भारत के लिए अच्छी खबर: अमेरिकी सीनेट में चीन को रोकने और भारत में निवेश का बनेगा कानून, ड्राफ्ट तैयार
अमेरिकन सीनेटर्स को चीन को रोकने और भारत में इन्वेस्ट करने के लिए लेजिस्लेटिव ड्राफ्ट बनाने को कहा गया है
वाशिंगटन: चीन को चुनौती देने और भारत का साथ देने की जोरदार मांग अमेरिकी सीनेट में की गई है। अमेरिकी सीनेट में कहा गया है कि चीन को रोकने और अमेरिकन कंपनियों को भारत में टेक्नोलॉजी और आर्थिक निवेश करे इसके लिए कानूनी ड्राफ्ट बनाया जाए। अमेरिकी सीनेट में उठी ये मांग भारत के लिहाज से काफी अच्छा संकेत माना जा रहा है। अमेरिकी सीनेट में बहुमत पक्ष के नेता ने डेमोक्रेटिक सांसदों को ड्राफ्ट बनाने को कहा है और माना जा रहा है कि रिपब्लिकन भी इस ड्राफ्ट का साथ देंगे।
भारत में इन्वेस्ट करने का मसौदा
अमेरिकी सीनेट के मेजोरिटी लीडर चक शूमर ने डेमोक्रेटिक सीनेटर्स को एक ऐसे विधाई ड्राफ्ट तैयार करने को कहा है जिसमें चीन को रोकने, अमेरिकी लोगों के लिए नौकरी के विकल्प खोजने और अमेरिकन कंपनियों के लिए अमेरिका के सहयोगी देशों और अलांयस जैसे भारत में निवेश के विकल्प तलाशने पर रिपोर्ट हो। इस ड्राफ्ट में सत्ता पक्ष के मुख्य विपक्षी नेता चक शूमर ने कहा कि अमेरिका के सहयोगी देश भारत में निवेश बढ़ाने का मसौदा जल्द से जल्द अमेरिकी सीनेटर्स तैयार करें।
मंगलवार को चक शूमर ने डेमोक्रेटिक सीनेटर्स से अमेरिकी लोगों की नौकरियां बचाने और चीन को रोकने के लिए विधेयक बनाने को कहा है। चक शूमर ने कहा है कि विधेयक तैयार होने के बाद अमेरिकी संसद में इसे पेश किया जाएगा और पास कराने के लिए इसपर वोटिंग करवाई जाएगी। चक शूमर ने इस विधेयक को लेकर कहा कि 'मैंने आज सीनेटर्स और रिलेटिव कमेटी को एक विधायी पैकेज तैयार करने को कहा है जिसमें चीन को रोकने और अमेरिकी लोगों की नौकरियां बचाने को लेकर रिपोर्ट हो'। इसके साथ ही चक शूमर ने अपनी कमेटी से सेमी कंडक्टर उत्पादन को लेकर रिपोर्ट बनाने को कहा है ताकि सेमी कंडक्टर के लिए अमेरिका किसी और देश पर निर्भर ना रहे। आपको बता दें कि सेमी कंडक्टर का सबसे ज्यादा इस्तेमाल कार बनाने में होता है और इस वक्त अमेरिका में काफी कम सेमी कंडक्टर का उत्पादन होता है।
चीन को रोकने की कानूनी तैयारी
अमेरकी सीनेट के मेजोरिटी लीडर चक शूमर ने कहा कि अमेरिका अभी टेलीकम्यूनिकेश में नंबर वन पर है और 5G क्षेत्र में भी अमेरिका नंबर बरकरार रहे इसकी तैयारी करने के लिए रिपोर्ट बनाने को कहा गया है। अमेरिका में सिर्फ इस महीने ही 20 एंटी चायना विधेयक सीनेट के सामने रखे जा चुके हैं, जिसपर बहस होना बाकी है। इसके साथ ही यूएस सीनेट फाइनेंस कमेटी के अध्यक्ष सीनेटर टोड यंग ने डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी से कहा है कि वो इस बात का ध्यान रखे कि अमेरिकन नागरिक उन चीनी कंपनियों या उन चायनीज प्रतिष्ठान में निवेश ना करे जिसपर अमेरिका प्रतिबंध लगा चुका है।
चीन की सबसे बड़ी कमजोरियों में से एक सबसे बड़ी कमजोरी लार्ज स्केल फाइनेंसिंह है जिसकी पूर्ति अमेरिका करता है और अब अमेरिका की कोशिश है कि उसपर अंकुश लगाया जा सके। अमेरिकी फाइनेंस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिकी फाइनेंस कंपनियां सबसे ज्याजा फाइनेंस चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी समर्थित कंपनियों और उद्योग धंधों को करती हैं। लिहाजा हमें किसी भी हाल में अमेरिका की आंतरिक सुरक्षा और अमेरिकन कंपनियों के हितों की रक्षा करनी होगी। वहीं, चार रिपब्लिकन सीनेटर्स ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को लिखी चिट्ठी में कहा है कि अमेरिकन इंस्टीट्यूसन्स द्वारा दिए गये उस रिपोर्ट को सरकार ध्यान में रखे जिसमें चीन की कई कंपनियों पर अमेरिका में साजिश रचने का आरोप है और जिसे चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी सपोर्ट करती हैं।
माना जा रहा है कि जब ड्राफ्ट तैयार होने के बाद इसे अमेरिकन सीनेटर्स के सामने रखा जाएगा तो ये आसानी से पास हो जाएगा। क्योंकि डेमोक्रेटिक सांसद जहां बिल को पेश करेंगे वहीं चीन के खिलाफ होने की वजह से रिपब्लिकन सीनेटर्स इसके पक्ष में ही वोट करेंगे।
Special Report: हिंद महासागर में चीनी उम्मीदों को धराशायी करते हुए भारत ने बड़ी लड़ाई जीत ली है