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चीन के खिलाफ हमारी कूटनीति रंग लाई, भारत ने 106 चीनी ऐप किए प्रतिबंधित, कई देशों ने उठाए बड़े कदम: माइक पोंपियो

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वॉशिंगटन। कोरोना महारामारी के बाद अमेरिका लगातार चीन पर हमलावर है। एक बार फिर से अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने चीन पर सख्त हमला बोलते हुए कहा कि मौजूदा समय में चीन दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा है, लेकिन अमेरिका की जोरदार कूटनीति की वजह से दुनिया के सामने सीसीपी का खतरा सामने आया और लोग जागरूक हुए हैं। अब हवा बदल रही है, 30 से अधिक देश और क्षेत्र 5जी क्लीन देश हो चुके हैं। पोंपियो ने कहा कि हम चायनीज कम्युनिस्ट पार्टी को वैसे ही देखते हैं जैसी ये है, हमारे समय का सबसे बड़ा खतरा। देश चीन के 5जी वेंटर्स को नकार रहे हैं और क्लीन 5जी की ओर बढ़ रहे हैं।

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दुनिया के कई देश हो रहे एकजुट
जापान और यूरोपियन यूनियन ने हॉन्गकॉन्ग को लेकर बनाए गए गलत कानून का विरोध किया। ईयू ने चीन को पिछले वर्ष व्यवस्थित प्रतिद्वंदी बताया था। ईयू की अपील पर हम सिर्फ चीन के मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार हुए हैं। सेक्रेटरी जनरल स्टॉलटनबर्ग ने नाटो को कहा है कि चीन को इस भागेदारी का अहम हिस्सा बनाए।

भारत ने 106 चीनी ऐप पर लगाया प्रतिबंध
पोंपियो ने कहा कि हमे इस बात का गर्व है कि हमने अपना समुद्री युद्धाभ्यास बढ़ा दिया है। हमने अपने मित्र देश ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान, यूके के साथ मिलकर अपना युद्धाभ्यास बढ़ा दिया है। भारत ने 106 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसमे टिकटॉक भी शामिल है, जोकि देश के नागरिकों की गोपनीयता और सुरक्षा के लिए खतरा थे। 10 आसियान देशों का कहना है कि साउथ चायना सी का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत सुलझना चाहिए। पोंपियो ने इससे पहले कहा था कि साउथ चायना सी पर चीन अपने दावे को छोड़ दे।

साउथ चायना सी पर दावा छोड़े चीन
पोंपियो ने कहा था कि अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा कि अमेरिका की नीति बिल्कुल साफ है। साउथ चायना सी अमेरिका चीन का समुद्री साम्राज्य नहीं है। अगर बीजिंग अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करता है और इसपर स्वतंत्र देश कुछ नहीं करते हैं तो इतिहास गवाह है कि चायनीज कम्युनिस्ट पार्टी और इलाकों पर कब्जा करेगी। चायना सी के विवाद को अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार ही सुलझाना चाहिए। इससे पहले चीन को लेकर अमेरिकी नीति में बदलाव की भी बात पोंपियो ने कही थी।

चीन के साथ बदली नीति
विदेश मंत्री पोंपियो ने कहा कि बीजिंग से डील करते समय वॉशिंगटन की नई नीति अविश्वास और सत्यापन की होगी। यानि चीन की बातों का बिना सत्यापन किए विश्वास नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी देशों को चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी को अपना रवैया बदलने के लिए दबाव डालना चाहिए। सभी देशों को सीसीपी पर दबाव डालना चाहिए कि वह अपने तरीकों और रचनात्मक और सकारात्मक करे।

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English summary
USA says communist party of china is the central threat of our time.
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