2 +2 डायलॉग से पहले भारत और रूस के बीच हथियारों की डील पर अमेरिका ने फिर बदला रुख
वॉशिंगटन। छह सितंबर को भारत में अमेरिकी और भारतीय रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच पहली 2+2 वार्ता का आयोजन होना है। इस डायलॉग के लिए अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटीस और विदेश मंत्री माइक पोंपेयो भारत आने वाले हैं। इस वार्ता के शुरू होने के पहले एक अमेरिकी अधिकारी की ओर से कहा गया है कि अमेरिका उन देशों को छूट देने से जुड़े मसले पर तब विचार कर सकता है जिन्होंने रूस के हथियारों पर अपनी निर्भरता कम की है। इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। वहीं अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के एक सीनियर ऑफिसर की ओर से भारत को रूस के साथ होने वाली डिफेंस डील को लेकर चेतावनी दी जा चुकी है। अमेरिकी उप-रक्षा मंत्री की ओर से कहा गया है कि रूस के साथ हथियारों की डील के बाद भारत पर प्रतिबंध नहीं लगेंगे इस बात की कोई गारंटी नहीं हैं।
डर को कम करने की कोशिश
एक सीनियर ऑफिसर की ओर से कहा गया है कि हाल ही में रूस से जुड़े प्रतिबंधों को लेकर अमेरिकी कानूनों में जो बदलाव हुआ है वह किसी खास देश को ध्यान में रखकर नहीं हुआ है। इस अमेरिकी अधिकारी ने आगे कहा, 'निश्चित तौर पर नए कानून में किसी खास देश से जुड़े कोई प्रतिबंध नहीं हैं। साथ ही पूर्ण प्रतिबंध भी नहीं हैं और साथ ही ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है जिसके बारे में अम पहीं सोचेंगे।' अमेरिकी अधिकारी की ओर से यह बात एक कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान कही गई। इस अधिकारी की ओर से यह भी कहा गया है कि अमेरिका को उम्मीद है कि 2+2 डायलॉग के दौरान कॉमकासा पर साइन होंगे जिसके बाद भारत के साथ संवेदनशील रक्षा तकनीक साझा की जा सकेगी।
लेकिन एक अधिकारी ने कही प्रतिबंध की बात
पेंटागन में एशिया और प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा मामलों के सहायक रक्षा मंत्री रैंडल स्क्राइवर ने बुधवार को कहा है कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि रूस से नए हथियार सिस्टम को खरीदने के बाद भारत को अमेरिका से छूट मिलेगी। उनकी मानें तो अमेरिका इस डील पर करीब से नजर रखे हुए है। भारत, अमेरिका का सबसे बड़ी रक्षा खरीदार है और ऐसे में अमेरिका इस पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे है। अमेरिका के नए नियम रूस के खिलाफ हैं और इस नए नियम के अनुसार विकासशील देश रूस से अगर रक्षा या फिर इंटेलीजेंस सेक्टर में किसी भी तरह की डील करते हैं तो फिर उन्हें प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री ने किया समर्थन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस माह की शुरुआत में अमेरिकी कांग्रेस की ओर से संशोधित एक कानून को साइन किया है। ट्रंप ने यह संशोधित कानून रक्षा मंत्री जिम मैटीस और विदेश मंत्री माइक पोंपेयो की अपील के बाद साइन किया है। इस नए कानून में किसी भी खास देश को लाभार्थी के तौर पर नहीं बताया गया है लेकिन मैटीस ने खासतौर पर भारत और विएतनाम का जिक्र किया है। मैटीस ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर की गई अपील में इन दोनों देशों को बड़े स्तर पर छूट देने की बात कही थी।