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चीन की मनमानी रोकने के लिए एशिया में अपनी सेना तैनात करेगा US, भारत के लिए बताया बड़ा खतरा

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नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर विश्वभर के देशों की नजर है, इस मामले में भारत सरकार को कई दूसरे देशों से समर्थन मिला है हालांकि सभी चाहते हैं कि एशिया के दो बड़े और तकतवर देश शांति व बातचीत के जरिए इस समस्या का हल निकालें। इस बीच गुरुवार को अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने भारत और दक्षिणपूर्व एशिया के कई देशों के लिए चीन को बड़ा खतरा बताया है। उन्होंने कहा, अमेरिका लगातार चीन की हरकतों पर नजर रख रहा है इसलिए हमने अपने सैनिकों को यूरोप से हटाकर एशिया में तैनात करना शुरू कर दिया है।

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India China Standoff: China की दादागीरी रोकने को एशिया में अपनी सेना भेजेगा America | वनइंडिया हिंदी
चीन से एशिया के कई देशों को खतरा

चीन से एशिया के कई देशों को खतरा

भारत और चीन एशिया के दो बड़े और शक्तिशाली देश हैं, चीन लगातार भारत के कई पहाड़ी इलाकों पर कब्जे के इरादे से घुसपैठ करता रहा है लेकिन भारतीय सेना ने उसे हमेशा मुंहतोड़ जवाब दिया है। 15-16 जून की रात हुए हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है। इस मामले पर अमेरिका, रूस समेत कई देशों की नजरें हैं। एक ओर जहां चीन ने भारत के पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी हैं वहीं ड्रैगन साउथ चाइना सी में भी आक्रामक रवैया अपना रहा है।

चीन पर अमेरिका की नजर

चीन की सैन्य गतिविधियों पर अमेरिका की भी नजर है और वह समय-समय पर चीन को चेतावनी देता रहा है। अब चीन की चीन की हालिया गतिविधियों के देखते हुए अमेरिका ने उसे इतना बड़ा खतरा करार दिया है कि यूरोप से अपनी सेना हटाकर एशिया में तैनात करना शुरू कर दिया है। अमेरिकी विदेशमंत्री माइक पोम्पिओ कहा कि चीन, भारत समेत एशिया के कई देशों के लिए बड़ा खतरा है। चीन की हरकतों को देखते हुए अमेरिका ने यूरोप में अपनी सेना को घटाकर एशिया में बढ़ाना शुरू कर दिया है। पोम्पिओ ने बताया कि जर्मनी से अमेरिकी सेना की टुकड़ी हटाकर दूसरी जगह तैनात किया जा रहा है।

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ही सारे फसाद की जड़

माइक पोम्पिओ ने कहा, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर काफी फीडबैक मिला। साउथ चाइना सी, भारत के साथ सीमा पर जानलेवा तनातनी और शआंतिपूर्ण पड़ोसियों को धमकी समेत चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के भड़काऊ मिलिटरी ऐक्शन पर चर्चा हुई। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से भारत, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, दक्षिण चीन सागर तक खतरा है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का मुकाबला करने के लिए उचित रूप से तैनात हों।

सैटेलाइट इमेज में नजर आया चीनी टेंट

सैटेलाइट इमेज में नजर आया चीनी टेंट

बता दें कि 15 जून को चीन के साथ हुए हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे जिसमें कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) कर्नल संतोष बाबू भी शामिल हैं। सेना की तरफ से चीनी सेना के टेंट को उखाड़ दिया गया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच मिलिट्री और राजनयिक स्‍तर पर वार्ता हुई। कहा जा रहा है कि जो टेंट सैटेलाइट इमेज में नजर आ रहा है उसका निर्माण जवानों के पीछे हटने की प्रक्रिया पर असर डाल सकता है। दोनों देशों के बीच बातचीत काफी धीमी गति से आगे बढ़ रही है। गलवान घाटी का घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे दो दिनों के लद्दाख दौरे से लौट आए हैं।

यह भी पढ़ें: जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप, कहा-राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से मिली मोटी रकम

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English summary
US to deploy its army in Asia to stop China arbitrariness said big threat for India
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