क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

कोरोना वैक्सीन पर बेहद चौंकाने वाली रिपोर्ट, दिल्ली अभी दूर है!

Google Oneindia News

नई दिल्ली- दुनियाभर में लोग कोविड-19 वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन, एक मैगजीन 'द एटलांटिक' की एक हेल्थ संवाददाता ने अपनी सहयोगी से बातचीत के दौरान जो खुलासा किया है, वह जानकारी बेहद चौंकाने वाली है। इस बातचीत में वह अपने सहयोगी को जो कुछ बता रही हैं, उससे लगता है कि वैक्सीन आने के बाद पूरी आबादी तक पहुंचाना बहुत ही बड़ी चुनौती साबित होने वाली है और हम जो सोच रहे हैं, वह लगता है कि हमारे कल्पना से भी बाहर की चीज हो सकती है। इसके मुताबिक एक दिक्कत तो ये आ सकती है कि वैक्सीन को सुरक्षित स्टोर रखने के अत्यधिक कम तापमान की आवश्यकता पड़ सकती है, जो हर जगह मुमकिन नहीं।

Very shocking information on coronavirus vaccine,harder to use in the field

'द एटलांटिक' की हेल्थ संवाददाता सारा झांग अपनी सहयोगी कैरोलिन मिंब्स नाइस के सवाल के जवाब में कहती हैं कि करोड़ों अमेरिकियों तक इसे पहुंचाना इसलिए बेहद चुनौतिपूर्ण है, क्योंकि बहुत ज्यादा संभावना है कि इसकी दो डोज देने की जरूरत पड़े। सबसे बड़ी बात ये है कि ये डोज आपसे में बदले भी नहीं जा सकते। अगर आपको एक वैक्सीन की एक डोज दी जाती है तो दूसरी डोज भी उसी वैक्सीन की लगानी पड़ेगी। इसमें अमेरिका का हवाला देकर कहा गया है कि इसके लिए बहुत ज्यादा कागजी कार्रवाई की जरूरत पड़ेगी।

इसके बाद वो उस खास वैक्सीन की बात करती हैं जो इस समय क्लीनिकल ट्रायल में सबसे आगे चल रही हैं। इसमें mRNA नाम की एक नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ है, जो अब से पहले किसी वैक्सीन में नहीं हुआ है। इसकी दिक्कत ये है कि इसे सुरक्षित रखने में बहुत ज्यादा दिक्कत है। क्योंकि, इसके लिए -94 डिग्री फारेनहाइट तापमान चाहिए, जो हर डॉक्टर के पास उपलब्ध नहीं होता। वो कहती हैं, वैक्सीन को जल्द से जल्द बनाने के लिए सब कुछ किया गया है, लेकिन इसे लोगों तक पहुंचाना उससे भी मुश्किल साबित होने वाला है।

जब उनकी दोस्त कैरोलिन ने पूछा कि आपने लिखा है कि ज्यादा महत्वपूर्ण पहला वैक्सीन बनना नहीं है तो इससे आपका मतलब क्या है। इसके जवाब में सारा ने बताया कि कल्पना कीजिए कि जिस वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए -94 डिग्री फारेनहाइट की जरूरत होगी, उसे विकासशील देशों या ग्रामीण इलाकों में पहुंचाना कितना मुश्किल है। इसलिए यह वैक्सीन दुनियाभर में इस्तेमाल किए जाने लायक होगी इसकी संभावना कम लगती है।

इसपर उनकी सहयोगी ने पूछा कि आप वैक्सीन को लेकर पाठकों की उम्मीदों पर पानी फेर रही हैं। आने वाले ठंड के लिए आपकी क्या सलाह है? इसपर सारा ने जवाब दिया कि धैर्य रखिए। कुछ आशंकाओं के साथ ही कुछ वैक्सीन को लेकर बहुत ज्यादा आशाएं भी हैं और जो ट्रायल के बाद काम करने वाले हैं। कुछ खबरें निराशाजनक होती हैं, लेकिन यह ट्रायल प्रक्रिया का हिस्सा है। तथ्य यह है कि दर्जनों वैक्सीन पाइपलाइन में हैं, जिसका मतलब है कि बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं कि हमारे पास एक या कई सारे विकल्प होंगे। इसमें कुछ समय लगेगा, लेकिन इंतजार कीजिए।

इसे भी पढ़ें- अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना ने दी अच्छी खबर, बुजुर्गों पर भी हो रहा कोरोना वैक्सीन का असरइसे भी पढ़ें- अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना ने दी अच्छी खबर, बुजुर्गों पर भी हो रहा कोरोना वैक्सीन का असर

Comments
English summary
Very shocking information on coronavirus vaccine,harder to use in the field
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X