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VIDEO:कभी भी शुरू हो सकती है तालिबान के दो गुटों के बीच जंग, पाकिस्तान किस तरफ है जानिए

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नई दिल्ली, 21 सितंबर: अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के भीतर ही बवाल शुरू हो गया है। इस समय वहां मूल रूप से तालिबान के दो गुट बन गए हैं- काबुल और कंधारी गुट और दोनों के बीच स्थिति हाथ से बाहर निकलनी शुरू हो चुकी है। हालात ऐसी हो चुकी है कि तालिबान के छोटे-मोटे आतंकी अब अपने नेताओं की भी सुनने को तैयार नहीं हैं। उधर पाकिस्तान की चोरी यहां भी पकड़ी जा चुकी है और एक गुट का उससे मोहभंग हो चुका है और तालिबान के कंधारी गुट में पाकिस्तान और आईएसआई का खिलाफ गुस्सा सड़कों पर भी नजर आ रहा है। लेकिन, इमरान खान की सरकार और पाकिस्तानी सेना वैश्विक आतंकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क के जरिए काबुल में घुसपैठ कर चुका है, जिससे दोनों गुटों में स्थिति विस्फोटक होती जा रही है। अगर यही हालात बने रहे तो आशंका जताई जा रही है कि तालिबान के आपस में ही जंग की नौबत शुरू हो सकती है और आईएसआई इसमें भी सबसे बड़ी किरदार साबित हो सकती है। (पाकिस्तान के खिलाफ नाराजगी वाला वीडियो अंत में जरूर देखिए)

काबुल और कंधारी गुटों में छिड़ सकती है जंग

काबुल और कंधारी गुटों में छिड़ सकती है जंग

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के काबुल और कंधारी गुटों में जबर्दस्त टकराव शुरू हो चुका है। कंधारी गुट की अगुवाई मुल्ला मोहम्मद याकूब ओमारी कर रहा है और काबुल गुट की कमान आतंकवादी सरगना और हक्कानी नेटवर्क के सिराजुद्दीन हक्कानी के हाथों में है। इस संघर्ष की सबसे बड़ी वजह यह मानी जा रही है कि तालिबान का सबसे बड़ा सरगना या सुप्रीम लीडर हैबतुल्ला अखुंदजादा सीन से पूरी तरह गायब हो चुका है। वैसे भी उसके आखिरी बार करीब पांच महीने पहले कराची में देखे जाने की बात है, लेकिन अब उसका भी काम तमाम हो चुके होने की चर्चा है। तालिबान सरकार में दबदबे के लिए काबुल और कंधारी गुटों में संघर्ष का परिणाम यह हो रहा है कि छुटभैये तालिबानी आतंकी बेकाबू होने लगे हैं। वह अपने नेताओं की भी सुनने को तैयार नहीं हो रहे हैं।

हक्कानी नेटवर्क के जरिए काबुल पर कब्जा चाहता है पाकिस्तान

हक्कानी नेटवर्क के जरिए काबुल पर कब्जा चाहता है पाकिस्तान

पश्चिमी मीडिया इस ओर इशारा कर रही है कि अमेरिका से शांति बातचीत करने वाले तालिबान का नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को हक्कानी गुट ने अगवा कर लिया है। जबकि, काबुल पर नजर रखने वाले यह दावा कर रहे हैं कि शांति बातचीत में शामिल रहा बरादर कंधार में नाराज हुआ बैठा है। क्योंकि, ब्रिटिश मैगजीन द स्पेक्टेटर का दावा है कि काबुल पैलेस में हक्कानी नेटवर्क के नेता ने उसकी लात-घूंसों से बुरी तरह पिटाई की है, जिसके बाद से वह कंधार जा चुका है और काबुल लौटने की अभी तक हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। दरअसल, सारी फसाद के पीछे पाकिस्तान का हाथ बताया जा रहा है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी हक्कानी नेटवर्क के जरिए अफगानिस्तान को कब्जे में करना चाहती है, लेकिन कंधारी गुट के प्रमुख और तालिबान के रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब को यह बात हरगिज कबूल नहीं है।

अफगानिस्तान में कट्टर इस्लामी शासन थोपने की कोशिश में आईएसआई

अफगानिस्तान में कट्टर इस्लामी शासन थोपने की कोशिश में आईएसआई

जानकारी के मुताबिक मुल्ला बरादर ने अमेरिका से जो वादा किया हुआ है, उसके तहत वह वहां एक ऐसी समावेशी सरकार का गठन करना चाहता है, जिसमें अल्पसंख्यकों और महिलाओं को भी प्रतिनिधित्व मिले। लेकिन, सच्चाई ये है कि पाकिस्तान की मदद से हक्कानी नेटवर्क ने काबुल-जलालाबाद से लेकर खैबर सीमा तक पर नियंत्रण कर लिया है। उसके लिए ऐसा करना इसलिए आसान रहा है क्योंकि इस इलाके में जादरान जनजाति का प्रभाव है, जो हक्कानी के आतंकी नेटवर्क में बहुतायत में हैं। स्थिति ये है कि काबुल की सड़कों पर हक्कानी नेटवर्क के करीब 6,000 हथियारबंद कैडर मुस्तैद हो चुके हैं। यही नहीं बरादर की सोच से ठीक उलट पाकिस्तान के इशारे पर काबुल वाला हक्कानी गिरोह किसी भी कीमत पर सरकार में दूसरे समुदाय या महिलाओं की भूमिका के लिए राजी नहीं है। दरअसल, पाकिस्तान और तुर्की दोनों ही तालिबान के जरिए अफगानिस्तान को मध्यकालीन युग के कट्टर इस्लामी विचारधारा में झोंकना चाहते हैं।

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बढ़ रहा है गुस्सा, बेकाबू हो रहे तालिबान के आतंकी

पाकिस्तान ने जिस तरह से काबुल में आतंकी सरकार के गठन में सक्रिय भूमिका निभाई है उससे अमेरिका ही नहीं, यूनाइटेड किंग्डम और जर्मनी को छोड़कर फ्रांस और यूरोपीयन यूनियन के बाकी देश भी भौंचक्के हैं। कोई भी देश तालिबान सरकार को तबतक मान्यता देने में हिचकिचा रहे हैं, जबतक कि वहां एक समावेशी सरकार का गठन न हो। लेकिन, पाकिस्तान के इशारे पर उसे लगातार बाधित किया जा रहा है और परिणाम अफगानिस्तान की सड़कों पर भी दिखने लगा है। हालांकि, धीरे-धीरे पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा भी भड़कने लगा है। खुद को पत्रकार बताने वाले इहसनुल्ला टीपू मेहसुद ने अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो डाला है, जिसमें तालिबान का एक गुट एक गाड़ी से पाकिस्तानी झंडे उखाड़ रहा है। मेहसुद लिखते हैं- 'तालिबान के पैदल सैनिक अपने नेताओं की नहीं सुनते। इस तरह की हालात यदि जारी रहे तो भविष्य में पूरी तरह से अराजकता फैल जाएगी।'

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English summary
The Taliban has split into two factions Kabul and Kandahari and the situation of fighting between the two is getting serious,Pakistan has a big role
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