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आज दोहा में अमेरिका-तालिबान के बीच शांति समझौता, जानिए क्‍या है समझौते की अहमियत

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काबुल। आज अमेरिका और तालिबान के बीच एक शांति समझौता होने वाला है। कतर की राजधानी दोहा में जारी वार्ता में माना जा रहा है कि बड़े परिणाम निकल सकते हैं। इस वार्ता के बीच ही भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला अफगानिस्‍तान की राजधानी काबुल पहुंच गए हैं। यह शांति समझौता पिछले वर्ष होने वाला था मगर अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने अचानक ही इसे बीच में रद कर दिया। कतर में आज जो समझौता होगा उसके लिए 30 देशों के प्रतिनिधियों को वार्ता में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया है। भारत के राजदूत पी कुमारन डील साइन होने के समय मौजूद रहेंगे।

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पिछले वर्ष सितंबर में ट्रंप ने की वार्ता कैंसिल

ट्रंप ने पिछले वर्ष सितंबर में तालिबान के साथ शांति वार्ता को कैंसिल करने का फैसला करके हर किसी को हैरान कर दिया। ट्रंप के फैसले के बाद अफगानिस्‍तान में शांति की कोशिशें जहां से शुरू हुई थीं, वापस वहीं पहुंच गई थीं। दोहा में शनिवार को जो समझौता साइन हो रहा है उसमें अफगानिस्‍तान में पिछले 19 साल से तैनात अमेरिकी सैनिकों की देश वापसी का रास्ता साफ हो सकेगा। इस बड़क कदम के तहत भारत ने मास्को में नवंबर 2018 में हुई अफगान शांति प्रक्रिया में गैर आधिकारिक क्षमता में दो पूर्व राजनयिकों को भेजा था। इस सम्मेलन का आयोजन रूस ने किया था जिसमें तालिबान का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल, अफगानिस्तान, अमेरिका, पाकिस्तान और चीन समेत कई अन्य देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे। अमेरिका की ओर से तालिबान के साथ डील के बाद अमेरिकी सेनाएं, अफगानिस्‍तान से चली जाएंगी। पिछले कई वर्षों से भारत की किसी भी सरकार ने तालिबान के साथ कोई वार्ता नहीं शुरू की और हर बार इस तरह की वार्ता में शामिल होने से इनकार भी किया है।

14,000 अमेरिकी सैनिक अफगानिस्‍तान में

साल 2019 में ट्रंप ने अपने स्‍टेट ऑफ द यूनियन एड्रेस में कहा था कि तालिबान के साथ वार्ता की दिशा में प्रगति है। इसकी वजह से अफगानिस्‍तान से करीब 14,000 अमेरिकी ट्रूप्‍स को हटाया जा सकेगा। अफगानिस्‍तान में इस समय करीब 14,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। यह सैनिक साल 2001 में अमेरिका पर हुए 9/11 आतंकी हमले के बाद अफगानिस्‍तान पहुंचे थे। पाकिस्‍तान इस शांति डील का अहम हिस्‍सा होगा। पाक ने साल 2018 में तालिबान के को-फाउंडर मुल्‍ला बरादर को जेल से आजाद करके यह इशारा किया था कि वह तालिबान को शांति वार्ता के लिए राजी कराने और समझौते की टेबल तक लाने की कोशिशें कर रहा है। पाक हमेशा से यह कहता आया था कि तालिबान को काबुल में सत्‍ता में रखकर ही अफगानिस्‍तान में शांति लाई जा सकती है।

English summary
US Taliban peace deal in Doha, Qatar know all about it.
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