Video: भारत आने से पहले डोनाल्ड ट्रंप के मंत्री माइक पोंपेयो बोल रहे हैं-'मोदी है तो मुमकिन है'
Recommended Video
वॉशिंगटन। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपेयो ने लोकसभा चुनावों में मशहूर हुए स्लोगन, 'मोदी है तो मुमकिन' का जिक्र भारत और अमेरिका के संबंधों के संदर्भ में किया है। पोंपेयो बुधवार को इंडियाज आइडियाज समिट ऑफ यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल में मौजूद थे। यहां पर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को जब एक नए स्तर पर ले जाने की चर्चा छिड़ी तो पोंपेयो ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मोदी एडमिनिस्ट्रेशन के पास इसे नए स्तर पर ले जाने का एक सुनहरा मौका है। पोंपेयो 24 जून को भारत की यात्रा पर राजधानी दिल्ली पहुंचेंगे।
|
नए स्तर पर भारत-अमेरिका के रिश्ते
बिजनेस काउंसिल में जब पोंपेयो से सवाल किया गया तो उन्होंने उसका जवाब देते हुए स्लोगन का जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'जैसे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हालिया कैंपेन में कहा था, 'मोदी है तो मुमकिन है,' मैं भी दोनों देशों के लोगों के लिए जरूरी संभावनाओं को तलाशूंगा।' पोंपेयो के मुताबिक 600 मिलियन भारतीयों ने हाल ही में मोदी को एक विशाल जनादेश दिया है। सन् 1971 के बाद पहला मौका है जब कोई भारतीय पीएम और उसकी पार्टी इतने बड़े जनादेश के साथ सत्ता में लौटी है।
जयशंकर से मिलने को भी उत्साहित
पोंपेयो ने कहा कि उनकी सारी नजरें अगले कुछ दिनों में होने वाली भारत यात्रा और प्रधानमंत्री मोदी और अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से मुलाकात पर टिकी हैं। पोंपेयो ने इस दौरान उन बड़े आइडियाज और मौकों का भी जिक्र किया जो भारत-अमेरिका के रिश्तों को नए स्तर पर लेकर जा सकती हैं। पोंपेयो ने कहा कि अब जबकि मोदी और ट्रंप प्रशासन के पास इस खास रिश्ते को और आगे लेकर जाने के कई मौके हैं, वह अपने नए समकक्ष एस जयशंकर से मुलाकात को लेकर खासे उत्साहित हैं जो अमेरिका में भारत के राजदूत रह चुके हैं।
पाकिस्तान में पल रहे आतंकवाद का जिक्र
पोंपेयो 24 से 30 जून तक भारत, श्रीलंका, जापान और साउथ कोरिया का दौरा करेंगे। उनके चार देशों के इस दौरे का मकसद इंडो-पैसेफिक रीजन में अमेरिकी साझेदारी को और गहरा करना है। पोंपेयो ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने रक्षा सहयोग को एक नई ऊंचाईयों पर पहुंचाया है। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को हर सूरत में अस्वीकार्य करार दिया है।पोंपेयो कहा कि अमेरिका और भारत के रिश्तों को बेहतर करने के लिए वह तैयार हैं और यही भावना भारत की भी है।
एक मजबूत साझेदारी बहुत जरूरी
पोंपेयो की मानें तो अगर भारत और अमेरिका को आगे बढ़ना है तो फिर एक मजबूत साझेदारी का होना बहुत जरूरी है। अमेरिकी विदेश मंत्री पिछले वर्ष पहले 2+2 डायलॉग के लिए भारत आए थे। पोंपेयो की मानें तो अमेरिका, भारत को एक संप्रभु ताकत के तौर पर सम्मान देता है जिसकी अपनी एक खास राजनीति और रणनीतिक चुनौतियां हैं। लेकिन वहीं उन्होंने यह भी कहा अमेरिका यह महसूस करता है कि चीन या फिर पाकिस्तान जैसे देशों से निबटने का एक अलग तरीका है।