Video: पॉप क्वीन मडोना ने पहले ली आईसबाथ और फिर पी पेशाब, बोलीं-इससे ठीक हो जाती है हर चोट
लंदन। पॉप सिंगर मडोना से जुड़ी एक खबर वायरल हो रही है और इस खबर के आने के बाद से उनके फैंस हैरान हैं। अपने टूर मैडम एक्स के दौरान मडोना ने आईस बाथ के बाद यूरिन यानी पेशाब पीने का दावा किया है। उन्होंने अपने फैंस से कहा है कि आईस बाथ के बाद ऐसा करना वाकई काफी फायदेमंद है। अमेरिकी पॉप सिंगर मडोना को 80 के दशक में 'क्वीन ऑफ पॉप' का टाइटल दिया गया था। 61 वर्ष की उम्र में भी काफी एक्टिव और अपने काम के लिए पूरी तरह से डेडिकेटेड हैं।
अमेरिका में शो के बाद किया कारनामा
मडोना ने हाल ही में अमेरिका में परफॉर्म कर रही थीं। यहां पर तड़के तीन बजे उन्होंने आइस बाथ लेने का फैसला किया। डेली मेल की तरफ से बताया गया है कि मडोना बर्फ से भरे टब में कुछ मिनटों तक बैठी रहीं। इसके बाद मडोना ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा, 'क्या हमें आईस बाथ चैलेंज शुरू करना चाहिए? 41 डिग्री। घावों के लिए बेस्ट ट्रीटमेंट।' इसके बाद मडोना ने अपने फैंस के लिए एक वीडियो रिलीज किया। इस वीडियो में वह एक होटल बाथरूम में हैं और उनके साथ परफॉर्मर अहलामलिक विलियम्स भी हैं।
बाथ टब के बाद काफी मग के साथ मडोना
मलिक, फ्रेंच में रैप गाना शुरू करती हैं और मडोना बाथ टब में पहुंच जाती हैं। मडोना के दायीं बाह पर एक एक घाव भी नजर आ रहा है। इसके अलावा चोट का एक निशाना उनके पैर भी नजर आता है। इसके बाद मडोना बाथ टब में कुछ देर बैठी रहती हैं और हाथों को बिल्कुल ऐसे जोड़कर रखे हैं जैसे वह कोई प्रार्थना कर रही हों। बाथ टब से बाहर आने के बाद मडोना एक कप में कुछ पीती हुई नजर आ रही हैं।
पेशाब सेहत के लिए अच्छी
इसके बाद वह कहती हैं, 'अगर आप बर्फीले पानी से बाहर आने के बाद पेशाब पीते हैं तो यह काफी अच्छा साबित होता है।' मडोना जिस ट्रीटमेंट की बात कर रही हैं वह अलग-अलग क्षेत्र के खिलाड़ियों के बीच काफी पॉपुलर है। लेकिन इसकी वजह से हाइपोथर्मिया की संभावना रहती है। साथ ही साथ अचानक मृत्यु होने का भी खतरा रहता है। इसकी वजह से इसे विवादित तरीका भी माना जाता है।
प्राइवेट जेट में चाहिए था नाइट्रोजन चैंबर
जून में मडोना उस समय चर्चा में थीं जब उन्होंने अपने प्राइवेट जेट में एक क्राइयोजेनिक चैंबर की मांग की थी। इस पर पायलट ने कहा था कि ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। सूत्रों की ओर से बताया गया कि मडोना एक ऐसी डिवाइस चाहती थीं जिसके जरिए फ्लाइट के दौरान नाइट्रोजन गैस को शरीर पर पंप किया जा सके वह भी -200 डिग्री तापमान पर। इस मांग के पूरा न होने पर उन्होंने फ्लाइंग से ही मना कर दिया था।