वंदे भारत मिशनः दिल्ली से वुहान पहुंचे फ्लाइट में 19 भारतीय नागरिक मिले कोरोना पॉजिटिव
नई दिल्ली। वंदे भारत मिशन फ्लाइट में शुक्रवार को दिल्ली से चीनी शहर वुहान पहुंचे 19 भारतीयों के कोरोना पॉजिटिव मिलने से हड़कंप मच गया, जिससे नई दिल्ली से चीन की ओर जाने वाली अगले महीने के लिए शेड्यूल्ड विशेष उड़ानों पर प्रश्न चिह्न खड़ा हो गया है। इसमें वुहान के लिए शेड्यूल्ड आगामी उड़ानें भी शामिल है। यह चीन में किसी भी वंदे भारत फ्लाइट्स में मिले पॉजटिव केस की सबसे बड़ी संख्या है।

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रिपोर्ट के मुताबिक वंदे भारत मिशन फ्लाइट में वुहान को जाने वाले 277 यात्रियों में से कम से कम 39 नागरिकों को कोरोना के "संभावित स्पर्शोन्मुख" होने का संदेह था, जबकि कोरोना पॉजटिव मिले रोगियों में परीक्षण के दौरान एंटीबॉडी मिला। कुल 58 यात्रियों को विशेष कोविद अस्पतालों और आइसोलेशन सेंटर में ट्रांसफर कर दिया गया है।

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शेष यात्रियों को वर्तमान में कोविड चिन्हित होटलों में 14-दिन के क्वारंटीन में भेज दिया गया है। 39 संदिग्ध स्पर्शोन्मुख रोगियों की निगरानी के बाद कुछ दिनों में डिस्चार्ज होने की संभावना है। यह चीन में किसी भी वंदे भारत फ्लाइट्स में मिले पॉजटिव केस की सबसे बड़ी संख्या है।

गौरतलब है शुक्रवार को एयर इंडिया की फ्लाइट चीन की ओर जाने वाली छठी वीबीएम उड़ान थी, जो दोनों देशों में फंसे भारतीयों को उनके गंतव्य तक वापस जाने में मदद करने के लिए शुरू की गई थी। आने वाले हफ्तों में अपेक्षित VBM उड़ानों में 1500 से अधिक भारतीय चीन लौटने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन 19 भारतीयों के पॉजिटिव मिलने के बाद सवाल खड़ा हो गया है कि क्या चीन में पढ़ने वाले लगभग 23000 भारतीय छात्र वुहान वापस लौट पाएंगे।

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गत 23 अक्टूबर को दक्षिण चीन के ग्वांगझू के लिए उड़ान सेवा रद्द करने के बाद दिल्ली-वुहान-दिल्ली उड़ान की घोषणा की गई थी। एयर इंडिया VBM उड़ान में पॉजिटिव मामलों की बड़ी संख्या इसी महीने के अंत में वुहान के लिए शेड्यूल्ड आगामी उड़ान को स्थगित कर सकती है। हालांकि भारत ने वुहान में उतरने के लिए नवंबर में अगली उड़ान के लिए चीनी अधिकारियों को मंजूरी के लिए अनुरोध भेजा है, लेकिन अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

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माना जा रहा है कि चीन की ओर उड़ान भरने के लिए आवश्यक अनुमति प्राप्त करना आसान नहीं होगा। पूर्वी चीन के झेजियांग प्रांत में निन्गबो के अधिकारियों ने 11 सितंबर को पहली उड़ान में मिले दो कोरोना पॉजटिव मरीजों के बाद दूसरे वीबीएम उड़ान के लिए अनुमति देने से मना कर दिया था। दरअसल,चीन में महामारी की स्थिति सामान्य होने के साथ स्वास्थ्य अधिकारी आयातित नए मामलों और लोकल संक्रमण समूह को नियंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

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शुक्रवार तक चीन के लिए VBM उड़ानें पूर्वी चीन में शंघाई, वुहान के अलावा ग्वांगझू और निन्गबो में उतरी हैं। 14 सितंबर तक नई दिल्ली में चीनी दूतावास ने कहा था कि सभी भारतीय उड़ानें मसलन वाणिज्यिक, चार्टर अथवा भारत से चीन की ओर उड़ान भरने जाने वाली विशेष फ्लाइट में बैठने वाले यात्रियों को बोर्डिंग से ICMR द्वारा अधिकृत प्रयोगशालाओं में कोरोना के दोहरे न्यूक्लिक एसिड परीक्षणों से गुजरना होगा। पहला 120 घंटे (5 दिन) और दूसरा बोर्डिंग से पहले 36 घंटे के भीतर कराना अनिवार्य था।

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उल्लेखनीय है चीन में पहली बार कोरोनोवायरस मध्य चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में उभरा था। हालांकि चीन ने महामारी को नियंत्रित कर लिया है, लेकिन पिछले हफ्तों में डालियान, किंगदाओ, उरुमकी और काशगर जैसे शहरों में कुछ जगहों पर सक्रमितों का समूज उजागर हुआ, जिससे आंशिक लॉकडाउन और बड़े पैमाने पर न्यूक्लिक एसिड परीक्षण शुरू हो गया है। इसी क्रम में चीन ने आयातित मामलों को नियंत्रित करने के लिए सख्त उपाय भी किए हैं।
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