चीन: अब नया इंटरनेट और मोबाइल कनेक्शन लेना भी मुश्किल, फेस स्कैनिंग का नया कानून लागू
बीजिंग। चीन को हमेशा से अपने कड़े सेंसरशिप कानूनों के लिए जाना जाता है। अब यहां पर एक और नियम आने वाला है और माना जा रहा है कि इन नियमों के बाद नागरिकों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। बिजनेस इंसाइडर की खबर के मुताबिक चीन में अगले कुछ दिन में इंटरनेट सर्विस के यूजर्स और फोन नंबर्स लेने वालों को के लिए फेस स्कैनिंग जरूरी होगी।
854 मिलियन इंटरनेट यूजर्स
चीन, में इस समय 854 मिलियन इंटरनेट यूजर्स हैं और अब उन्हें नए इंटरनेट कनेक्शन या फिर नए फोन नंबर के लिए फेशियल आईडेंटिफिकेशन की प्रक्रिया से गुजरना होगा। चीन की सरकार ने पिछले माह इस बात की घोषणा की थी कि टेलीकम्यूनिकेशंस कंपपियों को यूजर्स की पहचान सत्यापित करने के लिए उनके चेहरे को स्कैन करना जरूरी होगा। एक दिसंबर से चीन में ये नए नियम लागू हो गए हैं। चीनी सरकार ने अपने नागरिकों पर करीबी नजर रखने और उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के अलावा उनके बर्ताव को भी मॉनिटर करने के मकसद से नया कानून लागू किया है।
मोबाइल नंबर दूसरे को ट्रांसफर करना मुश्किल
चीन की मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (एमआईआईटी) की तरफ से कहा गया है कि साइबर वर्ल्ड में अपने नागरिकों के कानूनी हितों को सुरक्षित रखने के मकसद से यह फैसला लिया गया है। साथ ही इसके पीछे उन्हें धोखाधड़ी से बचाना भी एक मकसद है। नए कानून के तहत नागरिकों को अपने मोबाइल नंबर को दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर करने पर प्रतिबंध लग जाएगा।
10 लेकर हजार तक में पहचानना आसान
पिछले माह ही चीन ने ऐलान किया था कि नए सुपर कैमरा और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित 500 मेगापिक्सल कैमरा 10 से लेकर हजार लोगों की भीड़ में भी किसी व्यक्ति विशेष के चेहरे को उनकी परफेक्ट डिटेल्स के साथ पहचानने में सफल है। चीन की सरकारी मीडिया की ओर से दावा किया गया है कि यह कैमरा किसी इंसानी आंख से भी पांच गुना ज्यादा ताकतवर है।
हर वर्ष जिनपिंग लाते हैं नया कानून
चीन ने पिछले वर्ष भी एक ऐसा नया सर्विलांस कैमरा तैयार किया है जो यूजर्स को बस उनके चलने के तरीके से ही पहचान सकता है। इस टेक्नोलॉजी को गेट रिक्गनिशन नाम दिया गया था। बताया जा रहा है कि बीजिंग और शंघाई में पहले से ही इसका प्रयोग जारी है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन में हर वर्ष नए सेंसरशिप नियमों और सर्विलांस के नए कड़े कदम उठाए जाते हैं।