोटे मोटे एजेंट दोनों देशों में पकड़े जाते हैं लेकिन पाकिस्तान को इतना बड़ा शिकार कभी मिला नहीं था.

पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसियों ने जाधव पर दो साल तक नज़र रखा था और मौका देखकर उन्हें गिरफ़्तार किया.

भारत का तर्क है कि जाधव एक रिटायर्ड फ़ौजी हैं. लेकिन पाकिस्तान जब उनकी पेंशन बुक दिखाने की बात कहता है तो मोदी सरकार ख़ामोशी अख़्तियार कर लेती है.

अगर पेंशन बुक दिखा दी जाती तो इससे जाधव का केस मजबूत ही होता. जाधव के पास से दूसरे नामों के पासपोर्ट जब्त किए गए.

इसका भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया.

नज़रिया: क्या कुलभूषण जाधव को बचाया जा सकता है?

कौन हैं पाकिस्तान में कैद कुलभूषण?

कुलभूषण जाधव
FAROOQ NAEEM/AFP/Getty Images
कुलभूषण जाधव

द्विपक्षीय संबंध

हालांकि पाकिस्तान ने कहा है कि ये मुलाक़ात केस जीतने के लिए नहीं, बल्कि इंसानी जज़्बे के तहत कराई गई है.

लेकिन असल बात ये है कि दुनिया में हर देश ऐसे कुछ विश्वासबहाली के क़दम उठाता है जिससे दुनिया में उसकी छवि मानवीय स्टेट के रूप में जाए.

बहरहाल, इस कूटनीति में जाधव की पत्नी और मां को अपने क़रीबी से मिलने का वक़्त मिल गया.

जहां तक लगता है, इस मुलाक़ात से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में कोई ख़ास बदलाव नहीं आने जा रहा है.

ये एक द्विपक्षीय लेन-देन का मसला है. इस मुलाक़ात के पहले ही भारत ने कुछ पाकिस्तानी क़ैदियों को भी रिहा किया था.

(बीबीसी संवाददाता वात्सल्य राय से बातचीत पर आधारित.)

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Viewpoint Kulbhushan Jadhavs survival is in Pakistans right
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X