अमेरिका ने डब्लूएचओ की फंडिंग को लेकर बोली ये बात
अमेरिका ने डब्लूएचओ की फंडिंग को लेकर बोली ये बात
नई दिल्ली। कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) से सारे संबंधों को समाप्त कर लिए थे। अप्रैल माह में ही अमेरिका ने डब्लूएचओ को दी जाने वाली फंडिंग को देने से इंकार कर दिया था। एक बार फिर गुरुवार को अमेरिकी प्रवक्ता ने डब्लूएचओ की फंडिंग को लेकर बयान दिया हैं।
अमेरिकी राज्य विभाग के प्रवक्ता ने कहा दुर्भाग्य से, डब्ल्यूएचओ कोरोना से बचाव के उपायों में न केवल नाकाम रहा है वहीं पिछले कुछ दशकों में अन्य स्वास्थ्य संकटों से निपट पाने में बुरी तरह विफल रहा है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का सपोर्ट करते हुए कोरोना को लेकर आवश्यक सुधारों को अपनाने से इनकार कर दिया।
अमेरिकी
राज्य
विभाग
के
प्रवक्ता
अब
अगले
कदम
के
तहत
हम
डब्लूएचओ
के
सभी
पदों
पर
नए
लोगों
की
नियुक्ति
करेंगे
और
जिन
स्वास्थ्य
क्षेत्रों
में
अमेरिका
फंडिंग
कर
रहा
था
हम
उसकी
री
प्रोग्रामिंग
करेंगे।
प्रवक्ता
ने
कहा
कि
जो
डब्लूएचओ
में
हमारा
स्वास्थ्य
संबंधी
उपायों
में
लग
रहा
था
अब
हम
उसे
निकाल
कर
यूएन
के
अन्य
कामों
में
व्यय
करेंगे।
प्रवक्ता
ने
बताया
कि
2021
तक
डब्लूएचओ
में
अमेरिका
की
साक्षेदारी
के
बारे
में
विचार
करेंगे
और
डब्लूएसओ
के
मुख्यालय,
रिजनल
और
कंट्री
ऑफिस
में
एक्सपर्ट
में
बदलाव
करेंगे।डब्ल्यूएचओ
की
बैठकों
में
अमेरिका
की
भागीदारी
मामले
के
आधार
पर
निर्धारित
की
जानी
है।
इन
सभी
संबंधो
के
टूटने
के
बाद
से
अमेरिका
अब
डब्ल्यूएचओ
को
हर
तरह
की
मदद
देना
बंद
कर
देगा
और
इसका
असर
दुनिया
के
कई
देशों
पर
पड़ने
वाला
है।
बता
दें
हर
वर्ष
डब्लूएचओ
को
करोड़ों
की
फंडिंग
करता
था,
लेकिन
संबंधो
के
टूटने
के
बाद
से
अमेरिका
अब
डब्ल्यूएचओ
को
हर
तरह
की
मदद
देना
बंद
कर
दिया
और
इसका
असर
दुनिया
के
कई
देशों
पर
पड़ने
वाला
है।
मई
माह
में
अमेरिका
के
इस
कठोर
फैसले
के
बाद
यूरोपीय
संघ
ने
राष्ट्रपति
डोनाल्ड
ट्रम्प
से
अनुरोध
करते
हुए
कहा
कि
डब्ल्यूएचओ
के
फंडिंग
कटौती
पर
फिर
से
विचार
करें।
यूरोपीय
संघ
ने
भारत
समेत
अन्य
देशों
का
हवाला
देते
हुए
कहा
कि
इन
देशों
में
कोरोना
का
प्रभाव
तेजी
से
बढ़
रहा
है
इसलिए
अपने
फैसले
पर
पुनर्विचार
करें
और
डब्ल्यूएचओ
की
मदद
करें।
यूरोपीय
संघ
ने
कहा
कि
वैश्विक
सहयोग
ही
इस
लड़ाई
(कोरोना
वायरस
के
खिलाफ)
को
जीतने
के
लिए
एकमात्र
प्रभावी
विकल्प
है।
उन्होंने
कहा
था
यह
एकजुट
रहने
का
वक्त
है।
यह
किसी
को
निशाना
बनाने
या
बहुपक्षीय
सहयोग
को
कम
करने
का
समय
नहीं
है।