जिस शादी फंक्शन में मारे गए थे 40 निर्दोष लोग, उस हमले का मास्टर माइंड था असीम उमर
काबुल। अफगानिस्तान और अमेरिका की तरफ से हुई एयर स्ट्राइक में अल कायदा का टॉप कमांडर असीम उमर ढेर हो गया है। 23 सितंबर को अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत में हुई कार्रवाई में उमर मारा गया है। उमर, दक्षिण एशिया के लिए अल कायदा का सरगना था और मुखिया अल-जवाहिरी का खास था। उमर के साथ जवाहिरी का कुरियर भी मारा गया है और कुल 22 तालिबानी आतंकी भी इसमें ढेर हुए हैं। 18 अगस्त को अफगानिस्तान में एक शादी के फंक्शन में हुए ब्लास्ट में 40 लोगों की मौत हो गई थी। उमर इस ब्लास्ट का मास्टरमाइंड था।
कराची से लेकर खैबर तक ट्रेनिंग
असीम की उम्र करीब 45 वर्ष के आसपास थी। वह उत्तर प्रदेश के संभल का रहने वाला था। यहां पर उसने दारूल उलूम देवबंद मदरसे से शिक्षा ली थी। इसके बाद 90 के दशक में अंत वह पाकिस्तान चला गया था। पाक पहुंचने के बाद उमर कराची के जामिया उलूम अल-इस्लामिया पहुंचा और यहां से खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के दारूल उलूम हक्कानिया स्कूलों में गया। इन दोनों ही स्कूलों में तालिबान के कमांडर्स और पाक जेहादियों को ट्रेनिंग दी जाती थी। ट्रेनिंग के बाद उन्हें ग्रेजुएट माना था।
एजेंसियां मान चुकी थी मरा हुआ
उमर के बारे में कहा जाता है कि वह अफगानिस्तान भी गया था और उसने अल कायदा के पूर्व सरगना ओसामा बिना लादेन से भी मुलाकात की थी। इसके बाद वह हरकत उल-जिहाद-अल-इस्लामी (हूजी) से जुड़ी गया। हूजी, भारत खासतौर पर कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को आगे बढ़ाने वाला आतंकी संगठन है। वह कुछ साल तक लाल मस्जिद में भी रहा। इस्लामाबाद की इस मस्जिद में आतंकियों को भारत के खिलाफ जेहाद आगे बढ़ाने की ट्रेनिंग दी जाती है। साल 2009 में जब भारतीय इंटेलीजेंस एजेंसियों के अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश के दीपा सराई स्थित उमर के घर का दौरा किया था। वह 14 सालों से गायब था और एजेंसियां उसे मरा हुआ मान चुकी थीं।
अमेरिका ने घोषित किया ग्लोबल टेररिस्ट
इंडियन ऑफिसर्स ने उसके परिवार को जानकारी दी थी कि उनका बेटा अब जिंदा नहीं है और वह तहरीक-ए-तालिबान के साथ काम कर रहा था। इसके बाद उमर के पिता ने अखबारों में विज्ञापन छपवाए और सबको इत्तिला दे दी कि उनके बेटे से उनका कोई संबंध नहीं है। साल 2014 में उमर को अल कायद ने अपनी शरिया कमेटी का हेड बनाया था। साल 2018 में अमेरिका ने उसे एक ग्लोबल आतंकी घोषित किया था। अमेरिका की ओर से कंपाउंड के अंदर छिपे आतंकियों को मारने के लिए जो ऑपरेशन चलाया गया था, उसमें 40 लोगों की भी मौत हो गई थी।