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अमरीका: सुप्रीम कोर्ट ने कहा समलैंगिकों और ट्रांसजेंडरों को भी है वर्कप्लेस पर कानूनी संरक्षण

सुप्रीम कोर्ट का यह रवैया एलजीबीटीक्यू समुदाय के लिए एक बड़ी राहत की तरह है.

By BBC News हिन्दी
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ट्रांसजेंडर
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अमरीकी सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो नियोक्ता अपने कर्मचारियों को समलैंगिक या फिर ट्रांसजेंडर होने की वजह से नौकरी से निकाल रहे हैं, वो देश के नागरिक क़ानून को तोड़ रहे हैं.

अमरीका का क़ानून किसी नागरिक के साथ लिंग के आधार पर भेदभाव करने के ख़िलाफ़ है. नागरिक अधिकार क़ानून 1964 के टाइटल VII के तहत यह कहा गया है कि कोई भी नियोक्ता अपने कर्मचारियों के साथ लिंग, नस्ल, रंग, राष्ट्रियता और क्षेत्रियता के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकता है.

6-3 से मंज़ूर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा है कि इस क़ानून के तहत सेक्स को लेकर किसी भी व्यक्ति के रुझान को भी शामिल समझा जाना चाहिए.

एलजीबीटीक्यू समुदाय के लिए सुप्रीम कोर्ट का यह फ़ैसला एक बड़ी जीत है.

यह फ़ैसला तब आया है जब कोर्ट ने लगातार अधिक रूढ़ीवादी रवैया अपनाया है.

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जज नील गोरसुक ने अपने फ़ैसले में लिखा है, "एक नियोक्ता जो समलैंगिक या ट्रांसजेंडर होने की वजह से किसी व्यक्ति को नौकरी से निकालता है, वो विपरीत लिंग वालों से तो सवाल नहीं करते हैं."

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नील गोरसुक की नियुक्ति की थी. नील ने सेक्स के आधार पर सभी को बराबर अधिकार देने के क़ानून को व्यापक पैमाने पर नहीं देखने की सोच को ख़ारिज किया.

उन्होंने कहा, "क़ानून लिखने वालों की कल्पना की सीमा की वजह से उनके उद्देश्यों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है."

यह फ़ैसला उन तीन मामलों के संदर्भ में आया है जिसमें कर्मचारियों ने अपने नियोक्ताओं पर उनके समलैंगिक या ट्रांसजेंडर होने की वजह से नौकरी से निकाले जाने का आरोप लगाया था.

डोनाल्ड जार्डा एक स्काई डाइविंग इंस्ट्रक्टर थे. 2014 में उनकी मौत हो गई थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि एक महिला के साथ मज़ाक़ करते हुए जब उन्होंने कहा था कि उनके साथ शारीरिक तौर पर नज़दीक आने में कोई परेशानी नहीं है क्योंकि वो "सौ प्रतिशत समलैंगिक हैं" तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया.

हालांकि इस फ़ैसले की अहमियत को बढ़ाचढ़ा कर आंकना मुश्किल है लेकिन कोर्ट ने समलैंगिकों के अधिकार को व्यापकता प्रदान करने वाला एक और फ़ैसला दिया है. यह इसलिए भी ख़ास है क्योंकि पहली बार कोर्ट ने सीधे तौर पर ट्रांसजेंडर्स के लिए क़ानूनी संरक्षण देने की बात कही है.

इससे पहले इस साल के शुरुआत में अमरीकी सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को ट्रांसजेंडर्स को सेना में जाने से रोकने की नीति लागू करने के लिए हरी झंडी दे दी थी.

इस नीति के तहत ट्रांसजेंडर लोगों को सेना में आने से रोका जाएगा.

ट्रंप से पहले राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा के समय ट्रांसजेंडरों को सेना में भर्ती करने की नीति को लागू किया था. इस नीति के तहत न केवल ट्रांसजेंडर सेना में भर्ती हो सकते थे, बल्कि उन्हें लिंग सर्जरी के लिए भी सरकारी मदद मिलने का प्रावधान किया गया था.

BBC Hindi
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English summary
USA: Supreme Court said that homosexuals and transgenders also have legal protection on workplace
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