माइक पोम्पिओ बोले-चीनी कम्युनिस्ट पार्टी धार्मिक स्वतंत्रता के लिए सबसे बड़ा खतरा
जकार्ता। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने इंडोनेशियाई मुस्लिम नेताओं से उइगुर मुस्लिमों के साथ चीन द्वारा किए जा रहे दुर्व्यवहार के खिलाफ बोलने का आग्रह किया है। उन्होंने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को धार्मिक स्वतंत्रता के भविष्य के लिए दुनिया का "सबसे गंभीर खतरा" है। माइक पोम्पिओ अपनी एशिया यात्रा के दौरान लगातार चीन को घेर रहे हैं। भारत की दो दिन की यात्रा के बाद श्रीलंका और मालद्वीव के बाद इंडोनेशिया पहुंचे।
जकार्ता में विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने गुरुवार को प्रमुख मुस्लिम संगठन नाहदतुल उलमा के एक कार्यक्रम में कहा कि, धार्मिक स्वतंत्रता के भविष्य के लिए सबसे बड़ा खतरा चीनी कम्युनिस्ट पार्टी है। जो दुनियाभर के धर्मों जैसे मुस्लिम, बौद्ध, ईसाई और फालुन गोंग के खिलाफ युद्ध लड़ रही है। उन्होंने कहा कि, नास्तिक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने दुनिया को यह समझाने की कोशिश की है कि शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों के साथ की जा रही क्रूरता उसके आतंकवाद-विरोधी प्रयासों या गरीबी उन्मूलन का हिस्सा है।
माइक पोम्पिओ ने कहा कि, लेकिन आप जानते हैं और हम जानते हैं कि रमजान के दौरान उइगरों को सूअर का मांस खाने या मुस्लिम कब्रिस्तान को नष्ट करने के लिए मजबूर करना कोई आतंकवाद-निरोध नहीं है। शिक्षा के नाम पर बच्चों को माता-पिता से दूर रखा जा रहा है। वहीं चीनी सरकार उइगरों के साथ नसबंदी जैसे कदम उठा रही है। हालांकि चीन ने इन आरोपों का खंडन किया है।
पोम्पेओ ने बीजिंग की खुश उइगरों की शानदार कहानियों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने इंडोनेशियाई लोगों को यह समझाने की कोशिश की है कि आपके साथी मुस्लिमों को पीड़ित कर रहे हैं। इस बारे में सोचें कि आप क्या जानते हैं कि कैसे एक सत्तावादी सरकार उन लोगों के साथ व्यवहार करती है जो इसके शासन का विरोध करते हैं। अमेरिकी सरकार का कहना है कि चीन ने एक लाख से अधिक मुसलमानों को हिरासत में लिया है। चीनी सरकार उनके साथ जुल्म कर रही है।
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