वो देश जिसने कोरोना वायरस के सभी मरीजों को ठीक कर दिया, जानिए कैसे हुआ चमत्कार?
हनोई। चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस अब तक दुनियाभर में कम से कम 3,000 से अधिक लोगों की जान ले चुका है। 83,000 से अधिक लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे कोविड-19 नाम दिया है। चीन के अलावा जिन देशों में कोरोना वायरस फैला है, उनमें ईरान, इटली, दक्षिण कोरिया, जापान और वियतनाम का नाम शामिल है। इसके अलावा कई अन्य देशों में भी इसके मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
15 दिन से कोई नया मामला सामने नहीं आया
इस बीच वियतनाम से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां इस हफ्ते की शुरुआत में ये घोषणा की गई है कि वियतनाम में जिन 16 लोगों को कोरोना वायरस हुआ था, उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। वियतनाम का कहना है कि वह अपने देश में इस बीमारी का खातमा कर चुका है। शुक्रवार समेत बीते 15 दिन के भीतर सरकार को कोरोना वायरस का कोई नया मामला नहीं मिला है। आखिरी मामला 13 फरवरी को सामने आया था।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या कहा?
मंगलवार को शहर और प्रांतीय अधिकारियों के साथ हुई ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस में वियतनाम के स्वास्थ्य मंत्रालय ने उप प्रधानमंत्री वु डक डाम के हवाले से कहा, 'अगर कोविड-19 से लड़ाई एक जंग है, तो हमने इसके पहले चरण में जीत हासिल कर ली है, लेकिन पूरी जंग नहीं। क्योंकि स्थिति बहुत असंभावित हो सकती है।' इस वायरस को लेकर विश्व स्वास्थय संगठन और अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि आपात स्थिति के लिए सरकार की तीव्र प्रतिक्रिया प्रारंभिक चरण में संकट से निपटने के लिए जरूरी है।
आखिरी मरीज को मिली छुट्टी
बुधवार को वियतनाम की सरकार ने घोषणा करते हुए कहा कि वायरस से संक्रमित 16वें और आखिरी मरीज को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। 50 साल के इस शख्स को अपनी 23 साल की बेटी से वायरस हो गया था। ये लोग जहां रहते हैं वहां 11 और लोगों में भी वायरस के संक्रमण मिले थे। उनकी बेटी चीन के वुहान में जापानी कंपनी के लिए काम करने वाले उन आठ लोगों में शामिल है, जो हाल ही में अपने देश लौटे हैं। इन आठ में से छह लोग वायरस से संक्रमित पाए गए थे। इनके दोस्तों और रिश्तेदारों को भी ये बीमारी हो गई थी। जिनमें तीन महीने का बच्चा भी शामिल था। लेकिन बुधवार को बताया गया कि अब सभी मरीज ठीक हो गए हैं।
23 जनवरी को दो मामले सामने आए थे
वियतनाम में डब्लूएचओ के प्रतिनिधि डॉ. किडॉन्ग पार्क ने सफलता के लिए सरकार की सक्रियता और निरंतरता की सराहना की। वियतनाम में वायरस की शुरुआत तब हुई थी, जब यहां 23 जनवरी को दो चीनी नागरिकों में वायरस के संक्रमण पाए गए थे। जब इसके मामले बढ़कर छह हो गए तो वियतनाम ने आधिकारिक तौर पर 1 फरवरी को कोरोनो वायरस को महामारी घोषित दिया। अधिक मामले सामने आने के बाद 13 फरवरी को स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोन लोई जिले के सभी 10,600 निवासियों को 20 दिनों के लिए लॉक-डाउन में रहने का आदेश दिया।
कैसे ठीक किया मरीजों को?
यहां की सरकार का कहना है, अभी तक इस वायरस की कोई दवाई तो सामने नहीं आई है लेकिन डॉक्टर सबसे पहले बुखार जैसे लक्षणों का इलाज करते हैं। और फिर रोगियों को सख्त पौष्टिक आहार खाने को कहा जाता है। इसके बाद रोगियों के रक्त में ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल की बारीकी से निगरानी की जाती है। इसके साथ ही वियतनाम ने लुनर न्यू ईयर शुरू होने के बाद से ही 63 शहरों और प्रांतों के स्कूलों को भी बंद कर दिया। साथ ही बच्चों के लिए साफ सफाई से रहने और लगातार शरीर का तापमान जांच करने जैसे आदेश दिए गए।
जानवरों के मांस के आयात पर रोक
इसके साथ ही वियतनाम में जानवरों के मांस के आयात पर भी रोक लगाई गई। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि सबसे पहले वायरस को लेकर यही बात सामने आई थी कि यह जंगली जानवरों का मांस खाने से फैला है। जानवरों के मांस से जुड़ी ये बात सार्स और मेर्स वायरस कै फैलने के दौरान भी कही गई थी। हालांकि वियतनाम बेशक इस वायरस के खतरे को कम कर चुका है, लेकिन फिर भी उसे निगरानी की पूरी जरूरत है।
वीजा के अस्थायी बैन की घोषणा
ऐसा इसलिए क्योंकि दक्षिण कोरिया जैसे देशों में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। चीन के बाद ये ऐसा दूसरा देश है, जहां सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इसी वजह से शनिवार को वियतनाम ने दक्षिण कोरियाई नागरिकों के लिए वीजा के अस्थायी बैन की घोषणा की है।